आज हम Tehri Dam History in Hindi में टिहरी बांध का इतिहास और यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी बताने वाले है। उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले में भागीरथी नदी पर बना भारत का सबसे बड़ा बांध है।
575 मीटर लम्बा एव 261 मीटर ऊँचा यह बांध दुनिया का 8 वाँ सबसे ऊँचा और भारत का सबसे ऊँचा बांध है। Dam दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजना मे से एक और 52 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में बना 2.6 क्यूबिक किलोमीटर के लिए एक जलाशय है। यह डैम में हिमालय से निकलती भिलंगना और भागीरथी नदि से पानी प्राप्त करता है। सिंचाई में पानी देने के अलावा बांध 1,000 मेगावाट विद्युत पैदा करता है।
डैम का पहला बिजली पैदा करता चरण 2006 में पूर्ण हुआ और दो चरण अभी भी जारी हैं। जो समय पर पूर्ण कर दिए जायेंगे। टिहरी बांध सिंचाई बिजली और परियोजनायों के साथ एक अच्छे पर्यटक स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है। क्योकि यहाँ हजारों की संख्या में यात्रालु घूमने के लिए आया करते है। उसका मुख्य आकर्षण सुरम्य हरी पहाड़िया और टिहरी झील है। तो चलिए आज हम Tehri Dam in Hindi में टिहरी बांध के फायदे और नुकसान एव टिहरी का इतिहास की जानकारी बताते है।
Uttarakhand Tehri Dam History in Hindi –
नाम | टिहरी बाँध |
नदी | भागीरथी नदी, भिलंगना नदि |
पता | टिहरी जिला, उत्तराखंड, भारत |
बाँध की लंबाई | 575 मी (1,886 फीट) |
बाँध की ऊंचाई | 260.5 मी (855 फीट) |
चौड़ाई | शिखा की चौड़ाई 20 मी (66 फीट)
आधार की चौड़ाई 1,128 मी (3,701 फीट) |
निर्माण तिथि | 1978 |
शुभारम्भ | 2006 |
जलाशय क्षमता | 2,100,000 एकर·फ्ट |
निर्माण खर्च | सं॰रा॰ $१ बिलियन |
टिहरी बाँध का इतिहास –

कई विवाद और संघर्षो के पश्यात 1961 में Tehri dam project के लिए जांच पूरी होकर उसकी शुरुआत करने के लिए योजना तैयार हुई थी। 1972 में यह डैम को डिजाइन को किया गया था। विवाद, संघर्षो और सामाजिक प्रभावों के कारन उसके निर्माण कार्य में ज्यादा समय लगा था। टिहरी बांध का निर्माण कार्य 1978 में शुरू किया गया था। उसके निर्माण कार्य के लिए 1986 में यूएसएसआर ने वित्तीय सहायता और तकनीकी प्रदान करके मदद की बात की थी। मगर राजनीतिक अस्थिरता और विवादों के कारन उस पर कुछ कदम नहीं लिए थे। उसके पश्यात 1990 में फिर से यह बांध की बनावट के लिए पुनर्विचार हुआ था। बाद में 2006 की साल में टिहरी बाँध का निर्माण पूर्ण किया गया था। बांध की परियोजना का दूसरा हिस्सा 2012 की साल में कोटेश्वर बांध के साथ मिला दिया गया है ।
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Tehri Dam Structure –
भागीरथी नदी पर बना टिहरी बांध की संरचना की बात करे तो उसकी लम्बाई 575 मीटर और ऊँचाई 261 मीटर है। 52 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में निर्मित एक बड़ा जलाशय है। टिहरी बांध से उत्पन्न हुई बिजली हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दी जाती है। यह डैम तक़रीबन 270,000 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी देता है। पंपेड स्टोरेज, टिहरी हाइड्रोपावर कॉम्प्लेक्स, टिहरी पंपेड स्टोरेज हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट और डाउनस्ट्रीम कोटेश्वर बांध बांध के मुख्य हिस्से है। टिहरी जिला उच्च तीव्रता वाले भूकंप जोन का क्षेत्र इसीलिए टिहरी बांध को रॉकफिल बनाया गया है। टिहरी बांध की दीवार को पत्थर और मिट्टी से बनाया गया है । tehri dam river भागीरथी और भिलंगना का पानी मिक्स होता है।
