Narayani Mata Temple Alwa In Hindi

Narayani Mata Temple Alwa In Hindi | नारायणी माता मंदिर के दर्शन की जानकारी

नमस्कार दोस्तों Narayani Mata Temple In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम नारायणी माता मंदिर और उसमे दर्शन की सम्पूर्ण जानकारी बताने वाले है। सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के नजदीक में स्थित अलवर शहर से 80 किलोमीटर दूर नारायणी माता मंदिर एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। नारायणी माता भगवान शिव की पहली पत्नी सती को समर्पित है। यह मंदिर का निर्माण सफेद संगमरमर से डिजाइन किया गया है। नारायणी माता मंदिर के नजदीक छोटा सा गर्म पानी का झरना उसको ज्यादा खूबसूरत बनाता है।

नारायणी माता मंदिर के पुजारी मीणा जाति के और मंदिर पूरी तरह से साईं जाति को समर्पित है। यहाँ बनिया जाति के लोगों को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। अलवर जिले का नारायणी धाम अपने चमत्कारों कारन जन-जन की आस्था का केंद्र है। सैन समाज के साथ यहां और भी समाज के लोग माता के दरबार में आस्था के साथ आते है। हर साल यहां कई तीर्थयात्रि वसंत ऋतु में आते हैं। नारायणी धाम (Narayani dham) पर कुंड से अटूट जलधारा का रहस्य आज भी कोई नहीं जान सका है।

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Narayani Mata Temple History

नारायणी माता मंदिर का इतिहास बताए तो पौराणिक कथा के मुताबिक नारायणी माता शिवजी भगवान की पहली पत्नी सती का अवतार है। मान्यता के मुताबिक जिस समय नारायणी माता अपने ससुराल जा रही थीं। तो जाते उसके पति को सांप ने काट लिया था। उसके कारन उसकी मौत हो गई थी। नारायणी माता दुःखी हुई और बैठकर भगवान शिवजी से प्रार्थना कि थी। उन्होंने महादेव से कहा की मेरे पति को जीवन दे या मृत पति के साथ सती होने की इजाजत देदे।

भगवान महादेव के प्रति भक्ति और मृत पति के साथ जुड़ने की इच्छा से शिव ने दोनों को भस्म करने के लिए अपनी पवित्र अग्नि को भेज दिया था। उससे अपने पति के साथ सती हो गई। उस समय से यह पवित्र स्थल पर नारायणी माता के मंदिर की स्थापना हुई है। उतना ही नहीं सती प्रथा को बंद करने श्री राजीव गांधी ने 1993 से पहले हर साल मंदिर स्थल पर स्थानीय लोगों से आयोजन होने वाले  मेले को प्रतिबंधित किया था।

Narayani Mata picture
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Best Time To Visit Narayani Mata Mandir

पर्यटक कोई भी समय Narayani mandir की यात्रा कर सकते है। लेकिन नारायणी माता का धाम घूमने जाने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च का समय है। क्योंकि उस समय यहाँ का मौसम बहुत सुहावना होता है। अगर यात्री नारायणी माता मंदिर की सुखद यात्रा करना चाहते हैं। तो यहां का दौरा करने का सबसे अच्छा समय सर्दियों मौसम है। यात्री आसानी से मंदिर में घूम सकते हैं। गर्मियों के मौसम में नारायणी माता मंदिर की यात्रा करना अच्छा नहीं है क्योंकि उस समय यहाँ गर्मी पड़ती है।

Narayani Mata Temple Entry Fees

नारायणी माता मंदिर में पर्यटक या भक्तो को दर्शन के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नही है। यहाँ यात्री को कोई भी बिना किसी शुल्क के प्रवेश करके घूम सकते है। नारायणी माता मंदिर में बनिया (अग्रवाल) को प्रवेश की अनुमति नहीं है।

Narayani Mata Mandir Timings

नारायणी माता के मंदिर के दर्शन का समय बताए तो मंदिर हर दिन सुबह 8.00 से शुरूहोकर रात 8.00 तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। उस समय के बीच यात्री कोई भी वक्त दर्शन के लिए नारायणी माता मंदिर जा सकतें हैं।

narayani mata photo
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Famous Tourist Places Around Narayani Mata Mandir

