नमस्कार दोस्तों Murudeshwar Temple In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम कर्नाटक के मुरुदेश्वर मंदिर का इतिहास और दर्शन की जानकारी बताने वाले है। कर्नाटक में स्थित भव्य मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर में भगवान शिव की दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर कंडुका पहाड़ी पर बना और तीन तरफ से अरब सागर से घिरा है। शिव प्रतिमा की विशालता सभी भक्तो को मंत्र मुग्ध कर देती है। मुख्य मंदिर का प्रवेश द्वार गोपुरा कहा जाता है। और उसकी ऊंचाई 123 फीट है।
मंदिर संपूर्ण रूप से सबसे जटिल और विस्तृत नक्काशी से ढका देखने को मिलता है। गर्भगृह को छोड़कर मंदिर के परिसर का आधुनिकीकरण हो चूका है। मंदिर के मुख्य देवता श्री मृदसा लिंग हैं, उन्हें मूल आत्म लिंग (भगवान शंकर) का एक हिस्सा माना जाता है। दूर दूर से दिखाई देने वाली भोलेनाथ की विशाल और भव्य प्रतिमा को देखने के लिए तीर्थ यात्री दूर दूर आते रहते हैं। केरल और कर्नाटक के लोगों के लिए एक पसंदीदा पिकनिक स्थल है। तो चलिए मुरुदेश्वर मंदिर का इतिहास एव जानकारी बताते है।
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Murudeshwar Temple History
मुर्देश्वर नाम की उत्पत्ति रामायण के समय से हुई है। हिंदू देवताओं ने आत्म-लिंग नामक एक दिव्य लिंग की पूजा करके अमरता और अजेयता प्राप्त की थी। उसके बाद लंका नरेश रावण भगवान शिव की आराधना करने के आत्मलिंग लेकर अपने राज्य लंका जा रहा था। उस समय रास्ते में आत्मलिंग को जमीन पर रखना पड़ा और शिव लिंग उस स्थान ही स्थापित हो गया था। उसके बाद लंकापति ने शिव लिंग को ले जाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए थे। उसके लिए उन्होंने शिवलिंग को अपने राज्य में लेने के लिए अपने राज्य को बढ़ाया था। आत्मलिंग का विवरण शिव पुराण में देखने को मिलता है।

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मुरुदेश्वर मंदिर की कथा
किंवदंती के मुताबिक आत्म लिंग या शिव की आत्मा अजेयता और अमरता की कुंजी थी। रावण ने उसे प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की भक्तिपूर्वक प्रार्थना की थी। भक्ति से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने आत्म लिंग प्रदान किया था। लेकिन उन्हें लंका पहुंचने से पहले जमीन पर नहीं रखना था। मगर भगवान गणेश और भगवान विष्णु ने उन्हें छल कर लिंग को जमीन पर रखवा दिया था। बाद वह जुड़ गया और उसे अचल बना दिया गया। क्रोध से रावण ने लिंग को नष्ट करने की कोशिश की और हमले की ताकत से लिंग बिखर गया था। जो आज पूरे देश में कई पवित्र स्थान बन चुके है। उसमे मुरुदेश्वर भी शामिल था।
Murudeshwar Temple Architecture
मुरुदेश्वर मंदिर की वास्तुकला और Murudeshwar Temple Height बात करे तो मुरुदेश्वर मंदिर कि उंचाई 123 फिट हैं। मुर्देश्वर मंदिर और राजगोपुरम का या गर्भगृह को छोड़कर मंदिर का आधुनिकीकरण हो चूका है। मंदिर परिसर में मंदिर और 20 मंजिला राजा गोपुरम है। मंदिर एक चौकोर आकार के अभयारण्य की तरह है। जिसमें लंबे और छोटे शिखर हैं, जो कुटीना प्रकार के हैं। नजदीक एक पिरामिडनुमा आकार है उसके पीछे हटने की व्यवस्था है। मीनार के शीर्ष पर मिनी मंदिरों और गुंबद देख सकते है।
