नमस्कार दोस्तों Kedarkantha in Hindi में आपका स्वागत है। आज हम केदारकांठा ट्रेक की सम्पूर्ण जानकारी बताने वाले है। टोंस नदी घाटी के पहाड़ों की गोद में स्थित केदारकांठा एक आसान एव क्लासिक ट्रेक की पेशकश करने वाला एक आश्चर्यजनक पर्यटक स्थान है। यह एक सुंदर रिज चोटी है जहां पर साल भर कई तरह के रोमांचक गतिविधियाँ के साथ पहुंच सकते है। आपको बतादे की उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित केदारकांठा चोटी सर्दियों के दौरान बर्फ से ढकी रहती है।
बर्फ से ढकी रहती चौटी मनमोहक नजारा पेश करती है।उस चोटी की यात्रा आपको गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के संरक्षित क्षेत्र के विदेशी वनस्पतियों और जीवों का पता लगाने का अवसर भी देती है। वह शिखर 3850 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। जहाँ से पर्यटक रंगलाना, बंदरपूच, काली और स्वर्गारोहिणी की सूर्य से लथपथ चोटियों को देख सकते हैं। प्राकृतिक सुंदरता के साथ हल्की रोमांच चाहने वालों के लिए यह जगह एकदम सही जगह है।
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Kedarkantha History In Hindi
केदारकांठा का इतिहास देखे तो केदारकांठा से जुडी सभी कथाएं केदारनाथ और केदारकांठा से जुडी है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक केदारकांठा ही केदारनाथ के रूप में पूजा जाता मगर उस समय यहाँ रहने वाले लोगों की वजह से भगवान शिव ने वह स्थान छोड़ केदारनाथ चले गई थे। पंच केदार मंदिरों की पौराणिक कथाओं में उल्लेख मिलता है। महाभारत युद्ध समाप्ति के बाद पांडव भाईओ की हत्या के पाप से मुक्ति पाने भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते थे। शिव जी भगवान पांडवों से छिपने के लिए बैल का रूप ले लेते है। उसके बाद वह केदारकांठा आये थे।
मगर भगवान शिव केदाकांठा आये थे उस समय पर्वत में मनुष्यों की बस्ती थी। और उनके पशुओं के गले में घंटी बांधी जाती थी। क्योकि पशु घास के मैदानों में चर रहे होते तो घंटी की आवाज से पता चल पाए की पालतू पशु कितनी दुर है। उसके कारन पशुओं की घंटी के आवाज से भगवान शिव का ध्यान भंग होता था। उसी वजह से भगवान शिव केदारकांठा को छोड़ कर केदारनाथ चले गए थे। केदारनाथ में भगवान शिव पाँच भागों में अलग हुए थे तो उनके गले के भाग यह स्थान पर गिरा था। उसके बाद यह जगह केदारकांठा कहा जाता है।

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Best Time To Visit Kedarkantha Trek
केदारकांठा ट्रेक हिमालय के चुनिंदा ट्रेक्स में से एक है। वहाँ आप पुरे साल घूमने के लिए जा सकते है। पुरे साल आपको यहाँ पर एक अलग ही खूबसूरती देखने को मिलती है। उस वजह से पुरे साल केदारकांठा ट्रेक ट्रेकर्स को ट्रेक करते हुए देख सकते है। मगर हो सके तो बारिश के मौसम में केदारकांठा ट्रेक करने से बचना चाहिए। बारिश के मौसम में यह ट्रेक बहुत ज्यादा खूबसूरत हो जाता है। मगर ज्यादा खतरनाक हो जाता है। वर्षों में हिमालय के पहाड़ों में बारिश के कारन भूस्खलन के मामले होते है।
केदारकांठा ट्रेक सर्दियों के मौसम में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध क्योंकि वह हिमालय के चुनिंदा ट्रेक में से है। जिन्हे सर्दियों के मौसम में सबसे ज्यादा किया जाता है। सर्दियों के मौसम में यहाँ बिछी हुई बर्फ के सफेद चदर को देखना और केदारकांठा के शिखर से दिखाई देने वाली हिमालय की विशाल पर्वत श्रृंखलाओं को देखने का एक अलग ही सुखद अनुभव होता है। गर्मियों के मौसम में यहाँ दिन का तापमान बड़ा लुभावना रहता है। और रात के समय यहाँ पर ठण्ड बढ़ जाती है।
Tips For Kedarkantha Trek
- यहाँ जाने के लिए आप पहचान पत्र, मफलर, पानी की बोतल, गरम कपड़े साथ रखना है।
- पर्यटकों को यहाँ ड्राई फ्रूट्स और पैकेट फ़ूड साथ रखने है।
- बारिश के मौसम में आपको रेन कोट को साथ रखना है।
- उसके अलावा आप धुप का चश्मा, टोर्च, कैंपिंग का सामान भी साथ रखे।
- यात्रा में इलेक्ट्रॉनिक सामान को बारिश से बचाने के वाटरप्रूफ बैग जरूर रखे।
- केदारकांठा ट्रेक शुरू करने से पहले मौसम के बारे में जानकारी प्राप्त करले।
- ट्रैकिंग का अनुभव नहीं है तो साथ स्थानीय गाइड रखना चाहिए।
- ट्रेक शुरू करने से पहले ट्रैकिंग एजेंसी के साथ ट्रेक करते है तो यात्रा कार्यक्रम जानले।
- मानसून के मौसम में ट्रेक फिसलन भरा होने के कारन सावधानी रखें।
- ट्रेक शुरू करने से पहले केदारकांठा ट्रेक से जुड़े हुए नियमों की जानकारी जरूर ले।
- आप अनुभवी ट्रेकर नहीं है तो भूल कर भी ट्रेक अकेले नहीं करना चाहिए।
- ट्रेक के दौरान आपको किसी भी तरह के मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलते है।

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Kedarkantha Trek Cost
- केदारकांठा ट्रेक का पूरा करने में 4-5 दिन का समय लगता है।
- उसमे कई ट्रैकिंग एजेंसीज 6 दिन में भी ट्रेक पूरा करवाती है।
- एजेंसीज देहरादून से केदारकांठा तक कॉस्ट चार्ज करते है।
- केदारकांठा ट्रेक की अंदाजित लागत 5000 से 10000 तक होती है।
- उसकी कीमत ट्रेक के समय एजेंसीज क्या – क्या सुविधा उपलब्ध करवाती उसपर निर्भर है।
Kedarkantha Trek Route
- केदारकांठा ट्रेक करने के लिए तीन ट्रेक रूट होते है।
- उसमे में यात्री साँकरी से जुडा-का-तालाब और केदारकांठा बेस कैम्प वाला रूट ज्यादा पसंद करते है।
- केदारकांठा ट्रेक रूट एक में साँकरी – जुडा-का-तालाब – केदारकांठा बेस कैम्प – केदारकांठा शिखर
- यह रूट में केदारकांठा शिखर से वापस आते हरगांव होते हुए आ सकते है।
- केदारकांठा ट्रेक रूट दो में कोटगाँव – खुजेय – केदारकांठा बेस कैम्प – केदारकांठा शिखर
- केदारकांठा ट्रेक रूट तीन में गैछवां गाँव – जूलोटा – पुकरोला – केदारकांठा शिखर
Kedarkantha Trek
हिमालय के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित केदारकांठा ट्रेक शुरुआती ट्रेकर्स और अनुभवी दोनों में प्रसिद्ध है। उसका मुख्य कारण ट्रैक के समय दिखाई देने वाले अविस्मरणीय दृश्य है। केदारकांठा ट्रेक भारत के निंदा ट्रेक में से एक है। आप चाहे तो पूरे साल में कोई भी समय केदारकांठा ट्रेक कर सकते है। मगर मानसून के मौसम में केदारकांठा ट्रेक नहीं करना चाहिए। क्योकि वर्षों में उत्तराखंड में बारिश में भूस्खलन होता है। केदारकांठा ट्रेक 18 कि.मी लंबा है। उसको पूरा करने में 4 से 5 दिन का समय लगता है।

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Day One of Kedarkantha Trek (पहला दिन)
केदारकांठा ट्रेक साँकरी गांव से शुरू होता ज्यादातर ट्रेवल एजेंसीज देहरादून से केदारकांठा ट्रेक का पहला दिन कहते है। केदारकांठा ट्रेक शुरू करने से पहले यात्रिओ को सबसे पहले साँकरी गांव पहुँचना है। देहरादून से साँकरी 190 कि.मी दूर है। देहरादून से साँकरी के लिए नियमित रूप से बस और टैक्सी उपलब्ध होती है। आप ट्रेकिंग एजेंसी के साथ ट्रेक करते है। तो वो लोग आपके साँकरी तक पहुँचने की व्यवस्था पहले से करते है। आपको सिर्फ निर्धारित स्थान पर समय तक पहुंचना है। देहरादून से साँकरी पहुंचने के दो रास्ते उसमे पहले रास्ते से आप अगर साँकरी जाते है तो देहरादून से यमुना पुल – नैनबाग – नौगांव – पुरोला और मोरी से साँकरी पहुंचते है। दूसरे में देहरादून से विकासनगर और चकराता से साँकरी पहुँचते है।

Day Two of Kedarkantha Trek (दूसरा दिन)
देहरादून से सड़क मार्ग से साँकरी गांव पहुँचने के बाद आराम करना चाहिए। साँकरी गांव को केदारकांठा ट्रेक का बेस कैंप गांव कहते है। उसके बाद दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर साँकरी से केदारकांठा ट्रेक की यात्रा शुरू कर सकते है। आप ट्रैकिंग एजेंसी के साथ ट्रेक करते है तो आपको देहरादून में ही यात्रा कार्यक्रम बता देंते है। साँकरी से केदारकांठा ट्रेक की यात्रा के समय आपको पहला चेक पॉइंट जुडा-का-तालाब है। साँकरी से जुडा-का-तालाब 4 कि.मी है। साँकरी से जुडा-का-तालाब का ट्रेक घने जंगलो में से गुजरता और ट्रेक के समय बेहद सुन्दर दृश्य दिखाई देते है।
Day Three of Kedarkantha Trek (तीसरा दिन)
साँकरी गाँव से जुडा-का-तालाब पहुँचते आप साथ कैंपिंग सामान लेकर आये है तो अच्छा नहीं तो यहाँ से 500 रुपये देकर टेंट किराये पर ले सकते है। जुडा-का-तालाब से केदारकांठा बेस कैंप 2 कि.मी है। अगर पर्यटक सर्दियों के मौसम में ट्रेक करते है। तो आपको जुडा-का-तालाब और केदारकांठा बेस कैम्प मे बर्फ जमी देख सकते है। उसके कारन जुड़ा-का-तालाब के पश्यात ट्रेक करने में कठिनाई महसूस होती है।

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Day Four of Kedarkantha Trek (चौथा दिन)
केदारकांठा बेस कैम्प पर आराम करने के बाद सुबह केदारकांठा के शिखर के लिये ट्रेक शुरू कर सकते है। सूर्योदय से पहले केदारकांठा के शिखर पहुंच सकते है। केदारकांठा बेस कैम्प से केदारकांठा शिखर 4 से 5 कि.मी है। उसको ट्रैक का सबसे मुश्किल हिस्सा कहा जाता है। सर्दियों के मौसम में केदारकांठा शिखर के ट्रेक के समय 3से 4 फ़ीट गहरी बर्फ होती है। उसके कारन सावधानी रखनी जरुरी है। सूर्योदय का आनंद लेने एव समय बीतने के बाद केदारकांठा बेस कैम्प आ सकते है।
Day Five of Kedarkantha Trek (पाँचवां दिन)
अगर आपके केदारकांठा ट्रेक का आखरी दिन तो आप केदारकांठा बेस कैंप से साँकरी गाँव वापस पहुँच आ सकते है। वह आप पर निर्भर है की साँकरी पहुँच कर देहरादून जाना चाहते है। या साँकरी गाँव मे आराम करना चाहते है।
How To Reach Kedakantha
देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट केदारकांठा के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा वह देहरादून हवाई अड्डे से साँकरी (केदारकांठा) से 200 कि.मी दूर है। हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून रेलवे स्टेशन साँकरी (केदारकांठा) के सबसे ज्यादा नजदीकी रेलवे स्टेशन है। वह सभी तीनो रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से रेल मार्ग से बहुत अच्छी तरह से जुड़े है। केदारकांठा पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले देहरादून आना होता है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून सड़क मार्ग से भारत के मुख्य शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा है। वहाँ पहुंचने के बाद देहरादून से बस, कैब और शेयर्ड टैक्सी की सहायता से साँकरी (केदारकांठा) पहुँच सकते है।

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Kedarkantha Trek Route Map केदारकांठा का लोकेशन
Kedarkantha Trek Dehradun In Hindi Video
Interesting Facts
- केदारकांठा शिखर भारत में सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाले ट्रैक में शामिल है।
- केदारकांठा शिखर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
- सर्दियों के मौसम ट्रेकर्स से केदारकांठा ट्रेक किया जाता है।
- केदारकांठा और पंच केदार मंदिरों की पौराणिक कथाओं में एक है।
- भगवान शिव केदाकांठा आये तब यहाँ मनुष्यों की बस्ती हुआ करती थी।
- केदारकांठा ट्रेक के समय जुडा -का -तालाब एक बेहद सुन्दर तालाब है।
- केदारनाथ माउंटेन रेंज के बीच स्थित एक प्रमुख तीर्थस्थल है।
FAQ
केदारकांठा ट्रेक सांकरी गांव से शुरू होती है।
केदारकंठ ट्रेक को पूरा करने में 6 से 7 दिनों का समय लगता है।
केदारकांठा ट्रेक के दौरान आप ट्रेवल एजेंसीज से ट्रेकिंग करते है तो कई प्रकार की सुविधा मिलती है।
केदारकांठा उत्तराखंड हिमालय का सबसे ऊंचा ट्रैक बारिश में सुरक्षित नहीं है।
केदारकांठा ट्रेक में अंदाजित 5000 से 10000 रूपए खर्च आता है।
केदारकांठा ट्रेक सर्दियों के मौसम में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है।
केदारकांठा ट्रेक 18 कि.मी लंबा बहुत कठिन है।
Conclusion
आपको मेरा लेख Kedarkantha Trek In Hindiबहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये Sankri to Kedarkantha distance, Kedarkantha trek location
और Kedarkantha trek to Kedarnath distance से सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है।
अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है।
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Note
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