Tehri Dam Timings –
किसी भी स्थान की यात्रा के लिए जाते है तो उसका खुलना और बंद होने का समय हमें जरूर पता होना चाहिए। वैसे ही टिहरी बांध खुलने का समय हम बताने वाले है। अगर आप अपनी फैमिली के साथ या दोस्तों के साथ यात्रा का प्लान बनाते है। तो आपको बतादे की टिहरी बांध 24 घंटे शुरू ही होता है। मगर सुबह 9.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक जाने में आपको कोई भी परेशानी नहीं सहनी पड़ती है। और बांध को सम्पूर्ण और बहुत करीबी से देखने के लिए आपको 3 से 4 घंटे का समय जरूर देना चाहिए।

Tehri Dam Andolan –
जब से tehri dam uttarakhand की योजना को तैयार किया गया तब से निर्माण होने के समय में आसपास रहने वाले लोगों ने और विभिन्न पर्यावरण बादियों ने उसका सबसे ज्यादा विरोध किया गया है। विवादों और विरोधों का विषय रहा टिहरी बांध के निर्माण को कई वैज्ञानिकों ने विनाश के कारण बताया था। आसपास रहने वाले 10,000 लोगों यह डैम के निर्माण से बेघर होने अनुमान लगाया गया था। हिमालयी सीस्मिक गैप यह डैम भूकंप के समय तक़रीबन 5,00,000 से अधिक लोगों का जीवन बर्बाद कर सकता है।
यही विवादों और विरोधों के चलते 1990 की साल में विरोधी संघर्ष समिति ने उसके निर्माण कार्य को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। यही विवाद अदालत में दस साल चलाया गया। और सुंदरलाल बहुगुणा ने विरोध प्रदर्शन में 1995 में भूख हड़ताल भी की थी। सरकार ने भी सख्ताई से काम लेते हुए विरोधियो पर कार्यवाही करते हुए बल प्रदर्शन किया एव टिहरी बांध का निर्माण हुआ।
टिहरी बांध के आसपास घूमने लायक पर्यटक स्थल –
आप अगर कोई भी जगह घूमने जाते है। तो उसके नजदीकी पर्यटक स्थान और गुमने के मुख्य स्थानों की जानकारी होना बहुत आवश्यक है। आपको बतादे की टिहरी गढ़वाल में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थन और प्रसिद्ध आकर्षण है। जिससे tehri dam in india को चारचांद लगते नजर आते है। आप भी टिहरी बांध देखने और गुमने के लिए जाते है तो आपको भी निचे दी गई सूची को देखनचाहिए।
- शोपिंग इन टिहरी गढ़वाल
- देवप्रयाग
- चंबा
- मसूरी
- कनातल
- धनोल्टी
- सुरकंडा देवी मंदिर
- सेम मुखेम मंदिर
- खतलिंग ग्लेसियर
- नरेंद्र नगर
images of tehri dam
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Tehri Dam Entry Fee –
सभी टिहरी बांध देखने की चाह रखने वाले इतिहास प्रेमियों को बतादे की हमारे भारत का सबसे ऊँचे बांध टिहरी बांध का प्रवेश शुल्क नहीं है। यहाँ पर्यटकों के घूमने के लिए शुल्क या फीस नही रखा है। मगर आप यहाँ की टिहरी झील में उसकी रोमांचक गतिविधियों का मजा लेना चाहते है और उसमे शामिल होना चाहते हैं। आपको उसके लिए शुल्क देने की आवस्यकता रहती है।
टिहरी बांध घूमने जाने का सबसे अच्छा समय –
