नमस्कार दोस्तों Kedarnath Temple In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम केदारनाथ मंदिर के दर्शन और यात्रा की पूरी जानकारी के साथ केदारनाथ मंदिर का इतिहास बताने वाले है। भारत के उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गढ़वाल हिमालयी रेंज पर केदारनाथ मंदिर सबसे प्रतिष्ठित और पवित्र हिंदू मंदिर स्थित है। यह मंदिर उत्तराखंड में छोटा चार धाम यात्रा का एक हिस्सा है। 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचा भगवान शिव को समर्पित मंदिर 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मंदाकिनी नदी तट के सामने बर्फ से ढके और ऊंचे पहाड़ों के बीच स्थित केदारनाथ मंदिर हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए आते है।
वर्तमान केदारनाथ मंदिर का निर्माण शंकराचार्य ने किया गया था। लेकिन मूल मंदिर पांडवों नमे हजारों साल पहले एक विशाल पत्थर के स्लैब से बनाया था। शिव जी को समर्पित पवित्र मंदिरों या भूमि की यात्रा मोक्ष प्राप्ति के लिए की जाती है। चारों ओर हिमालय के मनोरम दृश्य, सुहावना मौसम और शुद्ध वातावरण पर्यटक एव भक्तो को परम उल्लास का अनुभव कराते हैं। दिलचस्प इतिहास, आध्यात्मिक मूल्य और आकर्षक वास्तुकला केदारनाथ मंदिर की यात्रा के कई कारण शामिल हैं।
Table of Contents
History of Kedarnath
केदारनाथ मंदिर का इतिहास और कहानी बताये तो बहुत दिलचस्प है। क्योंकि वह महाभारत की पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। कुरुक्षेत्र में युद्ध के बाद पांडवों ने चचेरे भाइयों को मारकर पापो से मुक्ति के लिए शिवजी की भक्ति करनी थी। शिव उनसे नाराज थे, उसके कारन पांडव शिव जी को मिलने काशी गए तो वहाँ से शिवजी हिमालय चले गए थे। शिव उन्हें पापों से आसानी से मुक्त नहीं करना चाहते थे। उस कारन भगवान खुद को भैंस के रूप में कर लिया था। वहा पांडव ने गुप्तकाशी पहुंच भीम ने उसकी पूंछ पकड़ ली और भैंस अलग दिशाओं में बिखर गई थी। ऐसा कहा जाता है कि उसका कूबड़ केदारनाथ में गिरा था।
उस कारन वहा केदारनाथ मंदिर बनाया गया था। उस भैंस के शरीर के दूसरे भाग तुंगनाथ, रुद्रनाथ, कल्पेश्वर और मध्यमहेश्वर जैसे स्थानों पर गिरे थे। केदारनाथ उस चार स्थानों को पवित्र ‘पंच केदार’ के रूप में जाना करते है। उसके पश्यात शिव ने पांडवों के पापों से माफ कर दिया था। और केदारनाथ में ज्योतिर्लिंगम का निर्माण किया था। ऐसा भी कहा जाता है। की नर और नारायण जो दो प्रसिद्ध भगवान विष्णु के अवतार थे। भरत खंड बद्रीकाश्रम में एक मिट्टी के शिवलिंग के सामने प्रदर्शन किया था। भगवान शिव प्रसन्न हुए और उनके सामने प्रकट हुए थे। वहाँ से भगवान ज्योतिर्लिंगम के रूप में केदारनाथ में स्थायी रूप से निवास करने लगे थे।

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Best Time To Visit Kedarnath Temple
मंदिर की ऊंचाई और भौगोलिक स्थिति के कारण केदारनाथ मंदिर छह महीने की अवधि के लिए तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहता है। ऊंचाई वाले पवित्र हिंदू मंदिर के कपाट खोलने के लिए अप्रैल के अंत या मई के महीने की शुरुआत को पसंद करते है। मंदिर दीवाली के समय बंद करते है। और उसके देवता को ऊखीमठ लाया जाता है। जहां इसकी पूजा अगले छह महीनों तक जारी रहती है। उस कारन केदारनाथ धाम की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से नवंबर के बीच है। उसमे अप्रैल से जून और अक्टूबर से नवंबर सबसे आदर्श समय है।
