Complete information of Warangal Fort in Hindi में आपका स्वागत है। आज हम वारंगल किला का इतिहास और घूमने की जानकारी बताने वाले है। तेलंगाना राज्य में वारंगल किला का वारंगल का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। जो वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का नमूना है। यह किला एक के समय में एक खंडहर में है ,लेकिन आज भी काकतीय राजवंश की ऐतिहासिक भव्यता और वास्तुकला को प्रदर्शित करता खड़ा है। वारंगल किले का खंडहर किसी भी पैलेस, महल या फोर्ट से मिलता जुलता नहीं है।
उसका यह कारन है की यह खंडहर किले से राजाओ से निर्मित शानदार दीवारें, तोपें और कोर्ट हॉल देखने को नहीं मिलते है। ऐसा कहे तो कुछ गलत नहीं है। की सिर्फ चंद अवशेष ही देखने को मिलते है। यह किले का मुख्य आकर्षण चार सजावटी द्वार है। हनमकोंडा एव वारंगल से यह किला तक़रीबन 20 किमी दूर तेलंगाना राज्य का ऐतिहासिक आकर्षण के रूप में स्थित है। fort warangal को देखने देश विदेश के कई यात्री आते रहते है। तो चलिए warangal fort built by की जानकारी के साथ वारंगल किले का इतिहास शुरू करते है।
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Warangal Fort History In Hindi
वारंगल किले का निर्मणा काकतीय वंश के साम्राज्य के समय हुआ था। वारंगल शहर में राजा गणपतिदेव ने यह किले का निर्मणा 1175 से 1324 सीई के मध्य में करवाया था। 12वीं शताब्दी में निर्मणा हुआ यह किला राजा गणपतिदेव की मौत के बाद उनकी बेटी द्रमा देवी ने यहाँ अपना अधिपत्य जमाया और पूरे राज्य को अपने कब्जे में ले लिया था । 1262 में जब राजा गणपतिदेव नहीं रहे तो द्रमा देवी ने यहाँ शासन किया था। कई आक्रमणों को सहन करने वाला यह किला बहुत ही मजबूती से बना था।

प्रतापरुद्र द्वितीय के साम्राज्य के समय में यानि 1309 में अलाउद्दीन खिलजी ने हमला किया था । उस युद्ध में खिलजी की और से तक़रीबन 100,000 सैनिकों ने किले पर हमला किया था। यह युद्ध महीनो तक चला था। राजा प्रतापरुद्र दूसरे अपने किले की रक्षा के लिए बहुत ताकतवर थे। लेकिन वह कुतुब शाही वंश के हैदराबाद के निजाम आक्रमण से नहीं जित पाए। और वही से किले के विनाश की शुरुआत हो चुकी थी। मध्यकालीन वास्तुकला की भव्यता एव काकतीय शासकों की बहादुरी प्रदर्शित करता आज भी एक खंडहर के रूप में स्थित है।
वारंगल किले का प्रवेश शुल्क
आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ वारंगल दुर्ग गुमने के लिए जाते है। तो Warangal Fort Entry Fee की जानकरी बताये यात्रियों के लिए। वारंगल फोर्ट की एंट्री फीस में भारतीय पर्यटकों के लिए 15 रूपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रूपये का शुल्क लिया जाता है। अगर आप शूटिंग करना चाहते है। तो विडियो कैमरा के लिए 25 रूपये देने होंगे।

Warangal Fort Timings In Hindi
अगर आप किसी स्थान पर गुमने के लिए जाते है। तो उसका शुरू और बंद होने का समय जरूर पता होना चाहिए। (is warangal fort open) वैसे ही वारंगल फोर्ट की टाइमिंग यानी खुलने और बंद होने का समय बताये तो वारंगल फोर्ट सुबह 10 बजे से लेकर के शाम के 7 बजे तक खुला रहता है। और सप्ताह के सातों दिन खुला ही होता हैं।

वारंगल किला घूमने का सबसे अच्छा समय
आप अगर Best Time To Visit Warangal Fort की तलाश में है। तो वैसे तो पुरे वर्ष में वारंगल फोर्ट घूमने जा सकते है। लेकिन वारंगल फोर्ट घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय बताये तो आपको सर्दियों के मौसम में जाना चाहिए। क्योकि सितंबर से मार्च के मौसम में वातावरण सुखद, निर्मल और सुहावना होता है।

