भारत के पश्चिम में स्थित गुजरात राज्य में प्रसिद्ध नीलकंठ भगवान को समर्पित Nilkanth Dham Temple एक सुन्दर और आकर्षित मंदिर है। नीलकंठ धाम पोइचा में नर्मदा नदी के तट पर निर्माण किया गया है। यह मंदिर स्वामीनारायण मंदिर से भी जाना जाता है यह मंदिर में कई भारी संख्या में पर्यटक और भक्तो घूमने आते है।
नीलकंठ धाम मंदिर पर्यटकों को बहोत ही शांति का अनुभव करता है इस मंदिर को नीलकंठ धाम, पोइचा या स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। आज हम गुजरात में स्थित पोइचा स्वामीनारायण मंदिर जिसको नीलकंठ धाम पोइचा के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप भी गुजरात के यह पोइचा मंदिर बारे में जानना चाहते है तो आपभी हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढियेगा।
मंदिर का नाम | नीलकंठ धाम |
दूसरा नाम | स्वामीनारायण मंदिर , पोइचा धाम |
राज्य | गुजरात |
स्थान | पोइचा |
निर्माणकाल | साल 2013 |
निर्माणकर्ता | राजकोट स्वामीनारायण गुरुकुल |
नजदीकी नदी | नर्मदा |
वास्तुकला | हिन्दू शैली |
मंदिर का क्षेत्र | 105 एकड़ |
Nilkanth Dham Temple Information In Hindi –

भगवान nilkanth dham temple का निर्माण राजकोट के स्वामीनारायण गुरुकुल ध्वारा करवाया गया है इस मंदिर की प्रतिकृति यानि की मंदिर का दूसरा नमूना पाटड़ी में बनाया गया है इसको मिनी पोइचा के नाम से पहचाना जाता है। पोइचा धाम मंदिर का निर्माण साल 2013 में बनाया गया था जिसे पर्यटक और श्रद्धालुओके के लिए साल 2014 में प्रवेश के लिए खोला गया था।
nilkanth dham poicha में भगवान स्वामीनारायण की बड़ी दिव्य स्वरूपवान प्रतिमा स्थपित है इसके अलावा सीता-राम , राधा कृष्ण ,भगवान शंकर का शिवलिंग के साथ भगवान शिव की प्रतिमा ,नीलकंठवर्णी और भगवान गणेश की सुन्दर प्रतिमाये स्थापित है इसके दर्शन करके श्रदालु अपने मन को शांति का अनुभव करते है।
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Nilkanth Dham Temple की वास्तुकला –
poicha nilkanth dham की वास्तुकला की बात करे तो यह मंदिर का निर्माण हिन्दू शैली में बना हुवा है। नीलकंठ मंदिर करीबन 105 एकड़ के क्षेत्र में बना हुवा है। मंदिर को nilkanth dham और स्वामीनारायण मंदिर और सहजानन्द यूनिवर्सल को दो हिस्सों में बाटा गया है। मंदिर के ध्वार पर भगवान नटराज की विशाल प्रतिमा स्थापित है। nilkanth dham temple में बड़ा और सुन्दर सरोवर बना हुवा है।
बिच में भगवान शिव की शिवलिंग स्थापित है। इसके अलावा गणेशजी , हनुमानजी के साथ अन्य कई मंदिर स्थापित है। मंदिर के निचे के हिस्से में पवित्र 108 गौमुखी गंगा से बहती नर्मदा नदी के पानी से स्नान करने वाला स्थान सुबह से शाम तक भीड़ श्रद्धालुओसे भरा हुवा है। मंदिर में कई अन्य छोटे-छोटे मंदिर निर्माणित है।
पोइचा धाम में देखने लायक स्थल –

nilkanthdham मंदिर के परिसर में भगवान स्वामीनारायण का एक सुंदर और आकर्षित मंदिर का निर्माण किया गया है इस मंदिर के अलावा आप इस धाम में कई अन्य सुन्दर और आकर्षित स्थल देख सकते है मंदिर के परिसर में बहोत ही आकर्षक गार्डन और भगवान की प्रतीयमाये देख सकते है। जैसे की…
म्यूजियम :
Pradarshni ticket window timings :
सुबह 10:30 बजे से शाम के 7 बजे तक
Pradarshni ticket :
वरिस्ट नागरिको के लिए -140/-
स्टूडेंट और बच्चो के लिए – 80/-
Light Saw Timings –
शाम के 7 बजे से 10 बजे तक
- प्रदर्शन