मंदिर में महाकाव्य रामायण और महाभारत के दृश्यों को उजागर करती कई मूर्तियाँ देख सकते हैं। उसमे सूर्य रथ, अर्जुन और भगवान कृष्ण हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर हाथी की दो विशाल मूर्तियाँ हैं। मंदिर में आधुनिक दिखता है क्योंकि उसका पुनः निर्माण हाल ही में हुआ है। गर्भगृह में अंधेरा और देवता श्री मृदेसा लिंग हैं। उसको प्रसिद्ध रूप से मुर्देश्वर कहा जाता है। मुरुदेश्वर मंदिर को जटिल और विस्तृत नक्काशीदार से बनाया गया हैं।
Best Time To Visit Murudeshwar Temple
मुरुदेश्वर मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय – मुरुदेश्वर घूमने के लिए अक्टूबर से मई का समय सबसे अच्छा है। महाशिवरात्रि यहां बहुत धूम धाम और बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। अगर आप स्कूबा डाइविंग के लिए मुरुदेश्वर जाना चाहते है। तो नवंबर-जनवरी एक अच्छा समय है। जून-सितंबर में भारी वर्षा होती है, उस समय में नहीं जाना चाहिए। यह पवित्र शहर का मौसम अधिकांश उष्णकटिबंधीय भारतीय देशों का पर्याय है। उसी करान अच्छा समय मध्यम ठंडे तापमान के कारण सर्दियों का मौसम है।

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मुरुदेश्वर का यात्रा कार्यक्रम
- पहला दिन – मुरुदेश्वर पहुंचके थोड़ा आराम करना चाहिए।
- शाम के समय मुरुदेश्वर मंदिर में दर्शन और खरीदारी कर सकते हैं।
- दूसरे दिन – मुरुदेश्वर से यात्रा शुरू करनी चाहिए।
- दूसरा दिन में आप नेतरानी द्वीप की यात्रा कर सकते हैं।
- तीसरे दिन – मुरुदेश्वर किला देखना चाहिए।
- उसमें कन्नड़ इतिहास भरा देखने को मिलता हैं।
- उसके बाद आप मुरुदेश्वर समुद्र तट देख सकते हैं।
- वह भगवान शिव की प्रसिद्ध प्रतिमा का स्थल है।
- वहा तैराकी या समुद्र तट के किनारे सैर कर सकते हैं।
Murudeshwar Temple Entry Fee
मुरुदेश्वर मंदिर का प्रवेश शुल्क – पर्यटक अगर मुरुदेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए जाना चाहते है। तो उस भक्तो से कोई एंट्री फीस नही ली जाती हैं। लेकिन अगर आप मुरुदेश्वर मंदिर में रुद्राभिषेकम करना चाहते है। तो आपको उसके लिए 55 रुपए प्रति दो व्यक्ति देना होता है। उसके अलावा कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है। और भक्त बहुत अच्छे से फ्री में दर्शन कर सकते है।
Murudeshwar Temple Timings
मुरुदेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना का समय
- सुबह
- 6:00 से 1:00 बजे तक दर्शन
- 6:30 से 7:30 बजे तक पूजा
- 6:00 से 12:00 तक रुद्राभिषेकम
- दोपहर
- 12:15 से 1:00 बजे पूजा
- 1 से 3 बजे तक मंदिर बंद रहता है।
- 3:00 से रात 8:15 बजे तक दर्शन
- 3:00 से शाम 7:00 रुद्राभिषेकम
- शाम की पूजा का समय
- 7:15 से 8:15 बजे तक
Murudeshwar Temple Photo gallery
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Best Places To Visit Around Murudeshwar Temple
Statue Park Murudeshwar