वारंगल किले की यात्रा के लिए टिप्स
- आपको वारंगल किले को सम्पूर्ण देखने के लिए 3 से 4 घंटे का समय चाहिए।
- किले में आयोजित होने वाले लाइट एंड साउंड शो में जरूर हिस्सा लेना चाहिए।
- सर्दियों के मौसम में वारंगल किले की यात्रा करे।
- दूसरे मौसम में जाने केलिए आपको सुबह जल्दी या शाम के समय जाना चाहिए।
- गर्मियों के मौसम में जाने के लिए टोपी, सनग्लासेस और पानी की बोटल्स जरूर होती है।
- अगर आपको फोटोग्राफी करने का शौख है तो कैमरा भी साथ रखे।
Warangal Kila
Warangal Fort Architecture in Hindi
हमारे भारत में वारंगल किला (warangal fort hyderabad) थोरियन स्थापत्य शैली में निर्मित एक अद्भुत संरचना है। वारंगल किले की वास्तुकला तक़रीबन 12 वीं शताब्दी की वास्तुकला देखने को मिलती है। यह पैलेस निर्माण के समय यानि खंडहर में बदलने से पहले पैलेस 45 शानदार स्तंभों से बनाया गया था। यह स्तंभ जटिल नक्काशी से भरे हुए थे। वर्तमान में खण्डहर के किले के दो दीवारों के साथ चार विशाल प्रवेश द्वार साँची शैली में बने हुए हैं। जो पत्थर पर बारीक काम और शेर एव हंस जैसी चिड़ियों को दर्शाने वाले आकृतिया देखने को मिलती है। किले को आक्रमणकारियों से बचाने के लिए तीन गोल दीवारों के साथ मजबूत बनाया था। देवी रुद्रमा ने वारंगल किले की पहली दीवार मिट्टी से 150 फीट चौड़ी और 2.4 किमी के व्यास में दूसरी दीवार के बाहरी विभाग को कवर करती बनाई गई थी।

वारंगल किला का प्रमुख आकर्षण
आज के समय में एक खंडहर बना है। लेकिन यहाँ स्वयंभू देवालयम स्थित है। यह मंदिर भगवन भोले नाथ को समर्पित है। यह शिवजी का टेम्पल तक़रीबन 1162 ईस्वी में बनाया गया था। यह मंदिर किले के बीचो बिच स्थित है। यह मध्ययुगीन टेम्पले में अद्भुत मूर्तिया के साथ साथ एक विशाल नंदी की मूर्ति देखने को मिलती है। उसके अलावा यहाँ शंभूलिंगेश्वर मंदिर, दूसरे शिव मंदिर और ओपन एयर संग्रहालय भी शामिल है। वर्तमान समय में भले ही यह एक खंडहर फोर्ट है। लेकिन यहाँ कई प्राचीन मंदिर देखने को मिलते है। जिन्हे देखने के लिए पर्यटक आया करते है।

वारंगल किले में लाइट एंड साउंड शो
यह किले का Light and Sound Show को पर्यटक को जरूर देखना चाहिए। क्योकि वास्तुशास्त्र के साथ यात्री को यहाँ साउंड एंड लाइट शो का आनंद मनमोहक है। फ़स्ट शो शाम 6:30 बजे से 7:20 के बीच तेलुगु भाषा में प्रदर्शित होता है। सेकंड शो शाम 7:30 बजे से 8:20 बजे इंग्लिश भाषा में दिखाया जाता है। वारंगल किला में साउंड एंड लाइट शो यह फोर्ट का मुख्य आकर्षण और यात्री को वास्तु और ऐतिहासिक महत्व के बारे में परिचित करता है। लाइट एंड साउंड शो की टिकट की बात करे तो वयस्क पर्यटकों के 40 रूपये एव बच्चो के लिए 20 रूपये का शुल्क लिया जाता है।

वारंगल किले के नजदीकी पर्यटक स्थल
अगर आप वारंगल फोर्ट के आसपास घूमने की जगह की तलाश में है। तो आपको बतादे की यह स्थल पर पर्यटकों के लिए घूमने फिरने के कई आकर्षक स्थाउपलब्ध है। कुछ नाम हम बताएँगे जिन्हे देख के आप अपनी यात्रा को बहुत यादगार बना सकते है।
- वारंगल किला
- श्री वीरनारायण मंदिर
- इटर्नगरम वन्यजीव अभयारण्य
- रायपार्थी शिव मंदिर
- मेदराम गाँव
- काकतीय रॉक गार्डन
- पाखल झील
- भद्रकाली मंदिर
- मिनी चिड़ियाघर
- कुलपाकजी जैन मंदिर
- इनावोलु मल्लन्ना मंदिर
- पद्माक्षी मंदिर
- श्री विद्या सरस्वती शनि मंदिर
- सिद्धेश्वरा मंदिर
- हजार स्तंभ मंदिर
- इस्कॉन मंदिर
- काकतीय संगीत उद्यान
- लकनावरम चेरुवु
- गोविंदराजुला गुट्टा
- रामप्पा मंदिर
वारंगल तस्वीरें
वारंगल किला यात्रा में रुकने के लिए होटल्स
अगर आप वारंगल किला और उसके नजदीकी प्रमुख पर्यटक स्थल में घूमने जाते है। तो आपको फ्रेंड्स और फैमली को ठहरने के लिए। आपको वारंगल में कम बजट से लेकर लग्जरी बजट तक की सभी प्रकार की होटल्स और गेस्ट हॉउस उपलब्ध हैं। कुछ नाम हम भी देते है। अगर पसंद है तो आप[ भी बुक कर सकते है ।
- Supreme Hotel
- Raghavendra Lodge
- Ratna Hotel
- Hotel Shanti Krishna
- Hotel Surya
वारंगल का स्थानीय भोजन
आप वारंगल किला घूमने जाते है। तो वारंगल शहर में पर्यटको को स्वादिष्ट और मनपसंद भोजन उपलब्ध होता है। लेकिन आपको वह स्थान का स्पेशियल खाना यानि स्थानीय भोजन जरूर करना चाहिए। क्योकि वारंगल किले के साथ यह स्थान अपने भोजन के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ आपको साउथ इंडियन एव नॉर्थ इंडियन खाने के साथ जलेबी, अचार, ग्राम पाउडर सब्जिया, लसकोरा उना और हैदराबादी बिरयानी का स्वाद चखने को मिलता है।