Tips For Visiting Kedarnath Temple
- केदारनाथ मंदिर की यात्रा के लिए आपको जरुरी ऊनी कपड़े साथ ले जाएं।
- क्योंकि यहाँ रात के समय तापमान कम हो जाता है।
- केदारनाथ मंदिर में शराब सख्त वर्जित है।
- पर्यटक केदारनाथ मंदिर जाने में अपनी दवाएं साथ ले जाएं।
- मंदिर की ऊंचाई अधिक होने के कारन दम के रोगियों को यहाँ सावधानी बरतनी चाहिए।
- केदारनाथ मंदिर यात्रा में आपको मच्छर या कीट विकर्षक ले जाना है।
- यहाँ पर्यटक को कच्चा और ठंडा खाना से बचना है।
- यात्रा के दौरान वह जगहों पर आराम न करें जहां चेतावनी के संकेत हैं।
- यात्रा के समय सनबर्न से बचने के लिए सन स्क्रीन लगाना है।
- यहाँ का उबला या पका खाना ज्यादा सुरक्षित है।
- यात्रा में आपको नल का पानी पीने से बचना है।
- केदारनाथ की यात्रा से पहले यात्री को एक मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करना है।
Kedarnath Temple Architecture
केदारनाथ मंदिर की वास्तुकला बताए तो केदारनाथ मंदिर भूरे रंग के पत्थरों से बना है। लोहे के क्लैम्प के उपयोग से पत्थर के स्लैब एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। मंदिर के निर्माण में किसी मोर्टार का इस्तेमाल नहीं किया गया है। केदारनाथ मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता भव्य केदारनाथ है। मंदिर छह फीट ऊंचे चौकोर चबूतरे पर बना हुआ है। ये मंदिर असलार शैली में बना हुआ है। उसके पत्थर स्लैब या सीमेंट के बिना ही एकदूसरे में इंटरलॉक्ड हैं। महाभारत में मंदिर क्षेत्र का उल्लेख मिलता है। मंदिर में एक गर्भगृह है। उसमे गृह में नुकीली चट्टान भगवान शिव के सदाशिव रूप में पूजी होती है। मंदिर के बहार नंदी बैल वाहन के रूप में विराजमान है।

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Kedarnath Temple Inside
केदारनाथ मंदिर के सामने एक छोटा सा हॉल पार्वती और पांच पांडवों की छवियों के साथ चमकता है। केदारनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्थित हॉल को भगवान कृष्ण, पांडवों, द्रौपदी, नंदी, शिव के वाहन, वीरभद्र (शिव के रक्षकों में से एक) और हिंदू पौराणिक कथाओं के अन्य देवताओं की मूर्तियों से सजाया गया है। मंदिर के दरवाजे के बाहर नंदी की भव्य मूर्ति आपका स्वागत करती है। केदारनाथ मंदिर के अंदर पूजा के लिए एक “गरबा गृह” और तीर्थयात्रियों के लिए एक मंडप मंदिर के अंदर रखा गया है।
Kedarnath Temple Opening Date
श्री केदारनाथ मंदिर छह महीने खुला और लगभग छह महीने तक सर्दियों के लिए बंद रहता है। Kedarnath Temple Opening Date 2021 की बात करे तो अप्रैल 2022 के अंतिम सप्ताह में फिर से खुल जाएगा। Kedarnath mandir में पर्यटक शर्दियो के मौसम में दर्शन के लिए नहीं जा सकते क्योकि मंदिर उस समय बंध रहता है। सिर्फ छह महीने ही उसके कपाट खोले जाते है।
Kedarnath Temple Darshan Timings