- एग्जिबिशन हॉल
- आर्ट गैलरी
- मिरर हाउस
- हॉरर हाउस
- मनोरंजन पार्क
- लेसर शॉ
- साइंस सिटी
- बोटिंग
- एम्यूजमेंट पार्क
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पोइचा धाम मंदिर के प्रवेश शुल्क –
नीलकंठ poicha gujarat में भगवान स्वामीनारायण के दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश के लिए भक्तो से किसी भी प्रकार का कोई शुल्क अदा नहीं करना पड़ता। नीलकंठ धाम के मंदिर के पार्किंग की सुविधा भी अच्छी तरह से उपलब्ध है और पार्किंग बिलकुल निशुल्क है। इस स्थान पर बहोत अच्छा प्रदर्शन किया गया है यहाँ पर पूरी तरह से ओपन एयर है और बहुत सुन्दर है जिसको देखकर भक्त और पर्यटक आकर्षित होते है।
नीलकंठ धाम की आरती और दर्शन का समय –
- मंदिर के दर्शन का समय सुबह 9:30 से शाम के 8:00 बजे तक
- मंदिर में सुबह की आरती 5 बजे से 6 बजे तक
- शाम की आरती शाम की आरती 5 बजे से 6 बजे तक
- नीलकंठ भगवान का अभिशेख सुबह के 5:30 से 6 बजे होता है
पोइचा धाम मंदिर में फोटोग्राफी और विडिओ शूट का शुल्क –
नीलकंठ धाम में फोटोग्राफी और विडिओ शूट का पर्यटकों से किसी भी प्रकार का शुल्क यानि की फ़ीस नहीं है इस स्थान पर पर्यटक अपने मनपसंद विडिओ और फोटोग्राफी कर सकते है। इस मंदिर में दर्शन और अन्य स्थान पर घूमने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता।

नीलकंठ धाम मंदिर में प्रवेश के लिए सबसे अच्छा समय –
पोइचा मंदिर में दर्शन के लिए दोपहर से शाम का समय बहोत अच्छा रहता है क्योकि मंदिर में दोपहर के समय में पर्यटक मंदिर के प्रदर्शन को अच्छी तरह से देख सकते है इस प्रदर्शन में करीबन 3 से 4 घंटे का समय लगता है। मंदिर में शाम के समय में भगवान नीलकंठ की पालखी यानि की शोभायात्रा निकाली जाती है और यह शोभायात्रा पुरे मंदिर की प्रदक्षिणा की जाती है।
भगवान की इस शोभायात्रा में सारे भक्त और पर्यटक भाग लेते है और भगवान नीलकंठ की जयजयकार करते भगवान के गुणगान करते है इस यात्रा में करीबन 1 घंटे का समय लगता है। भगवान की यात्रा के बाद भगवान स्वामीनारायण की शाम की पूजा की जाती है इसके बाद लाइट शॉ का प्रदर्शन किया जाता है इसके बाद मंदिर में बिलकुल शांति का वातावरण उत्पन्न हो जाता है। और भक्तो की भीड़ कम हो जाती है। मंदिर में इसकी वजह से आप दोपहर से शाम का समय बहोत अच्छा माना जाता है।
आपको बता दे की नीलकंठ धाम पूरा देखने के लिए आपको करीबन 7 से 8 घंटे का समय लगता है। अगर आप इस मंदिर में रात का समय रुके तो आपके लिए बहोत अच्छा रहेगा क्योकि मंदिर के लाइट शॉ की सुंदरता और रात की शांति का अनुभव कर सके। हप्ते के अन्य दिनों की तुलना में रविवार के दिन में बहोत भारी संख्या में पर्यटक आते है।
नीलकंठ धाम के नजदीकी पर्यटन स्थल –
- लक्ष्मी विलास पैलेस
- प्रताप विलास पैलेस
- लाल बाग
- सियाजी बाग
- कीर्ति स्तंभ
- ईएमई मंदिर
- मकरपुरा पैलेस
- वडोदरा म्यूजियम और आर्ट गैलरी
- मांडवी दरवाजा
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Nilkanth Dham Temple की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय –
poicha vadodara आप यात्रा करना चाहते है तो आपको बता दे की आप नीलकंठ धाम यात्रा साल के किसी भी समय में कर सकते नीलकंठ धाम नर्मदा नदी के तट पर बना हुवा है। इस धाम में आप चाहे तो किसी भी मौसम में आ सकते है क्योकि यह स्थान ऐसी जगह पर है की आपको किसी भी मौसम से परेशानी नहीं होगी। नीलकंठ धाम में गर्मियों के मौसम में जाये तो धाम के नजदीकी नर्मदा नदी की वजह से आपको गर्मी का अनुभव नहीं होता और सर्दियों और बारिश के मौसम में जाने से भी किसी भी प्रकार की पर्यटकों को दिक्कत नहीं होती।