Warangal Fort वारंगल तक कैसे पहुंचे
रेलवे से वारंगल किला तक कैसे पहुँचे
अगर आप वारंगल किला जाने के लिए (Train) ट्रेन यानि रेलवे मार्ग को पसंद करते है। तो आपको बतादे की वारंगल शहर का रेलवे स्टेशन तेलंगाना राज्य के सभी मुख्य शहरो से बहुत अच्छे से रेलवे मार्ग से जुड़ा हुआ है। इसी कारन आप बहुत ही आसानी से वारंगल किला तक का सफर तय कर सकते है। वह से समय समय सभी ट्रेने चलती रहती है।
सड़क मार्ग से वारंगल किला कैसे पहुँचे
अगर आप राजगढ़ किला जाने के लिए (Raod) सड़क मार्ग को पसंद करते है। तो आपको बतादे की वारंगल सड़क मार्ग भारत के सभी शहरों से बहुत अच्छे से जुड़ा हुआ है। वारंगल किला तक जाने के लिए पर्यटक की सफर आरामदायक एव आसान है। तेलंगाना राज्य सरकार और वहा की खानगी ट्रेवल एजेंसीयों की बसो की सहायता आप आसानी से वारंगल किला तक पहुंच सकते है।
फ्लाइट से वारंगल किला कैसे पहुँचे
अगर आप वारंगल किला जाने के लिए (Flight) फ्लाइट को पसंद करते है। वारंगल शहर से 172 किलोमीटर दूर हैदराबाद हवाई अड्डा वारंगल किले का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। वह से पर्यटक बस, टैक्सी या कैब के सहायता से वारंगल किला पहुँच सकते है।
Warangal Fort location – वारंगल फोर्ट मेप
Warangal Fort History In Hindi Video
Interesting Facts –
- वारंगल किला बनने से पहले 8 वीं शताब्दी में यहाँ यादव राजाओं के शासन किया था।
- किले की सुरक्षा के लिए हेतु दीवार के साथ 45 बहुत बड़े टॉवर बनाये गए थे।
- फोर्ट के आँगन में दक्षिण में एक शिव मंदिर जिसमे भगवन शिव का चतुर्मुखी शिवलिंग है।
- वारंगल किले को 10/09/2010 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है।
- 12 वीं शताब्दी में वारंगल किला काकातिया वंश की राजधानी थी।
- अलाउद्दीन खलजी के जनरल मलिक कफूर ने 100,000 के सैन्य से हमला किया था।
- रुद्रमा देवी ने अपने शासनकाल में किले की दीवार 29 फीट करदी थी।
FAQ –
Q : वारंगल का किला कहा है? (where is warangal fort located)
A : भारत के कर्णाटक राज्य के वारंगल शहर में वारंगल का किला स्थित है।
Q : वारंगल का किला किसने बनवाया था?
A : राजा गणपतिदेव ने वारंगल का किला 1175 से 1324 सीई के मध्य में बनाया था।
Q : काकतीय वंश का संस्थापक कौन थे?
A : चोल द्वितीय’ एवं ‘रुद्र प्रथम’ ने ‘काकतीय राजवंश’ की स्थापना की थी।
Q : वारंगल किला क्यों बनाया गया था?
A : काकतीय वंश के राजा राजा गणपतिदेव ने अपनी राज्य की राजधानी के लिए वारंगल किला बनाया था।
Q : वारंगल को किसने नष्ट किया?
A : अलाउद्दीन खलजी के सेनापति मलिक कफूर के आक्रमण ने वारंगल किले को नष्ट किया था।
Q : वारंगल का पुराना नाम क्या है?
A : ओरुकली वारंगल का पुराना नाम था।
Q : वारंगल पर किसने शासन किया?
A : यादव राजाओं, राजा गणपतिदेव, रुद्रमा देवी और अलाउद्दीन खलजी ने वारंगल पर शासन किया था।
Conclusion –
आपको मेरा Warangal Fort History In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये warangal fort telangana और
warangal fort built by से सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है।
अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो कहै मेंट करके जरूर बता सकते है।
हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।
Note –
आपके पास the famous warangal fort was built by या nit warangal की कोई जानकारी हैं।
या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे / तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है।
तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद।
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