केदारनाथ मंदिर यात्रिओ के लिए सुबह 6 बजे खुलता हैं। उसमे दर्शन के लिए रात से लंबी लाइन लगती है। दोपहर 3 से 5 बजे तक पूजा होती है। उस कारन मंदिर बंद होता है। बाद में 5 बजे मंदिर दर्शन के लिए खोलते है। उसके बाद भगवान शिव का श्रृंगार के समय द्वार थोड़ी देर बंद करते हैं। शाम 7:30 से 8:30 आरती होती है। वह भगवान शिवजी की ये मूर्ति पांच मुख वाली होती है।
मंदिर रात 8:30 बजे बंद होता है। मंदिर की आरती के लिए मंत्र कन्नड़ में बोले जाते हैं। पूजा अनुष्ठानों की बात करे तो महाभिषेक, रूद्राभिषेक, लघु रूद्राभिषेक और शोदाशोपचार पूजा, शिव सहश्रमणम पथ, शिव महिमा स्त्रोतपथ और शाम को शिव तांडव स्त्रोत की परंपरा निभाई जाती है। अगर आप भी मंदिर के दर्शन करना चाहते है। तो जरूर जाना चाहिए।

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Kedarnath Temple Pooja And Rituals
केदारनाथ मंदिर में पूरे दिन कई प्रकार की सुबह और शाम की पूजा होती है। किसी भी पूजा में शामिल होने के लिए भक्तों को एक कुछ रुपए का भुगतान करना पड़ता है। मंदिर में सुबह की पूजा 4:00 बजे से शुरू होकर 7:00 बजे तक चलती है।
महाभिषेक – महाभिषेक की पूजा में शामिल होने के लिए प्रति व्यक्ति 1700 रुपये देने होते है।
रुद्राभिषेक – यह पूजा भगवान शिव को समर्पित है। वह पूजा पापों को मिटाने के लिए की जाती है। यह पूजा में शामिल होने के लिए प्रति व्यक्ति 1300 रुपये देने होते है।
लघुद्राभिषेक – यह अभिषेक स्वास्थ्य और धन से संबंधित मुद्दों को हल करने या कुंडली में ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए किया जाता है। लघुद्राभिषेक पूजा की कीमत एक व्यक्ति के लिए 1100 रुपये देने होते है।
षोडशोपचार पूजा – यह पूजा में शामिल होने के लिए भक्त को 1000 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। उसके अलावा, बालभोग, सामान्य सुबह की पूजा और कई दूसरे अनुष्ठान भी किए जाते हैं। उसमे यात्री मामूली दरों पर शामिल हो सकते हैं।
केदारनाथ मंदिर के शाम की पूजा शाम 6:00 बजे से शाम 07:30 बजे के बीच होती है।
पाठ
शिव सहस्रनाम पाठ – भगवान शिव के सभी 1008 नामों का पाठ भगवान शिव के सामने करते है और उचित पूजा और अभिषेकम किया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति को पूजा में शामिल होने के लिए 360 रुपये देने होते है।
शिव महिमास्तोत्र पाठ – यह पूजा में भाग लेने के लिए भक्तों को प्रति व्यक्ति 360 रुपये देने होते है।
पाठ– यह स्तोत्रों में प्रति स्तोत्र में 16 शब्दांश होते हैं, उन्हें भगवान शिव की शक्ति और सुंदरता का वर्णन करते हुए सुनाया जाता है। एक व्यक्ति के लिए 340 रुपये देने होते है।
Festivals Celebration In Kedarnath Temple
केदारनाथ मंदिर में मनाये जाने वाले त्यौहार बात करे तो भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के अलावा पर्यटक मंदिर में आयोजित होने वाले रोमांचक और धार्मिक त्योहारों को भी देख सकते हैं। क्योकि यहाँ कई हिन्दू धर्म के मुताबिक त्यौहार मनाए जाते है।
बद्री-केदार उत्सव – त्यौहार या महोत्सव जून के महीने में आयोजित होता है। और त्यौहार भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित अपनी संगीत प्रतिभा दिखाने के लिए पूरे उत्तरांचल के प्रमुख कलाकारों को एक साथ लाता है। यह पर्व 8 दिनों तक मनाया जाता है। उसमे भक्त बहुत अच्छे से शामिल होते है।