अगर आप किसी पर्यटक स्थल को देखने के लिए जाते है। तो आपको उसे देखने सबसे अच्छा समय जरूर पता होना चाहिए। जिससे आप उसकी खूबसूरती और आकर्षण लुप्त उठा सके। अगर आप भी Best time to visit Tehri Dam की तलाश में है। तो आपको बतादे की मानसून का समय यानि बारिश के समय में सितम्बर से मार्च का समय बेस्ट है। क्योकि उस समय आपको उसकी आस पास की हरियाली और बारिश और सर्दीयो का मजा है। मानसून में आपको टिहरी बांध पूरे वेग मनोहर दिखाई देता है।
टिहरी बांध की मनोरंजक गतिविधियाँ –
Activities at Tehri Dam की बात करे तो कुदरती सौंदर्य से भरा यह स्थान सुरम्य स्थल के साथ यात्रलुओ को रोमांच देने वाली कई गतिविधिया प्रदान करता है। यहाँ मौजूद वाटर ज़ोरबिंग, राफ्टिंग, वाटर स्कीइंग और जेट स्कीइंग का आप मन भर के लुप्त उठा सकते है। यहाँ के खेल से आप एन्जॉय कर सकते है। क्योकि एडवेंचर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज से आपको एक बेहद अच्छा अनुभव हो सकता है। जिससे आपको रोमांचक गतिविधिया पिकनिक जैसी लग सकती है।

- जेट स्पीड बोट सवारी
- नौका विहार
- बनाना वोट सवारी
- वाटर स्कीइंग
- पैराग्लाइडिंग
- जोर्बिंग
- हॉटडॉग सवारी
- बैंडवेगन वोट सवारी
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टिहरी बांध रुकने के लिए होटल –
अगर आप किसी पर्यटक स्थल को देखने के लिए जाते है। तो आपको वहा की होटल एव गेस्ट हॉउस की जानकारी होना आवश्यक और जरुरी है। क्योकि रुकने और खाने पिने के लिए आपको सरलता रहे। आपको बतादे की टिहरी डेम एव उसके नजदीकी पर्यटक स्थल घूमके वहा रुकने के लिए आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक सभी होटल एव गेस्ट हॉउस आसानी से मिल जायेंगे। आप अपने बजट और सुविधानुसार पसंद कर सकते है।
- Hotel Friends Club Resort & Restaurant
- Phullari Homestay, Kanatal
- Hotel Devki Palace
- Hotel Shri Ram
टिहरी बांध कैसे पहुंचे –

रेलवे से टिहरी बांध कैसे पहुँचे –
How to Reach Tehri Dem by Train – तो आपको बतादे की टिहरी गढ़ेवाल की लिए कोई भी रेलवे स्टेशन नहीं है। लेकिन आप उसके नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन उतरके बहुत आसानी के साथ पहुंच सकते है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन भारत के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से बहुत अच्छे से जुड़ा और लगातार ट्रेन चलाई जाती है। टिहरी डेम से ऋषिकेश रेलवे स्टेशन तक़रीबन 80 किलोमीटर की दूर स्थित है। ऋषिकेश से आप टेक्सी या केब बुक करके या अपने विहिकल से बहुत आसानी से पहुच सकते है।
सड़क मार्ग से टिहरी बांध कैसे पहुंचें –
Road मार्ग से टिहरी डेम पहुंचने के लिए आपको टिहरी गढ़वाल शहर से हरिद्वार, ऋषिकेश, उत्तरकाशी, मसूरी और देहरादून जैसे मुख्य शहरो से बहुत ही अच्छे से जुड़ा है। टिहरी सड़क सुव्यवस्थित नेटवर्क देता है। और अपने सभी नजदीकी शहरों के साथ राज्यों से जुड़ा है। टिहरी गढ़वाल से नियमित रुप से बस सेवाएं शुरू ही रहती है। उत्तराखंड राज्य सड़क परिवहन निगम और सरकारी मालिकों की बस सेवाएं वह आप ले सकते है। आप अपने निजी वाहन से यात्रा करके भी टिहरी डेम तक पहुंच सकते है।

टिहरी बांध फ्लाइट से कैसे पहुंचे –
