Prannath Mandir History In Hindi Madhya Pradesh

Prannath Mandir History In Hindi Madhya Pradesh | महामति प्राणनाथजी मंदिर

भारत में कई धर्म और जाती के लोगो की मान्यताये और परंपराएं स्थित है। prannath मंदिर में भी अनोखी मान्यताये  करीबन 397 सालो से मानी जाती है। छत्तरपुर में एक भगवान प्राणनाथजी का मंदिर स्थित है जिसमे भगवान कृष्ण प्रणामी धर्म के लिए सबसे विशेष तीर्थ स्थल के रूप में पहचाना जाता है। 

भगवान prannath mandir panna के अलावा किलकिला नदी के तट पर और पर्वतो के बीचो बिच बसे पन्नानगर के चारोओर प्रदक्षिणा करके भगवान श्री प्राणनाथजी मंदिर यानि की भगवान कृष्ण के स्वरूपों को खोजते है। अगर आप भी इस मंदिर के बारे में जानना चाहते है तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढियेगा जरूर। 

मंदिर का नाम महामति प्राणनाथजी मंदिर
राज्य  मध्यप्रदेश 
जिला छत्तरपुर
निर्माणकाल  ई.स 1692
वास्तुकला  हिन्दू और मुस्लिम शैली 

Mahamati Prannathji Temple ki Janakari –

देश और विदेश से आये हुवे पर्यटक और श्रद्धालु प्रथम पन्ना नगर के धाम महोल्ला में मौजूद prannath ji mandir panna , गुम्मटजी मंदिर ,श्री बांग्ला जी मंदिर, श्री सद्गुरु श्रीधनी दास मंदिर, श्री देव चंद जी मंदिर,श्री बाईजू राज (राधिका मंदिर) मैं पूरी श्रद्धा के साथ शीश नवाते यह सारे मंदिरो की परिक्रमा पर्यटक और भगवान के श्रदालु करते है। इस मंदिर के भगवान के श्रद्धालुओ की मान्यता यह है की इसकी परिक्रमा करने से भक्तो को सुखद अनुभूति और मन को शांति मिलती है।

यह shri prannath ji मंदिर में देश और विदेश के कोने-कोने से कई श्रद्धालु यह स्थान पर आते है। महामति prannath मंदिर में प्रातः मंदिर के चारोओर प्रदक्षिणा से पृथ्वी परिक्रमा का आरंभ करते है विश्वकल्याण और सांप्रदायिक सद्भाव इस अनूठी परंपरा के रक्षक प्रणेता महामति प्राणनाथजी ने करीबन 397 साल पहले पृथ्वी की परिक्रमा का प्रारम्भ किया था जो वर्तमान समय में भी यह परंपरा चलती है। 

इसके बारेमे भी पढ़िए – Sindhudurg Fort History In Hindi Maharashtra

प्राणनाथजी मंदिर की जानकारी –

महामति प्राणनाथजी मंदिर में मुंबई, अहमदाबाद, सूरत, दिल्ही, नेपाल ऐसे कई क्षेत्रो से श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए आते रहते है। प्रणामी संप्रदाय में इस श्रद्धालु और भक्तो को सुन्दर साथ कहा जाता है। प्रणामी धर्म के पवित्र तीर्थ इस पन्ना की पवित्र स्थान में आये हुवे भक्तो स्थानीय लोगो ध्वारा सुबह 5 बजे से पृथ्वी परिक्रमा करने की परमपरा चलती है। भक्तो की परिक्रमा तब तक जारी रहती है जब तक समूचे नगर का एक चक्कर पूरा नहीं जाता। 

इस परंपरा का प्रारम्भ प्राणनाथ मंदिर से शुरू होकर भक्तो की एक विशाल टूल नदी नालो से गुजर कर मदार धर्म सागर अघोर होकर और विशाल कारवां खेजरा मंदिर पहुंचकर इस परिक्रमा की समाप्ति श्री प्राणनाथाजी मंदिर में होती है। महामति prannath temple की परिक्रमा करीबन 25 किमी का मार्ग है इस परिक्रमा में पहाड़िया , बड़ी चट्टानों और वन , झाडियो से गुजरना पड़ता है लेकिन श्रद्धालुओ को दर्द महसूस नहीं होता है। 