  • बाला किला अलवर
  • भानगढ़ किला
  • सिलीसेढ़ झील
  • सिलिसर लेक पैलेस
  • सरिस्का नेशनल पार्क 
  • सरिस्का पैलेस अलवर 
  • केसरोली अलवर
  • विनय विलास महल या सिटी पैलेस 
  • नीलकंठ महादेव मंदिर
  • विजय मंदिर महल अलवर
  • पांडुपोल मंदिर अलवर
  • मूसी महारानी की छतरी अलवर

नारायणी माता का धाम के नजदीक घूमने लायक स्थल

नारायणी माता का धाम अलवर के आसपास में घूमने लायक प्रमुख पर्यटन और आकर्षण स्थल की जानकारी बताए तो अगर आप ने फ्रेंड एव फेमिली के साथ अलवर में नारायणी माता मंदिर घूमने के बाद यहाँ के कई जगह देखने योग्य है। जिसको पर्यटक अपनी यात्रा सूची में जरूर शामिल करना चाहिए। और उसको देख पर्यटक राजस्थान के बड़े शहर अलवर की यात्रा सफल कर सकते है। 

Kesroli Alwar (केसरोली अलवर)

केसरोली राजस्थान के अलवर शहर के अच्छे होटलों में शामिल है। वह 14 वीं शताब्दी का हिल फोर्ट-केसरोली शहर से दूर हफ्ते भर की छुट्टी मानाने के लिए प्रसिद्ध हैं। नीमराना का हिल फोर्ट-केस्रोली एक शानदार प्राचीन महल है। वह महल इतिहास को उजागर करता है। यह होटल में बड़ा स्विमिंग पूल और सुंदर बगीचे के साथ अनेक सुविधाएं हैं। होटल पूरी तरह से राजस्थानी शैली में सजा पर्यटकों को रॉयल्टी का अहसास दिलाता हैं।

नारायणी माता की फोटो
नारायणी माता की फोटो

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Bala Fort Alwar (बाला किला)

अलवर किला या बाला किला राजस्थान के अलवर शहर पर अरावली में स्थित है। किला अलवर का निर्माण 15 वीं शताब्दी में हसन खान मेवाती ने करवाया था। अलवर शहर को राजसी दृश्य दिखता बाला किला अलवर शहर में 300 मीटर ऊंची चट्टान पर स्थित है। पर्यटक अगर नारायणी माता मंदिर घूमने जाते हैं तो अलवर किला भी जरूर जाना चाहिए।

Bhangarh Fort Alwar (भानगढ़ का किला) 

अलवर जिले की अरावली पर्वतमाला में सरिस्का अभ्यारण्य पर भानगढ़ का किला स्थित है। भानगढ़ किला अलवर शहर का एक बेहद प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। वह अपनी भुतिया किस्सों से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। राजस्थान की सबसे डरावनी जगहों में भानगढ़ का किला शामिल है। आपको बतादे की भानगढ़ किले को राजस्थान के सबसे प्रेतवाधित स्थलों में गिना जाता है। भानगढ़ किला एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। पर्यटक यहाँ जाने के पश्यात यहां की वीरान जगह को देखकर गभरा जाते है। यहाँ कई समय किले में चिल्लाने, रोने की आवाज़े, चूड़ियों के खनकने की आवाज और कई तरह की परछाइयां दिखाई देती हैं।

Moosi Maharani Ki Chhatri Alwar (मूसी महारानी की छतरी)

यह स्थल पर राजस्थान के राजपूत महाराजा बख्तावर सिंह और उनकी महारानी मूसी की शाही समाधि है। यह स्मारक के मुख्य महल के बाहर रखा गया है। मूसी महारानी की छतरी सुंदर लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से निर्मित अलवर के शासकों का एक खूबसूरत स्मारक है। उसको आप अपनी यात्रा में देख सकते है।

Narayani Mata Temple Images
Narayani Mata Temple Images

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Vinay Vilas Mahal Or City Palace (विनय विलास महल या सिटी पैलेस)

अलवर के आकर्षक स्थलों में विनय विलास महल शामिल है। यह वास्तुशिल्प चमत्कार में शाही जीवन शैली की झलक देखने को मिलती है। यह मुख्य रूप से एक संग्रहालय के रूप में हैं। वह पुराने ऐतिहासिक समय के रहस्यों, संस्मरणों और राजाओं का परिचय देती है। यात्री अपनी अलवर की यात्रा में विनय विलास महल को देख सकते है।