अगर आप टिहरी डेम जाने के लिए Flight को पसंद करते है। तो आपको बतादे की टिहरी गढ़ेवाल के लिए कोई हवाई अड्डा नहीं है। मगर जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून में है। यह हवाई अड्डा Tehri garhwal dam से 81 किमी दूर स्थित है। यहाँ बहुत ही आसानी से बस से या टैक्सी किराये से बहुत ही आसानी के साथ पहुंच सकते है।
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Tehri Dam in india Map –
Tehri Dam Information in Hindi Video –
Interesting Fact –
- Tehri dam height 260.5 मीटर है।
- टिहरी बांध उत्तराखंड नहीं लेकिन देश के कई राज्यों को बिजली देता है।
- यूपी एव दिल्ली के कुछ स्थान में बांध का पानी का इस्तेमाल पेयजल और सिंचाई के लिए करते है।
- 1972 में टिहरी बांध के निर्माण को मंजूरी मिली थी और 1978 में बांध का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
- जुलाई 2006 में टिहरी बांध से विद्युत उत्पादन करता प्लांट शुरू हुआ था।
- टिहरी बांध की दीवार को पूरी तरह पत्थर और मिट्टी से भरकर बनाया गया है।
- डैम के निर्माण से बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में आने वाली बाढ़ में कमी आई है।
- टिहरी बांध 8 रिक्टर स्केल तक का भूकंप भी झेल सकता है।
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FAQ –
Q : टिहरी बांध की कितनी सुरंगों को बंद कर दिया गया था?
Ans : टिहरी बांध की 3 और 4 नंबर सुरंग को बंद कर दिया गया था।
Q : टिहरी बांध को किस नदी पर बनाया गया है ?
Ans : भागीरथी नदी पर टिहरी बांध को बनाया है।
Q : टिहरी बांध का निर्माण किस प्रदेश में किया गया ?
Ans : उत्तराखंड के टिहरी जिले में भागीरथी नदी पर बना भारत का सबसे बड़ा बांध है।
Q : टिहरी डैम कब और किसने बनाया है ?
Ans : भारत सरकार ने टिहरी डैम को 2006 की साल में बनाया था।
Q : टिहरी आंदोलन क्या है?
Ans : 1986 में बहुगुणा ने टिहरी बांध विरोधी आंदोलन की शुरुआत की। 1989 में गांव छोड़कर टिहरी आ गए और भागीरथी नदी के किनारे झोपड़ी बनाकर रहने लगे। 1995 मे उन्होंने 45 दिन तक टिहरी बांध के विरोध में उपवास किया था ।
Q : टिहरी डैम टूट जाए तो क्या होगा?
Ans : ऊंची पहाड़ी पर बने बांध सिर्फ 22 मिनट में खाली हो जाएंगा एक घंटे के भीतर ऋषिकेश पानी में 260 मीटर की गहराई में समा जाएगा.और हरिद्वार भी जलमग्न हो जाएगा
Q : टिहरी की स्थापना कब हुई थी?
Ans : टिहरी गढ़वाल जिले की स्थापना वर्ष 1949 में हुई थी ।
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Conclusion –
आपको मेरा Tehri Dam History in Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये tehri dam on which river और
tehri dam case study से सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है।
अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो कहै मेंट करके जरूर बता सकते है।
हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।
Note –
आपके पास टिहरी बांध के नुकसान या
about tehri dam की कोई जानकारी हैं।
या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है।
तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद