Nalanda University History in Hindi

Nalanda University History in Hindi | नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास

नमस्कार दोस्तों Nalanda University History in Hindi में आपका स्वागत है। आज हम दुनिया की पहली अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास बताने वाले है। बिहार की राजधानी पटना शहर से 88 किमी और राजगीर से 13 किमी दूर बड़ा गांव के पास प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर स्थित है। यानि क महाविहार या बौद्ध मठ के पुरातात्विक अवशेष पा सकते हैं। प्राचीन काल में यह विद्वतापूर्ण एव यह मठवासी संस्था मगध राज्य में स्थित थी। आज वहा बिहार का आधुनिक राज्य है।

अगर आप इतिहास के शौकीन हैं। तो नालंदा विश्वविद्यालय पुरातत्व परिसर की यात्रा इतिहास, वास्तुकला, संस्कृति और बौद्ध धर्म में एक समृद्ध यात्रा कर सकते है। शिक्षा के मामले में आज भले ही भारत दुनिया के कई देशों से पीछे हो, लेकिन एक समय था, जब हिंदुस्तान शिक्षा का केंद्र हुआ करता था। आज हम नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में वह सब कुछ बताता है जो आपको इसके इतिहास, समय, प्रवेश शुल्क और अन्य रोचक विवरणों सहित जानना चाहिए।

Nalanda University Information

Address Rajgir, Nalanda district, Bihar 803116
Entry Fee भारतीय नागरिको के लिए 15 रुपया और विदेशियों के लिए 200 रूपये 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नि:शुल्क प्रवेश है।
Timings हररोज सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला होता है।
Distance from Patna 88 किमी
Video Camera 25 रुपया
Type पुरातत्व परिसर
स्थापना वर्ष 5वीं शताब्दी
परित्याग का वर्ष 12वीं शताब्दी
क्षेत्र 30 एकड़
स्थिति यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
Nalanda photos
Nalanda photos

Nalanda University History in Hindi

नालंदा शहर में शैक्षिक संस्थान की स्थापना 5 वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व की है। यह विद्यालय ने 800 साल की लम्बी अवधि के लिए सीखने की अत्यधिक मान्यता प्राप्त संस्था के रूप में कार्य किया था। यह विश्वविद्यालय 5 वीं और 6वीं शताब्दी के समय में गुप्त वंश के राजाओ के संरक्षण में फला-फूला था । 7वीं शताब्दी में कन्नौज के सम्राट हर्षवर्धन के शासन में भी विश्वविद्यालय की वृद्धि होता रहा और उसकी लोकप्रियता 9वीं शताब्दी तक बरक़रार रही थी। उसके पश्यात उसका पतन शुरू हो गया।

12वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत बख्तियार खिलजी ने शिक्षा के यह महान केंद्र को लूटा और नष्ट कर दिया। बख्तियार खिलजी कारन ही संस्थान का पूर्ण पतन और परित्याग हुआ। जब यह संस्थान अपनी चरम पर था ,उस समय में कोरिया, चीन, तिब्बत और मध्य एशिया जैसे दूर के देशो से छात्रों और विद्वानों पढाई  के लिए आते रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय 2,000 से अधिक शिक्षकों और 10,000 छात्रों का घर था। महावीर 5वीं और भगवान बुद्ध ने 6वीं शताब्दी में नालंदा का दौरा किया था।

प्रसिद्ध चीनी विद्वान ह्वेन-त्सांग ने 7वीं शताब्दी में वेद, बौद्ध धर्मशास्त्र और तत्वमीमांसा सीखने के लिए संस्थान में प्रवेश किया था। उसके विध्वंश के बाद 19वीं शताब्दी तक नालंदा को भुला दिया गया। लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने साइट पर खुदाई शुरूके उत्खनन से कई खंडहर निकले और उन्हें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है।

Nalanda University Architecture

nalanda open university photo
nalanda open university photo

बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय को स्थापत्य कला की उत्कृष्ट स्मारक माना जाता था। एक ऊंची दीवार और एक विशाल द्वार से आच्छादित, संस्था में कई मंदिर, विहार (शैक्षिक और आवासीय भवन), यौगिक, स्तूप, कक्षाएं और ध्यान कक्ष बने हुए देखने को मिलते है । उसमे पार्क और झीलें संस्था के मैदानों को नयनरम्य बनाते हैं। यह संस्था के उत्खनित खंडहरों से संकेत मिलता है। यह स्थल के निर्माण में चमकदार लाल ईंटों का उपयोग किया गया था।

बिहार के नालंदा स्कूल में प्रमुख्य आकर्षण में से एक अच्छी तरह से सुसज्जित और विशाल पुस्तकालय था। यह विशाल पुस्तकालय तीन बड़ी बहु-मंजिला इमारतों में स्थित था। उसको रत्नरंजका (गहना-सजाया), रत्नोदधि (सी ऑफ ज्वेल्स) और रत्नसागर (ज्वेल्स का सागर) के नाम से जाना करते थे। रत्नोदधि संस्था की सबसे पवित्र पांडुलिपियां रखी और उसकी इमारत नौ मंजिला ऊंची हुआ करती थी।

नालंदा विश्वविद्यालय घूमने जाने का सबसे अच्छा समय

नालंदा विश्वविद्यालय की फोटो गैलरी
नालंदा विश्वविद्यालय की फोटो गैलरी

आपको नालंदा का दौरा करने का अच्छा समय अक्टूबर से मार्च महीने के बीच होता है। उस समय यहां का मौसम बहुत सुहावना और ठंडा रहता है। गर्मियों के दौरान नालंदा में भीषण गर्मी पड़ती है। उसी वजह से उस मौसम में नालंदा जाने की सलाह नहीं दी जाती है । बारिश के मौसम में यहां भारी बारिश होती रहती है।

वर्तमान में नालंदा महाविहार 

नालंदा मध्यकाल में एक विशाल परिसर में फला-फूला था। मगर उस विशाल परिसर के केवल एक छोटे से हिस्से की खुदाई आज तक की गई है। वर्तमान समय में नालंदा महाविहार के खंडहर के अलावा कुछ भी स्थल पर नहीं देख सकते है। लेकिन उसके ऐतिहासिक, शैक्षिक और धार्मिक महत्व की वजह से , नालंदा के खंडहरों को पटना और उसके नजदीकी मुख्य ऐतिहासिक स्थानों में माना जाता है।

यह भारत देश में प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी है। और बौद्ध पर्यटन स्थल की खोज करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। नालंदा के खंडहरों को 2016 में भारत में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है। नालंदा विश्वविद्यालय पुरातत्व परिसर वर्तमान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के स्वामित्व, रखरखाव और संरक्षित है। 30 एकड़ के उत्खनन विस्तार में एक संग्रहालय, मंदिर और अन्य संरचनाओं के खंडहर भी देखने को मिलते हैं।

Nalanda University Images
Nalanda University Images

Nalanda Museum

वर्ष 1917 के बाद जब नालंदा महाविहार खुदाई हुई। तब से नालंदा पुरातत्व संग्रहालय स्थापित है। वहाँ कई खुदाई की गई कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है। उसमे अलग अलग सिक्के, मूर्तियां, बुद्ध के चित्र, शिलालेख, मुहरें, जले हुए चावल के नमूने, टेराकोटा जार और अन्य प्राचीन वस्तुएं देखने को मिलती हैं। संग्रहालय देखने के बाद आपको नालंदा महाविहार के चरम की जलक देखने को मिलती है। संग्रहालय का समय बताये तो सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक होता है। हर शुक्रवार को बंद रहता है। और संग्रहालय प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 5 है। और 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए निःशुल्क है।

नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास
नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास

नालंदा परिसर में देखने लायक चीज़ें

आपको बतादे की नालंदा महाविहार के ज्यादातर हिस्से की खुदाई अभी नहीं हुई है। लेकिन 30 एकड़ में फैले खुदाई विस्तार को आप देख सकते है। उसमे बहुत कुछ शामिल है। जिन्हे देखके Nalanda University ka Itihas की जानकारी आपको होगी। और नालंदा विश्वविद्यालय का विध्वंस भी आप भाप सकते है। दुनिया का पहला विश्वविद्यालय, जहां कभी पढ़ने आते थे कई देशों के छात्र, अब बन चुका है खंडहर जो आप अपनी नजरो से जरूर देखे। उसके कुछ देखने योग्य स्थान हम बताते है।

नालंदा विश्वविद्यालय की इमेज 
नालंदा विश्वविद्यालय की इमेज
  • सूर्य मंदिर
  • मठों के खंडहर
  • सारिपुत्त का स्तूप
  • नालंदा पुरातत्व संग्रहालय
  • सराय मंदिर
  • नालंदा विपासना केंद्र
  • काला बुद्ध मंदिर
  • नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर
  • नालंदा मल्टीमीडिया संग्रहालय
  • जुआन जांग मेमोरियल
  • ईंट के मंदिरों के खंडहर

नालंदा महाविहार से आसपास के आकर्षण

  • पावपुरी (14 किमी)
  • कुंडलपुर (4 किमी)
  • बिहारशरीफ (14.2 किमी)

    nalanda university ka photo

नालंदा में खाने के लिए प्रसिद्ध भोजन

बौद्ध प्रभाव होने के कारन नालंदा में सादा भोजन मिलता है। खाने में दाल रोटी और मौसमी सब्जियों के साथ शाकाहारी भोजन उपलब्ध है। लिट्टी चोखा यहां के स्थानीय लोगों का सबसे पसंदीदा स्नैक है। लालू कचालू, समोसा, कचौरी, भूजा, दही चूरा, घुग्गी चूरा और झाल मुढ़ी खाना मिलता है। तिलकुल और अनारसा विस्तार की लोकप्रिय मिठाइयाँ हैं। आपको यहाँ का पेय- सत्तू पानी यानि भुने हुए अनाज, मसाले और पानी से बना हुआ खाने का स्वाद जरुर चखना चाहिए।

नालंदा विश्वविद्यालय कैसे पंहुचे

ट्रेन से नालंदा विश्वविद्यालय कैसे पहुंचे

पर्यटक अगर ट्रेन से सफर करते हुए नालंदा जाना चाहते हैं। तो बता दें कि नालंदा में पूर्व मध्य रेलवे से नियंत्रित नालंदा रेलवे स्टेशन, दिल्ली-कोलकाता लाइन और पटना-मुगलसराय से भारत के मुख्य नगरों से अच्छे  से जुड़ा हुआ है। यह मार्ग पर हररोज सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनें मिलती रहती हैं।

Nalanda University photos
Nalanda University photos

सड़क मार्ग से नालंदा विश्वविद्यालय कैसे पहुंचे

पर्यटक अगर सड़क मार्ग से नालंदा जाना चाहते है। तो नालन्दा आसपास के शहरों जैसे बोधगया, पटना और राजगीर से सड़कों के माध्यम से बहुत अच्छे से जुड़ा हुआ है। नियमित रूप से हररोज चलने वाली और निजी बसें नालंदा से बड़े शहरो तक जाती हैं।

फ्लाइट से नालंदा विश्वविद्यालय कैसे पहुंचे

पर्यटक अगर हवाई जहाज से नालंदा जाना चाहता हैं। तो बता दें कि नालंदा विश्वविद्यालय का निकटतम हवाई अड्डा, पटना में लोक नायक जयप्रकाश अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। पटना यह स्थल से 75 किमी दूर है। यह हवाई अड्डा से नियमित उड़ानों के माध्यम से भारत देश के मुख्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

Nalanda University Map नालंदा विश्वविद्यालय का नक्शा

Nalanda University Information In Hindi Video

Interesting Facts

  • 5वीं शताब्दी में गुप्त वंश के शासक सम्राट कुमारगुप्त ने नालन्दा महाविहार की स्थापना की थी।
  • नालंदा के विशाल पुस्तकालय को धर्मगंज कहा जाता था, उसका अर्थ सत्य का खजाना या सत्य का पर्वत होता है।
  • बॉलीवुड फिल्म जॉनी मेरा नाम नालंदा के खंडहर की शूटिंग देखने को मिलते है।
  • खिलजी ने विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ करने और पुस्तकालय में आग लगाइ थी जो महीनों तक जलती थी।
  • नालन्दा महाविहार एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
  • भारत के सबसे पुराने महाकाव्यों के साथ-साथ ह्वेन त्सांग की यात्रा के संदर्भ मिलते हैं।
  • नालंदा विश्वविद्यालय में लगभग 10,000 छात्र और 2,000 शिक्षक थे।

Nalanda University FAQ

Q : नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई और किसने की?

Ans : 5वीं शताब्दी में गुप्त वंश के शासक सम्राट कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना पढ़ने के लिए की थी।

Q : नालंदा विश्वविद्यालय को क्यों जलाया गया था?

Ans : नालंदा विश्वविद्यालय को दिल्ही सल्तनज खिलजी ने आग लगाइ थी।

Q : नालंदा का क्या अर्थ है?

Ans : संस्कृत के अनुसार “नालम् ददाति इति नालन्दा” का अर्थ कमल का फूल है।

Q : नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई थी?

Ans : 5वीं शताब्दी में नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी।

Q : नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कौन सी शताब्दी में हुई?

Ans : नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं शताब्दी में हुई थी।

Q : नालंदा विश्वविद्यालय को किसने बरबाद किया?

Ans : नालंदा विश्वविद्यालय को दिल्ही सल्तनज खिलजी ने आग लगाइ थी।

Q : ह्वेनसांग के समय नालंदा विश्वविद्यालय का कुलपति कौन था?

Ans : 7वीं सदी में ह्वेनसांग के समय इस विश्वविद्यालय के प्रमुख शीलभद्र थे

Q : नालंदा विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति कौन थे?

Ans : अमर्त्य सेन होंगे नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के प्रथम कुलाधिपति थे।

Q : नालंदा विश्वविद्यालय में कितने विद्यार्थियों पढतें थे?

Ans : नालंदा विश्वविद्यालय 2,000 से अधिक शिक्षकों और 10,000 छात्रों का घर था।

Conclusion

आपको मेरा Nalanda University History बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये who destroyed nalanda university और

nalanda vidyalaya से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दी है।

अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो कहै मेंट करके जरूर बता सकते है।

हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।

Note

आपके पास nalanda open university या nalanda school की कोई जानकारी हैं। 

या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे / तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है।

तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद। 

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