भगवान प्राणनाथजी का मंदिर में प्रणामी संप्रदाय के अनुयाई शरद पूर्णिमा के ठीक 1 माह के बाद देश के हर क्षेत्र से श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए पहुँच जाते है। महामति प्राणनाथजी की जय जय कार करके भक्तो इस यात्रा का प्रारम्भ करते है। इस यात्रा का प्रारंभ कब शुरू हुवा और कब समाप्त हुवा इसका पता ही नहीं चलता। इस पवित्र नगरी धाम पन्ना में भगवान स्थित है इस लिए भक्तो बरसो से इस यात्रा की परंपरा चलती आ रही है। 

Prannath Mandir History In Hindi – 

महामति prannath मंदिर छत्तरपुर जिले के पन्ना नामके स्थान पर मौजद है यह shri nath ji history मंदिर अदभुत है यह मंदिर श्रद्धालु और भक्तो के साथ साथ देश और विदेश के कई पर्यटक यह स्थान पर आते है और अपने मन को शांत करने के लिए यह मंदिर में आते है। महामति prannath मंदिर का निर्माण ई.स 1692 में करवाया गया है। prannath mandir panna का निर्माण और इसकी बनावट हिन्दू और मुस्लिम शैली में बना हुवा है। यह मंदिर हिन्दू और मुस्लिम शैली का समर्थन करता हुवा उत्तम उदाहरण मौजूद है। 

इसके बारेमे भी पढ़िए – lakshmana Temple History In Hindi Madhya Pradesh

Prannath Mandir History In Hindi
Prannath Mandir History In Hindi

 महामति Prannathजी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय

prannath ji मंदिर वैसे तो आप यहां किसी भी मौसम में जा सकते हैं, शहर में मानसून का समय prannath ji mandir panna जाने के लिए एक सुखद मौसम होता है। इस मौसम में कुछ दिनों तक मध्यम बारिश होती है। लेकिन अगर आप यहां घुमने का पूरा मजा लेना चाहते हैं तो आपके लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा रहेगा। अक्टूबर से फरवरी के महीने दुनिया भर के लोगों की भीड़ के साथ महामति प्राणनाथजी मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय है। 

महामति प्राणनाथजी मंदिर के नजदीकी होटल्स

pranami mandir के यानि कीछत्तरपुर जिले में कई तरह की होटल्स स्थित है जिसमे आपको बता दे की यहाँ पर आपको होटल्स और आवास आसानी से मिल जायेंगे इसमें पर्यटकों को लो बजट से लेकर हाई बजट के प्राइज में उपलब्ध है। 

  • कैपिटल होटल 
  • होटल फोर सीज़न
  • होटल शेल्टर इन 
  • जैन पैलेस होटल
  • होटल जटाशंकर पैलेस

Prannath जी मंदिर नजदीकी पर्यटन स्थल

महाराजा छत्रसाल संग्रहालय :

महाराजा छत्रसाल संग्रहालय मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले में मौजूद है। महाराजा छत्रसाल संग्रहालय वर्तमान समय में 8 गैलेरिया बनाई गई है। महाराजा छत्रसाल संग्रहालय बुन्देल महाराजाओके सबंधित चित्र , उनके वस्त्र , उनके हथियार उनमे रखे गए है। छत्तरपुर जिले में घूमने आनेवाले पर्यटक महाराजा छत्रसाल संग्रहालय को देखने के लिए अवश्य जाते है। आपको यह भी बता देते है की महाराजा छत्रसाल संग्रहालय में जैन धर्म से जुड़े कई सारे चित्र को बहोत सुन्दर रूप से चित्रित किया गया है। 

खजुराहो मंदिर :

भारत के मध्य में स्थित खजुराहो मंदिर मध्यप्रदेश स्टेट का एक बहुत ही खास शहर और पर्यटक स्थल है जो अपने प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों के लिए देश भर में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। मध्यप्रदेश में कामसूत्र की रहस्यमई भूमि खजुराहो अनादिकाल से दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती रही है। छतरपुर जिले का यह छोटा सा गाँव स्मारकों के अनुकरणीय कामुक समूह के कारण विश्व-प्रसिद्ध है, जिसके कारण इसने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में अपना स्थान बनाया है। खजुराहो का प्रसिद्ध मंदिर मूल रूप से मध्य प्रदेश में हिंदू और जैन मंदिरों का एक संग्रह है। ये सभी मंदिर बहुत पुराने और प्राचीन हैं। 