Siliserh Lake (सिलीसेढ़ झील)

राजस्थान की खूबसूरत झीलो में सिलीसेढ़ झील शामिल है। वह अलवर कि प्रसिद्ध जगहों में से एक है। यह स्थल शहर की भीड़-भाड़ से एक शांति, शुकून और मनोरंजन का स्थल है। वर्तमान समय में सिलीसेढ़ झील एक पिकनिक स्पॉट के रूप में प्रसिद्ध है। पर्यटक अगर नारायणी माता मंदिर दर्शन करने जाते है तो यात्री को कुछ समय यह खूबसूरत झील जरूर देखनी चाहिए।

Vijay Mandir Palace Alwar (विजय मंदिर महल)

विजय मंदिर महल अलवर के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। विजय मंदिर पैलेस को राजा जय सिंह ने बनाया था। जय सिंह वास्तुकला के संरक्षक और उन्हें खूबसूरत महल बनाने का शोख था। विजय मंदिर महल झील के पास खूबसूरत उद्यान के बीच स्थित है। यह महल में 105 कम अच्छी तरह से सजे हैं। महल के का मुख्य आकर्षण सीता राम मंदिर है।

Narayani Mata ki photo
Narayani Mata ki photo

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Sariska Palace Alwar (सरिस्का पैलेस)

सरिस्का पैलेस का निर्माण अलवर के राजा सवाई जय सिंह ने 1892 में करवाया था।  सरिस्का पैलेस बहुत खूबसूरत और बेहद आकर्षिक है। भव्य महल तक़रीबन 20 एकड़ में फैला है। वह पर्यटकों को मंत्र मुग्ध कर देता है। सरिस्का पैलेस की सुंदरता को सरिस राष्ट्रीय उद्यान चार चाँद लगता है। महाराजा सवाई जय सिंह ने महल को मेहमानों और शिकार लॉज के लिए बनाया था। आज सरिस्का पैलेस 5 स्टार होटल के रूप में खुला है। वह राजस्थान के लोकप्रिय होटलों में शामिल है।

Pandupol Temple Alwar (पांडुपोल मंदिर)

पांडुपोल नाम का खूबसूरत मंदिर भगवान हनुमान मंदिर को समर्पित है।

वह अलवर के मुख्य मंदिरों में से एक है।

मंदिर सरिस्का के जंगलों में स्थित है।

पौराणिक कथा के मुताबिक पांडवों ने अपना समय बिताया था।

Neelkanth Mahadev Temple (नीलकंठ महादेव मंदिर)

नीलकंठ मंदिर टाइगर रिजर्व में एक खंडहर बना नीलकंठ मंदिर है। यह मंदिर अपने धामिक महत्त्व, उत्कृष्ट पत्थर नक्काशी और हरे-भरे जंगलों के लिए प्रसिद्ध स्थल है। यह तक़रीबन 30 किमी दूर कुछ मंदिरों का एक समूह है।

Narayani Mata Temple Alwa In Hindi
Narayani Mata Temple Alwa In Hindi

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Sariska National Park (सरिस्का नेशनल पार्क)

सरिस्का टाइगर रिजर्व एक राष्ट्रीय उद्यान है जहां आप प्रकृति का मिश्रण पाएंगे। उसमें पहाड़, घास के मैदान, शुष्क पर्णपाती वन और चट्टानें हैं। वह 800 वर्ग किलोमीटर से अधिक विस्तार में फैली हुई हैं। अलवर में स्थित टाइगर रिजर्व अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा है। वर्तमान में बाघों के अलावा कई जानवरों का घर, रिजर्व प्रकृति को अपने सर्वोत्तम रूप में प्रदर्शित करता है। जंगली बिल्लियाँ, रीसस मकाक, सांभर, चीतल, जंगली सूअर आदि जानवर यहाँ पाए जाते हैं।

Local Food Narayani Mata Temple Alwar

  • मावा
  • कलाकंद
  • राजस्थानी व्यंजन
  • पुरी
  • दाल बाटी चोइर्मा
  • रबड़ी
  • लस्सी
  • गट्टे की सब्जी