सर्दियों और बारिश के मौसम में और इसके बाद के समय में नर्मदा नदी जल से पूरी तरह से भरी होती है इस दृश्य को देखने का नजारा ही कुछ अलग है। nilkanth dham poicha नर्मदा नदी के तट पर कई वनस्पति और हरियाली को देखकर पर्यटक अपने मन में शांति का अनुभव करते है यह स्थान बारिश और इसके बाद के समय में बहोत मनमोहक और सुन्दर हरियाली से भर जाता है। nilkanth dham temple में यात्रा का सबसे अच्छा मौसम साल के सभी मास है लेकिन इनमे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च में यात्रा करना बहोत अच्छा रहता है।

Nilkanth Dham Temple में भोजन और शॉपिंग की व्यवस्था –
स्वामीनारायण मंदिर में पर्यटकों और श्रद्धालुओके लिए भोजन के लिए बहोत अच्छी व्यवस्था उपलब्ध की गई है। परन्तु मंदिर के भोजन के लिए आपको थोड़ा कुछ शुल्क चुकाना पड़ेगा लेकिन प्राइवेट होटल्स से कम होता है। इसके अलावा यह स्थान पर फ़ूड फोर्ड भी बनवाया गया है जिस स्थान पर पर्यटक फ़ास्ट फ़ूड ख़रीद सके यह व्यवस्था भक्तो और पर्यटकों के लिए सुविधा उपलब्ध की गई है। poycha मंदिर के परिसर में पर्यटकों को शॉपिंग करने के लिए शॉपिंग सेंटर भी उपलब्ध है जिससे पर्यटक अपनी मनपसंद चीजे खरीद सके।
नीलकंठ यात्रा के समय रुकने की अच्छी जगह –
स्वामीनारायण मंदिर के यात्रा के समय अगर आप चाहे तो मंदिर के परिसर में भी ठहर सकते है इसके लिए आपको दो प्रकार के रूम मिल सकते है जिसमे आपको ac वाले रूम का रेट करिबन 1000/- का दिन का रेट होता है। और बिना ac वाले रूम आपको 500 रु के रेट से आपको मिल सकता है।
Private Hotels :
अगर आप प्राइवेट होटल्स में रहना चाहे तो आपको अपने रेट के अनुसार वड़ोदरा में या फिर नीलकंठ धाम के नजदीकी स्थान पर मिल सकती है नजदीकी होटल्स अपने रेट के अनुसार आप होटल्स बुक कराव सकते है।
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Nilkanth Dham Temple (नीलकंठ धाम) कैसे पहुंचे –
पोइचा धाम पहुँचने के लीये आप हवाई मार्ग , ट्रेन मार्ग और सड़क मार्ग से भी जा सकते है।
पोइचा धाम हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे :
neelkanth dham temple हवाई मार्ग से भी आप जा सकते नीलकंठ धाम के नजदीकी हवाई एयरपोर्ट वड़ोदरा में स्थित है यह वडोदरा हवाई अड्डा नीलकंठ धाम से करीबन 66 किमी की दुरी पर स्थित है। वड़ोदरा का हवाई अड्डा देश के अन्य प्रमुख हवाई अड्डे से अच्छी तरह से जुड़ा हुवा है इसलिए आप हवाई अड्डे वाले शहर से आप वड़ोदरा हवाई अड्डे तक पहुँच सकते है।
आप वड़ोदरा के हवाई अड्डे पहुँच कर आप प्राइवेट टैक्सी या फिर रिक्षा के इस्तेमाल से पोइचा धाम पहुँच सकते है।इसके अलावा आप अहमदाबाद का हवाई अड्डा स्थित है वह पोइचा धाम से करीबन 178 किमी की दुरी पर स्थित है और इसके अलावा बॉम्बे का हवाई अड्डा करीबन पोइचा से 395 किमी की दुरी पर स्थित है।
पोइचा धाम ट्रेन मार्ग से कैसे पहुंचे :
nilkanth dham temple ट्रेन मार्ग से भी जा सकते है नीलकंठ धाम का नजदीकी रेल्वे स्टेशन राजपिपला है जिसमे खुद का रेल्वे स्टेशन है जो नीलकंठ धाम से करीबन 13 किमी की दुरी पर स्थित है। नीलकंठ धाम पहुँचने के लिए अन्य रेल्वे स्टेशन से पहुँच सकते है जैसे की..
- वड़ोदरा – 58 किमी
- डभोई – 30 किमी
- सूरत – 69 किमी
- भरुच – 77 किमी
- अहमदाबाद – 168 किमी
- बॉम्बे – 390 किमी
पोइचा धाम सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे :
nilkanth dham सड़क मार्ग से भी जा सकते है क्योकि पोइचा धाम का मार्ग बहोत अच्छी तरह से अन्य शहरो से जुड़ा हुवा है इसलिए आप सड़क मार्ग के माध्यम से कुशलता पूर्वक यात्रा कर सकते है। पोइचा का नजदीकी बस स्टेण्ड राजपिपला में है आप अन्य शहर से बस में यात्रा करके राजपिपला पहुँच कर प्राइवेट वाहन की मदद से आप नीलकंठ धाम पहुँच सकते है।
Nilkanth Dham Temple Gujarat Map –
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Nilkanth Dham Temple Video –
नीलकंठ धाम मंदिर के प्रश्न –
1 . नीलकंठ धाम मंदिर का निर्माण कब और किसने करवाया था ?
पोइचा धाम मंदिर का निर्माण साल 2013 में बनाया गया था।
मंदिर का निर्माण राजकोट के स्वामीनारायण गुरुकुल ध्वारा करवाया गया है।
2 . nilkanth dham temple कहा स्थित है ?
भारत के पश्चिम में स्थित गुजरात राज्य में प्रसिद्ध नीलकंठ भगवान को समर्पित नीलकंठ धाम मंदिर एक सुन्दर और आकर्षित मंदिर पोइचा में स्थित है।
3 . स्वामीनारायण मंदिर पोइचा किस नदी के किनारे स्थित है ?
नीलकंठ धाम पोइचा मंदिर नर्मदा नदी के तट पर निर्माण किया गया है।
4 . पोइचा का मंदिर किस साल में श्रद्धालुओ के लिए खोला गया था ?
पोइचा धाम मंदिर का निर्माण साल 2013 में बनाया गया था।
जिसे पर्यटक और श्रद्धालुओके के लिए साल 2014 में प्रवेश के लिए खोला गया था।
5 . पोइचा धाम मंदिर में कौनसे भगवान की प्रतिमा स्थापित है ?
पोइचा धाम मंदिर में भगवान स्वामीनारायण की बड़ी दिव्य स्वरूपवान प्रतिमा स्थपित है।
उसके अलावा सीता-राम , राधा कृष्ण ,भगवान शंकर का शिवलिंग के साथ
भगवान शिव की प्रतिमा ,नीलकंठवर्णी और भगवान गणेश की सुन्दर प्रतिमाये स्थापित है।
6 . नीलकंठ धाम मंदिर की वास्तुकला कौनसी है ?
नीलकंठ धाम मंदिर की वास्तुकला की बात करे तो इस मंदिर का निर्माण हिन्दू शैली में बना हुवा है।
7 . पोइचा मदिर का क्षेत्र कितना है ?
नीलकंठ धाम मंदिर का क्षेत्र करीबन 105 एकड़ के क्षेत्र में बना हुआ है।
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Conclusion –
दोस्तों उम्मीद करता हु आपको मेरा ये लेख nilkanth dham poicha के बारे में पूरी तरह से समज आ गया होगा। इस लेख के द्वारा हमने नीलकंठ धाम पोइचा के बारे में जानकारी दी अगर आपको इस तरह के अन्य ऐतिहासिक स्थल और प्राचीन स्मारकों की जानकरी पाना चाहते है तो आप हमें कमेंट करे। आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा बताइयेगा और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे। धन्यवाद।
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