जिन्हें चंदेल वंश के राजाओं द्वारा 950 और 1050 के बीच कहीं बनवाया गया था। पुराने समय में खजुराहो को खजूरपुरा और खजूर वाहिका से जाना-जाता था। खजुराहो में कई सारे हिन्दू धर्म और जैन धर्म के प्राचीन मंदिर हैं। इसके साथ ही ये शहर दुनिया भर में मुड़े हुए पत्थरों से बने हुए मंदिरों की वजह से विख्यात है। खजुराहो को खासकर यहाँ बने प्राचीन और आकर्षक मंदिरों के लिए जाना-जाता है। यह जगह पर्यटन प्रेमियों के लिए बहुत ही अच्छी जगह है। यहाँ आपको हिन्दू संस्कृति और कला का सौन्दर्य देखने को मिलता है। यहाँ निर्मित मंदिरों में संभोग की विभिन्न कलाओं को मूर्ति के रूप में बेहद खूबसूरती के साथ उभारा गया है।

इसके बारेमे भी पढ़िए – Jhalawar Fort History In Hindi Rajasthan

भीम कुंड :

  • भीम कुंड भारत में अनेक कई रहस्य वाले कुंड मौजूद है।
  • जिसमे मध्यप्रदेश में स्थित भीम कुंड भी शामिल है।
  • भीम कुंड मध्यप्रदेश में छत्तरपुर जिले के बड़ा मलहरा तहसील से करीबन 10 कि.मी की दुरी पर स्थित है।
  • भीम कुंड प्राचीन और प्रसिद्ध स्थल है।
  • जहा पर प्राचीन काल से यह स्थान ऋषियों , संत , तपस्वियों , साधको , मुनियो यह स्थान पर आकर तपस्चर्या करते थे।
  • वर्तमान समय में यह भीम कुंड स्थान धार्मिक पर्यटन स्थल और वैज्ञानिक शोध केंद्र भी बना हुवा है।
  • यह भीम कुंड में भू-वैज्ञानिको के लिए रहस्य का विषय बना हुवा है।
  • भीम कुंड अपने अंदर की अतल में गहराई को समेटे हुवा है।
महामति प्राणनाथजी मंदिर
महामति प्राणनाथजी मंदिर

गंगऊ बांध : Prannath

  1. गंगऊ बांध खजुराहो प्राचीन मंदिर के नजदीकी क्षेत्र में छत्तरपुर जिले से करीबन 18 किमी की दुरी पर स्थित है।
  2. यह गंगऊ बांध सिमरी नदी और केन नदी के संगम पर बनाया गया है।
  3. गंगऊ बांध के स्थान पर शानदार और सुन्दर और
  4. यादगार पिकनिक मनाने ने के लिए दूर दूर से यह स्थान पर आते रहते है।
  5. इस बांध के अंदर दिलचस्प नौका विहार का आनंद लेने के लिए यह स्थान पर आते है। 

पांडव जलप्रपात और गुफाएं पन्ना :

छत्तरपुर के मुख्य आकर्षण में शामिल में पांडव जलप्रपात

और गुफाएं पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अंदर मौजूद एक आकर्षक जगह है।

ऐसा माना जाता है की पांडवो ने निर्वासन के समय दौरान यह जगह पर शरण ली थी। 

यह स्थान पर पांडव जलप्रपात और गुफाओ के मुख्य आकर्षण स्थलों में से एक है। 

यह स्थान पर बेहद खूबसूरत झरने , ज्यादा गहरी झील और हरेभरे प्राकृतिक वातावरण का सुन्दर दृश्य नजर आता है। 