How To Reach Narayani Mata Temple Alwar

Narayani Mata picture
Narayani Mata picture

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ट्रेन से नारायणी माता मंदिर अलवर कैसे पहुँचे

How To Reach Narayani Mata Temple By Train – नारायणी माता मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन अलवर रेलवे जंक्शन है। वह  शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है। जहां से भारत और राज्य के सभी मुख्य शहरों से नियमित ट्रेन चलती हैं। पर्यटक ट्रेन से यात्रा करके अलवर पहुच सकते है। उसके बाद वहा से बस, टैक्सी या ऑटो रिक्सा की सहायता से नारायणी माता मंदिर पहुच सकते हैं।

सड़क मार्ग से नारायणी माता मंदिर अलवर कैसे पहुँचे

How To Reach Narayani Mata Temple By Road – राजस्थान राज्य के सभी मुख्य शहरों से अलवर के लिए हररोज़ बस सेवाएं हैं। पर्यटक दिन या रात कोई भी समय बस से सफर करते हुए जा सकते हैं। उसके बाद जयपुर और जोधपुर से यात्री अलवर जाने के लिए टैक्सी, कैब या कार से यात्रा करके नारायणी माता मंदिर अलवर बहुत आसानी से पहुच सकते हैं।

फ्लाइट से नारायणी माता मंदिर अलवर कैसे पहुँचे

How To Reach Narayani Mata Temple By Flight – राजस्थान के अलवर शहर के लिए सीधी फ्लाइट कनेक्टिविटी नहीं है। मगर अलवर का नजदीकी हवाई अड्डा दिल्ली शहर में 170 किमी दूर है। पर्यटक यह हवाई अड्डे से अलवर जाने के लिए बस या टैक्सी की सहायता ले सकते हैं। उसके बाद अलवर शहर से आसानी से नारायणी माता मंदिर जा सकते हैं।

narayani mata photo
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Narayani Mata Temple Alwar Map नारायणी माता मंदिर का लोकेशन

Narayani Mata Mandir In Hindi Video

Interesting Facts About Narayani Mata Temple

  • नारायणी धाम राजस्थान के प्राकृतिक सौन्दर्य से पूर्ण अलवर ज़िले में स्थित है।
  • नारायणी धाम में सेन समाज की कुलदेवी माता नारायणी विराजमान हैं। 
  • माता नारायणी मंदिर पर प्राकृतिक जल की धारा फूट रही है। 
  • नारायणी माता भगवान शिव की पहली पत्नी सती का अवतार है।
  • अलवर जिले का नारायणी धाम चमत्कारों की वजह से प्रसिद्ध है।
  • नारायणी माता का मंदिर 11वीं सदी प्रतिहार शैली में बना है।
  • नारायणी धाम में जलधारा का महत्व गंगा सरीखा है।

FAQ

Q .नारायणी देवी कौन है?

नारायणी देवी सेन समाज की कुलदेवी है। 

Q .नारायणी माता का गांव कौन सा था?

सरिस्का वन क्षेत्र के पास जंगलों से घिरे वरवा की डूंगरी की तलहटी में नारायणी माता का मंदिर स्थित है।

Q .नारायणी माता के पति का नाम क्या है?

नारायणी माता भगवान शिव की पहली पत्नी सती का अवतार है।

Q .अलवर में कौन सी माता का मंदिर है?

अलवर में नारायणी माता का मंदिर स्थित है।

Q .नारायणी माता का मंदिर किस शैली में बना है।

नारायणी माता का मंदिर प्रतिहार शैली में बना है। 

Conclusion

आपको मेरा लेख Narayani Mata Temple Alwa In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये Narayani Mata history in hindi, नारायणी माता का मंदिर अलवर

और नारायणी माता का इतिहास से सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है।

अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है।

हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।  

Note

आपके पास नारायणी माता का जन्म कहां हुआ की जानकारी हैं। या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिख हमे बताए हम अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद। 

! साइट पर आने के लिए आपका धन्यवाद !

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नारायणी माता कितने किलोमीटर है

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नारायणी माता का स्थान

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नारायणी माता का मंदिर दिखाइए

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नारायणी माता का पहला भाग

नारायणी माता को

Narayani Mata ka mandir kahan hai

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