श्रावणी अन्नकूट मेला – यह मेला रक्षा बंधन से एक दिन पहले आयोजित या मनाया जाता है। उसमे पूरे ज्योतिर्लिंग को पके हुए चावल से ढक दिया जाता है। और उसके पश्यात वह भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। यह शुभ दिन पर कई पूजाएं की जाती हैं। जिसमे भक्त शामिल हो सकते है।
समाधि पूजा – यह पूजा महान श्री आदि शंकराचार्य की समाधि पर हर साल एक भव्य पूजा का आयोजन होता है। उसका आयोजन उस दिन आयोजित होता है। जब केदारनाथ मंदिर छह महीने के लिए बंद हो जाता है। उसमे भी भक्त शामिल होते है।
Kedarnath Trek
गौरीकुंड से 16 किमी के लंबे ट्रेक के केदारनाथ मंदिर को जाने वाला रास्ता खड़ी चढ़ाई पर चढ़ने के लिए घोड़े या टट्टू उपलब्ध हैं। 2013 की बाढ़ ने केदारनाथ को तबाह कर दिया था। मगर उसके पूर्व गौरव को पुनर्जीवित करने के लिए काम किया जा रहा है। केदारनाथ का ट्रेकिंग में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने हर कुछ कि.मी पर शेड स्थापित किए हैं। जहां यात्री कठिन यात्रा के समय आराम कर सकते हैं। चारों ओर घूमने के लिए पालकी और पोनी पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए लोकप्रिय बन गए हैं।

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Places To Visit Near Kedarnath Temple
त्रियुगीनारायण
ऐसा माना जाता है। यह मंदिर में भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। सोन प्रयाग से 5 किलोमीटर की छोटी ट्रेक के माध्यम से यात्री यह स्थान तक पहुँच सकते हैं। साथ ही जो ज्योति विवाह की साक्षी थी। वह आज भी मंदिर के सामने जलती है।
गुप्तकाशी
केदारनाथ मंदिर से 50 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थान अर्धनारीश्वर और विश्वनाथजी के मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
केदारगिरीपिंड
यहां से मंदाकिनी जैसी कई हिमनदियां बहती हैं। केदार गिरीपिंड केदारनाथ, केदारनाथ गुंबद और भारतेकुन्था नम के पहाड़ों से बना है।
गौरीकुंड
केदारानाथ के पास गौरीकुंड एक छोटा सा गांव है। यह जगह भगवान शिव को पाने के लिए देवी पार्वती ने घोर तपस्या की थी। 1972 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गौरीकुंड नाम का पानी का स्त्रोत है। उसका पानी पीकर कई बीमारियां दूर हो जाती है।
चोपता
गढ़वाल क्षेत्र में चोपता पर्यटकों को हिमालय का सबसे अद्भुत मनोरम दृश्य प्रदान करता है।
यह मंदिर से 93 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो तीन घंटे की ड्राइव पर है।
पंचकेदार
केदारनाथ पंचकेदार के मंदिरों में से एक है। पर्यटक दूसरे चार मंदिरों- मदमहेश्वर, तुंगनाथ, रुद्रनाथ और कल्पेश्वर को देख सकते हैं।
शंकराचार्य समाधि
यात्रिओ को यह स्थान बहुत ही शांत और शांत वातावरण प्रदान करता है। उसके बारे में ऐसा कहा जाता है। कि महान दार्शनिक आदि शंकराचार्य ने यहीं समाधि ली थी।
भैरवनाथ मंदिर –
यह मंदिर केदारनाथ मंदिर से सिर्फ 1 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां से केदारनाथ घाटी और केदारनाथ तीर्थ का पूरा नजारा देखा जा सकता है।
अगस्त्यमुनि
यह हिंदू मुनि अगस्त्य ऋषि का घर 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है।
वासुकी ताल
यह झील यात्रिओ को चौखम्बा चोटियों का मनमोहक दृश्य दिखता है।
और केदारनाथ मंदिर से 6 किलोमीटर की दूरी पर है।
गांधी सरोवर
यह स्थल चोराबाड़ी ताल के नाम से प्रसिद्ध एक छोटी सी झील है जो केदारनाथ मंदिर की तलहटी में स्थित है।
चंद्रशिला
3679 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह ट्रेकिंग करने के लिए काफी अच्छी जगह है। मगर दिसंबर से जनवरी में बफ होने से ट्रेकिंग रोक दी जाती है। पहली बार ट्रेकिंग करने वाले के लिए यहाँ अनुभव अच्छा रहता है।
सोनप्रयाग
केदारानाथ के पास 19 किमी दूर 1829 किमी ऊंचाई पर सोनप्रयाग स्थित है।
यहां बासुकी और मंदाकिनी नदी आपस में मिलती हैं।

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Shopping At Kedarnath Temple
केदारनाथ में मंदिरों के बाहर कई दुकानें हैं। चहल-पहल भरे बाजारों में आपको ब्रांडेड आइटम न मिलें। मगर उस दुकानें पारंपरिक और धार्मिक वस्तुओं से भरी पड़ी हैं। उसमे से आप कुछ स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं। भगवान शिव या मंदिरों की फ़्रेमयुक्त तस्वीरें, रुद्राक्ष माला और कीमती पत्थर, हस्तशिल्प और जड़ी-बूटियां ले सकते है। यहाँ आपको खरीदने के लिए नकदी देनी है। क्योंकि दुकानों द्वारा कार्ड स्वीकार नहीं किए जाते हैं।
Restaurants Near Kedarnath Temple
- शिवालिक वैली रेस्तरां
- जय मां दुर्गा रेस्तरां
- होटल भारत और रेस्तरां
- चौहान होटल
- होटल देव धाम
- होटल विजय पैलेस
Stay Near Kedarnath Temple
केदारनाथ में आपको कई तरह के होटल उपलब्ध हो जाएंगे। पांच सितारा होटलों की कीमत 7,000 रुपये है। एक होटल के लिए न्यूनतम मूल्य INR 2,000 है। उसके अलावा केदारनाथ में आपको सस्ते दामों पर कई अच्छे होटल मिल जाएंगे। जिसमे आप रुक सकते है। हम उसमे से कुछ नाम बताएँगे जिसमे आप रुक सकते है। यहाँ कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध है। आप अपनी जरुरत से पसंद करे।
- Hotel Priyadarshani
- Char Dham Camp
- Hotel Himachal House
- Shivalik Valley Resorts
- GMVN camps
Kedarnath Temple Photos
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Places To Visit In Kedarnath
- Kedarnath Temple
- Sonprayag
- Vasuki Tal
- Shankaracharya Samadhi
- Triyuginarayan
- Bhairavnath Temple
- Agastyamuni
- Chandrashila
- Chorabari Lake
- Guptakashi
- Syalsaur
- Gaurikund
- Phata
- Rudra Meditation Cave
How To Reach Kedarnath Temple
ट्रेन से केदारनाथ मंदिर कैसे पहुंचे
How To Reach Kedarnath Temple By Train –
अगर पर्यटक केदारानाथ मंदिर कैसे जाये की बात करे तो हम बतादे की केदारनाथ से निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। जो केदारनाथ से 220 किमी दूर है। वह सभी बड़े शहरो से अच्छे से जुड़ा हुआ है। और भारत में प्रमुख स्थलों के लिए कई लगातार ट्रेने चलती रहती है। वहाँ से यात्री टैक्सी या बसों से रेलवे स्टेशन से केदारानाथ मंदिर पहुँच सकते हैं।
सड़क मार्ग से केदारनाथ मंदिर कैसे पहुंचे
How To Reach Kedarnath Temple By Road –