Prannath जी मंदिर कैसे पहुंचे

इसके बारेमे भी पढ़िए – Khajuraho Matangeshwar Temple History In Hindi

हवाई मार्ग से महामति प्राणनाथजी मंदिर कैसे पहुंचे :  

panna temple  जान के लिए आप हवाई मार्ग का भी विकल्प पसंद कर सकते है। shri prannath ji के नजदीकी हवाई एयरपोर्ट खजुराहो हवाई अड्डा मौजूद है वह करीबन 45 मिनिट की दुरी पर मौजूद है। और यह हवाई अड्डा दिल्ही , मुंबई और आग्रा जैसे बड़े शहरो से जुड़ा हुवा है। इसके अलावा नजदीकी आंतरराट्रीय अड्डा भोपाल में स्थित है। जो छत्तरपुर से करीबन 6 घंटे का सफर से आप prannath ji mandir panna तक पहुँच सकते है।

ट्रेन मार्ग से महामति प्राणनाथजी मंदिर कैसे पहुंचे :

prannath ji के नजदीकी रेलवे जंक्शन खजुराहो में मौजूद है जो मध्यप्रेदश के मुख्य शहरो से जुड़ा हुवा है इसमें दिल्ही , ग्वालियर , आगरा, मथुरा, जम्मू, अमृतसर, मुंबई, बैंगलोर, भोपाल, चेन्नई, गोवा और हैदराबाद जैसे बड़े शहरो से जुड़ा हुवा है। खजुराहो पहुंच कर वहा से महामति prannath मंदिर तक टेक्सी या कैब के इस्तेमाल करके पहुँच सकते है। 

सड़क मार्ग से महामति प्राणनाथजी मंदिर कैसे पहुंचे :

महामति pran nath मंदिर पहुँचने लिए छत्तरपुर से मुख्य शहरों से जुड़ा हुवा है जिसकी वजह से आप किसी भी शहर से आप महामति प्राणनाथजी मंदिर कुंड यात्रा सकते है। सड़क मार्ग से आप महामति प्राणनाथजी मंदिर तक पहुँच सकते है। छत्तरपुर के नौगांव  करीबन 24 किमी और महोबा करिबर 54 किमी इसके अलावा बांदा से 105 किमी और झांसी से 133 किमी रास्ता मौजूद है।

Prannath Mandir Madhya Pradesh Map –


Prannath Mandir History In Hindi Video –

प्राणनाथजी मंदिर के प्रश्न

1 . महामति प्राणनाथजी मंदिर कहा स्थित है ?

महामति prannath मंदिर छत्तरपुर जिले के पन्ना नामके स्थान पर स्थित है। 

2 .महामति प्राणनाथजी मंदिर का निर्माण कब हुवा था ?

महामति prannath मंदिर का निर्माण ई.स 1692 में करवाया गया है।

3 . महामति प्राणनाथजी मंदिर की वास्तुकला कौनसी है ?

महामति प्राणनाथजी मंदिर की वास्तुकला और इसकी बनावट हिन्दू और मुस्लिम शैली में बना हुवा है।

4 . महामति प्राणनाथजी मंदिर के परिक्रमा का मार्ग कितना और कैसा है ?

महामति nath temple की परिक्रमा करीबन 25 किमी का मार्ग है।

इस परिक्रमा में पहाड़िया , बड़ी चट्टानों और वन , झाडियो से गुजरना पड़ता है।

5 . प्रणामी धर्म क्या है ?

प्रणामी सम्प्रदाय हिन्दू सम्प्रदाय है जिसमे सर्वेसर्वा इश्वर (सदचित्त आनन्द) को मानने वाले भक्त शामिल है।

उन्हें निजानंद सम्प्रदाय, श्री कृष्ण प्रणामी धर्म या परनामी संप्रदाय भी कहते हैं।

इसके बारेमे भी पढ़िए – Maharaja Chhatrasal Museum History In Hindi

Conclusion –

दोस्तों उम्मीद करता हु आपको मेरा ये लेख shri prannath ji history के बारे में पूरी तरह से समज आ गया होगा। इस लेख के द्वारा हमने prannath ji mandir panna के बारे में जानकारी दी अगर आपको इस तरह के अन्य ऐतिहासिक स्थल और प्राचीन स्मारकों की जानकरी पाना चाहते है तो आप हमें कमेंट करे। आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा बताइयेगा और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे। धन्यवाद।