हरे-भरे लॉन में स्टेचू पार्क मुरुदेश्वर का प्रमुख आकर्षण हैं। जहा शिव की लगभग 15 मीटर ऊंची प्रतिमा के साथ इस क्षेत्र में विभिन्न फूलों के पौधे, पत्थर की मूर्तियां और साथ ही बत्तखों के रहने वाले छोटे तालाब दिखाई देते हैं। शिलाखंडों के ऊपर से नीचे गिरता कृत्रिम जलप्रपात एक शानदार दृश्य है। यह पार्क खूबसूरत वातावरण, प्राकृतिक हरियाली और सुन्दर फूलो के लिए प्रसिद्ध है।
Murudeshwar Fort
मुरुदेश्वर मंदिर के नजदीक स्थित मुरुदेश्वर किला एक प्रमुख आकर्षण हैं। वह मुरुदेश्वर के मंदिर परिसर के पीछे है। वह प्रसिद्ध विजयनगर राजाओं के युग की जलक प्रस्तुत करता है। ऐसा कहा जाता है कि उसके बाद टीपू सुल्तान के अलावा किसी और राजा ने पुन:र्निर्मित नहीं करवाया था। यह किला एक बार पर्यटकों को जरूर देखना चाहिए बहुत ही अच्छा है।
Bhatkal Beach
भटकल बीच मुरुदेश्वर – अरब सागर के किनारे स्थित एक प्रमुख समुद्र तट, नारियल के पेड़ों से घिरी एक प्राचीन तटरेखा, आसपास के लुभावने दृश्य प्रदान करती है। मुरुदेश्वर मंदिर के नजदीकी पर्यटक स्थलों में भटकल बीच एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ पर्यटकों के अपनी खूबसूरत मखमली रेत पर आने और मस्ती करने के लिए आमंत्रित करता हैं।

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Netrani Island
नेत्रानी द्वीप या कबूतर द्वीप मुरुदेश्वर में कर्नाटक के तट पर स्थित है। ऊपर से उसके दृश्य द्वीप को दिल के आकार का होने का आभास देते हैं। अरब सागर के शांत और नीले पानी से ऊपर उठकर, दिल के आकार के इस द्वीप को स्कूबा डाइविंग के लिए सबसे अच्छे स्थलों में गिना जाता है। यह द्वीप एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और एक लोकप्रिय तीर्थ शहर है। जिसकी पृष्ठभूमि में चांदी की रेत और पश्चिमी घाट हैं। यहाँ पर्यटक स्कूबा डाइविंग, नौका बिहार और मछलियों को पकड़ने और देखने का आनंद ले सकते हैं।
Jamia Masjid
जामिया मस्जिद मुरुदेश्वर – मुरुदेश्वर की प्रसिद्ध जामिया मस्जिद सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है। जो भटकल में स्थित यह एक तहखाना के साथ एक विशाल तीन मंजिला संरचना है। यहां कुछ फारसी शिलालेख और प्राचीन इतिहास और आध्यात्मिकता की एक मजबूत और मिश्रा सुगंध देखने को मिलती है। यह मुस्लिम धर्म के यात्रिओ में बेहद लोकप्रिय है।
Murudeshwar Beach
मुरुदेश्वर मंदिर की परिधि के साथ सुंदर समुद्र तट है। भगवान शिव की विशाल प्रतिमा के साथ यह समुद्र तट परिवारों और प्रियजनों के लिए पिकनिक स्थल है। पर्यटक मुरुदेश्वर मंदिर के पास नाव की सवारी कर सकते हैं। मुरुदेश्वर समुद्र तट कर्नाटक का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। कोमल पहाड़ियों और हरे भरे पत्तों से घिरा यह समुद्र तट हमेशा गतिविधियों से भरा रहता है। इस स्थान की सुंदरता नारियल के पेड़ों से बढ़ जाती है जो इस स्थान के लिए स्वदेशी हैं।

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Murudeshwar Shopping
प्रसिद्ध मंदिर शहर और पर्यटन स्थल होने के साथ मुरुदेश्वर में खरीदारी के लिए भी अच्छा है। शहर का मंदिर मार्ग सामान, विशेष रूप से स्मृति चिन्ह के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां की मूर्तियां और वॉल हैंगिंग काफी खूबसूरत हैं। उसको आप खरीद सकते है। अद्वितीय हस्तशिल्प वस्तुओं का मुरुदेश्वर एक असंभव गंतव्य है। पेन स्टैंड से लेकर ज्वेलरी बॉक्स तक यहां सब कुछ पा सकते हैं। अगर आप एक ज्वेलरी बॉक्स खरीदना चाहते हैं, तो यहां से कुछ स्वदेशी गहने भी ले सकते है।