केदारनाथ मोटर योग्य सड़कों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। और ऋषिकेश, देहरादून, उत्तरकाशी और टिहरी, पौड़ी और चमोली जैसे महत्वपूर्ण स्थलों से बसें और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 109 रुद्रप्रयाग और केदारनाथ को जोड़ता है। दिल्ली के आईएसबीटी कश्मीरी गेट से श्रीनगर एव ऋषिकेश के लिए बस ले सकते हैं।
फ्लाइट से केदारनाथ मंदिर कैसे पहुंचे
How To Reach Kedarnath Temple By Flight –
ऋषिकेश-देहरादून मार्ग पर जॉली ग्रांट हवाई अड्डा केदारनाथ का निकटतम हवाई अड्डा है। गौरीकुंड या हरिद्वार/ऋषिकेश तक टैक्सी से जा सकते है। गौरीकुंड से केदारनाथ पहुँचने के लिए आपको 15 कि.मी ट्रेकिंग करके जाना होता है। उसमे यात्री घोड़े, पालकी की सवारी या हेलीकॉप्टर सेवा ले सकते हैं।

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Kedarnath Temple Map केदारनाथ मंदिर का लोकेशन
Kedarnath Temple History In Hindi Video
Interesting Facts About Kedarnath Temple
- केदारानाथ मंदिर में भगवान शिव की ज्योर्तिलिंग स्थापित है।
- केदारनाथ में पांच सितारा होटलों की कीमत 7,000 रुपये है।
- श्री केदारनाथ मंदिर छह महीने सर्दियों में बंद रहेता है।
- केदारानाथ मंदिर का ज्योर्तिलिंग सभी 12 ज्योर्तिलिंगों में सबसे महत्वपूर्ण है।
- यहाँ दर्शन करने से जीवन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
- केदारनाथ का इतिहास हमे पांडवों के समय ले जाता है।
- पवित्र केदारनाथ की कहानी नार – नारायण जी से सम्बंधित भी है।
FAQ
Q .केदारनाथ मंदिर कहा है?
केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गढ़वाल हिमालय पर्वतमाला पर स्थित है।
Q .केदारनाथ में कौन सा भगवान है?
केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
Q .केदारनाथ मंदिर कौन से राज्य में है?
उत्तराखंड
Q .केदारनाथ मंदिर कैसे जाएं?
केदारनाथ की यात्रा हरिद्वार या ऋषिकेश से आरंभ होती है।
आप हरिद्वार तक ट्रेन,टैक्सी या बस से जा सकते हैं।
Q .केदारनाथ मंदिर की ऊंचाई कितना है?
केदारनाथ मंदिर की ऊंचाई समुद्र तल से 3584 मीटर है।
Q .केदारनाथ की पैदल यात्रा कितनी है?
केदारनाथ की पैदल यात्रा 16 किमी है।
Q .केदारनाथ की लंबाई कितनी है?
केदारनाथ मंदिर की उंचाई 85 फीट, लंबाई 187 फीट एव चौड़ाई 80 फीट है।
Q .केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने किया था।
कत्यूरी शैली में पत्थरों से बना मन्दिर का निर्माण पाण्डवो ने कराया था।
Q .केदारनाथ किस राज्य में है?
उत्तराखंड
Conclusion
आपको मेरा लेख Kedarnath Temple History बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये Kedarnath dham mandir, Who built kedarnath temple
और Char dham yatra से सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है।
अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है।
हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।
Note
आपके पास Kedarnath yatra 2022 की जानकारी हैं। या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिख हमे बताए हम अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद।
! साइट पर आने के लिए आपका धन्यवाद !
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