Scuba Diving Capital
मुरुदेश्वर कर्नाटक के भटकल तालुक राज्य में स्थित एक तटीय शहर है। मुरुदेश्वर के धार्मिक महत्व के साथ साथ तटीय शहर अपने समुद्री जीवन के लिए भी प्रसिद्ध है। मुरुदेश्वर एक प्रसिद्ध स्कूबा डाइविंग हॉटस्पॉट बना हुआ है। नेतरानी द्वीप मुरुदेश्वर से बहुत दूर नहीं वहा एक प्रसिद्ध मूंगा समुद्र तट है। और एक आदर्श स्कूबा डाइविंग साइट सह प्रशिक्षण केंद्र है। आप वहां मजा ले सकते है।
Festivals at Murudeshwar Temple
कार्तिक पूर्णिमा – कार्तिक महीने की पूर्णिमा में मनाया जाता है। उस दिन शिव जी ने तीन राक्षस शहरों को नष्ट कर दिया था। उसको उसे त्रिपुरासुर राक्षस के त्रिपुरा के रूप में जानते है। कुछ लोग मानते हैं कि उस दिन शिव के पुत्र कार्तिकेयन (मुरुगन) का जन्म हुआ था।
महाशिवरात्रि – यह त्योहार फरवरी या मार्च में होता है। भगवान शिव के देवी पार्वती के साथ विवाह का प्रतीक है। कुछ लोग मानते हैं कि यह वह दिन है जब पौराणिक कथाओं में अमृत प्रकरण के मंथन के दौरान भगवान शिव ने उस जहर को अवशोषित किया था।
Famous Food Of Murudeshwar
मुरुदेश्वर मंदिर कर्नाटक में भोजन के लिए पर्यटकों को ज्यादा विकल्प नहीं मिलते हैं। लेकिन कुछ रेस्तरां दक्षिण-भारतीय, उत्तर-भारतीय और चीनी व्यंजन परोसते हैं। आप यहाँ डोसा, बीसी बेले बाथ, अक्की रोटी, जोलादा रोटी, इडली, वड़ा, सांभर, केसरी बाथ, रागी मुड्डे, उप्पिट्टू, वांगी बाथ और मैसूर पाक, ओब्बट्टू जैसी पारंपरिक और स्थानीय मिठाइयों खा सकते हैं।

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Where To Stay In Murudeshwar
मुरुदेश्वर मंदिर और उसके नजदीकी पर्यटक स्थल देखने के बाद यहां रुकना चाहते है। तो पर्यटकों को मुरुदेश्वर मंदिर कर्नाटक में हाई-बजट से लो-बजट यानि सभी प्रकार के होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध है। आप अपनी सुविधा और जरुरत के अनुसार उसको पसंद कर सकते है। उस सभी को आप आसानी से बुक करके रह सकते है। कुछ हम बताते है। जिसमें आप जा सकते है।
- होटल कोला पैराडाइज़
- श्री विनायक रेजीडेंसी
- पंचवज्रा होमस्टे
- आरएनएस गेस्ट हाउस
- सेंट्रल लॉज
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Murudeshwar Temple Photo gallery
How to Reach Murudeshwar Temple
ट्रेन से मुरुदेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे
How To Reach Murudeshwar Temple By Train – मुरुदेश्वर जंक्शन प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो Murdeshwar शहर में कार्यरत है।मुरुदेश्वर रेलवे के माध्यम से भारत के सभी हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मुरुदेश्वर के लिए नियमित रेल सेवाएं दैनिक आधार पर संचालित होती हैं। पर्यटक रेलवे के माध्यम से बहुत आसानी से पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से मुरुदेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे
How To Reach Murudeshwar Temple By Raod – मुरुदेश्वर शहर के लिए नियमित बस सेवाएं चलती हैं। वे नियमित रूप से जुड़े हुए राज्य के साथ बेंगलुरु, मैसूर और उडुपी से राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलती हैं। पर्यटक टैक्सी या कैब भी ले सकते हैं। मुरुदेश्वर शहर के चारों ओर घूमने के लिए पर्यटक टैक्सियों, ऑटोरिक्शा और बस को पसंद कर सकते है।
फ्लाइट से मुरुदेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे
How To Reach Murudeshwar Temple By Flight – मुरुदेश्वर कैसे पहुंचे ? मुरुदेश्वर के लिए कोई सीधी उड़ान कनेक्टिविटी नहीं है। लेकिन उसका निकटतम हवाई अड्डा मैंगलोर में स्थित है। जी यहाँ से लगभग 137 किमी दूर है। मैंगलोर एयरपोर्ट के बहार से पर्यटक टैक्सी ले सकते हैं। नहीं तो ऑटोरिक्शा या बस को भी पसंद कर सकते है।

इसके बारेमे भी जानिए – यादवेंद्र गार्डन या पिंजौर गार्डन का इतिहास और जानकारी
Murudeshwar Temple Map | मुरुदेश्वर मंदिर का लोकेशन
Murudeshwar Temple In Hindi Video
Interesting Facts Of Murudeshwar Temple
- मुरुदेश्वर मंदिर में शिव प्रतिमा मुख्य आकर्षण है। ;
- उस शिव प्रतिमा को बनाने में दो वर्ष का समय लगा था।
- मुरुदेश्वर मंदिरका प्रवेश द्वार पर राजागोपुरम (Raja Gopur) 20 मंजिला है।
- यहाँ दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची शिव प्रतिमा लगभग 123 फीट ऊंची है।
- मुरुदेश्वर मंदिर संबंध रामायण के समय से है।
- मुरुदेश्वर मंदिर में पारंपरिक और आधुनिक वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है।
- राजागोपुरम ऊपर से पर्यटक शानदार दृश्यों को देख सकते हैं।
- मुरुदेश्वर मंदिर में विश्व का सबसे ऊँचा गोपुरम है।
FAQ
Q .मुरुदेश्वर मंदिर कहाँ है?
मुरुदेश्वर मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य में कंडुका पहाड़ी पर स्थित है।
Q .मुरुदेश्वर मंदिर में कौन से त्यौहार मनाए जाते हैं?
कार्तिक पूर्णिमा और महाशिवरात्रि
Q .मुरुदेश्वर मंदिर कब बना था?
मुरुदेश्वर मंदिर का संबंध रामायण के समय से है।
Q .मुरुदेश्वर मंदिर का निर्माण किसने करबाया था?
मुरुदेश्वर मंदिर का निर्माण आर एन शेट्टी ने करबाया था।
Q .मुरुदेश्वर मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
मुरुदेश्वर मंदिर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिव प्रतिमा और 20 मंजिला राजागोपुरम के लिए प्रसिद्ध है।
Conclusion
आपको मेरा Murudeshwar Temple Karnataka In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये Murudeshwar temple inside, Murudeshwar shiva temple
और Murudeshwar temple distance से सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है।
अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है।
हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।
Note
आपके पास Story Of Murudeshwar Hindu Temple In Hindi की जानकारी हैं। या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिख हमे बताए हम अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद।
! साइट पर आने के लिए आपका धन्यवाद !
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