Kanha Tiger Reserve जिसको कान्हा राष्ट्रीय उद्यान (kanha national park) भी कहा करते है। भारत के मुख्य बाघों के अभ्यारणों में से एक है और हमारे देश के मध्य में मध्य प्रदेश राज्य में कान्हा नेशनल पार्क सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। उसका निर्मणा 1 जून 1955 को हुआ था। और उसके पश्यात 1973 में कान्हा टाइगर रिजर्व के रूप से स्थापित किया गया था। आज के समय में यह नेशनल पार्क 940 वर्ग किलोमीटर में फैला सबसे बडे टाइगर दो विभागों में विभाजित है।
आज हम एशिया सर्वश्रेष्ठ पार्कों में से एक kanha national park is famous for, kanha national park booking और kanha national park safari booking की जानकारी बताने वाले है। कान्हा नेशनल पार्क में 300 से अधिक प्रकार के वन्यजीव, बड़े स्तनधारियों की 22 प्रजातिया और पक्षीयो की कई प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं। तो चलिए Kanha National Park “The Land Of Jungle Book” In Hindi बताना शुरू करते है।
Table of Contents
Kanha National Park Information In Hindi –
राष्ट्रीय पार्क में रॉयल बंगाल टाइगर, भारतीय जंगली कुत्ते, बरसिंघा, सुस्त भालू और भारतीय तेंदुऐ की आबादी मौजूद है। उसका विवरण रूडयार्ड किपलिंग ने अपने प्रसिद्ध उपन्यास द जंगल बुक में लिखा है। kanha kisli national park आधिकारिक रूप से शुभंकर भूरसिंह द बारासिंघा विवरण देने वाला देश का पहला बाघ अभयारण्य है।
पार्क की भारत के मुख्य शहरों से दूरी –
- रायपुर से 250 किमी
- जबलपुर से 160 किमी
- नागपुर से 300 किमी
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान से 200 किमी
- भिलाई से 270 किमी
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से 250 किमी
- बिलासपुर से 250 किमी
कान्हा नेशनल पार्क की पूरी जानकारी
कान्हा नेशनल पार्क घूमने जाने का सबसे अच्छा समय –
kanha national park best time to visit – यदि आप किसी भी जगह गुमने के लिए जाते है तो आपको वह गुमने का सबसे अच्छा समय जरूर पता होना चाहिए। वैसे ही आज हम कान्हा नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय बताने वाले है। अक्टूबर से जून के महीनो में यह पार्क खुला रहता है। आप सुखद यात्रा करना चाहते हैं। तो आपको अक्टूबर से मार्च के बीच वहा जाना चाहिए। मध्य प्रदेश में गर्मीयो के सीजन में नहीं जाना चाहिए।
Kanha National Park History In Hindi –
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास देख तो मूल रूप से कान्हा राष्ट्रीय उद्यान गोंडवानों यानि गोंडों की भूमि एक हिस्सा था। यह जगह को बैगाओं एव गोंडों की जनजातियों ने बसाया था। समय में दो प्रजातियों ने पार्क के बहार के एरिया को कवर किया हुआ है। यह पार्क को दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। उस दोनों को बंजार एव हॉलन के नाम से पहचाना जाता है। एक को 300 वर्ग किमी और दूसरे को 250 वर्ग किमी के क्षेत्रों में अलग किया गया है।
पार्क को 1879 की साल में 1949 वर्ग किमी के हिस्से में जोड़ते हुए आरक्षित वन बना दिया गया। 1933 की साल में कान्हा नेशनल पार्क को अपनी अद्भुत सुंदरता एव अदम्य परिदृश्य के कारन पूरी दुनिया से प्रसिद्ध हुआ था। 2001 में यह पार्क को भारत सरकार पर्यटन विभाग ने अनुकूल पर्यटन राष्ट्रीय पार्क से सन्मानित किया था। उसमे 22 प्रजातियों के साथ 300 से अधिक अलग प्रकार के वन्यजीव एव पक्षीयो की प्रजातियाँ दिखाई देती है।
Sunset Point In Kanha National Park In Hindi –
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में बामनी दादर सनसेट पॉइंट के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से पर्यटकों को मैदानी क्षेत्रों की सुंदरता एव विशालता दिखाई देती है यहाँ का आकर्षक दृश्य सभी के मन को आकर्षित करता है। कान्हा नेशनल पार्क में सनसेट पॉइंट देखना एक शानदार अनुभव हो सकता है। उस स्थान को विजिट करने वाले सभी यात्री सूर्यास्त को जरूर देखते है। भारतीय बाइसन एव बार्किंग हिरण को देखना यहाँ एक बेहद अच्छा अनुभव हो सकता है। यहाँ की शाम की सफारी यात्रा का अंतिम चरण है।

Where Is Kanha National Park in Hindi –
अगर आप कान्हा राष्ट्रीय उद्यान कहाँ है। पूछते है तो आपको बतादे की कान्हा टाइगर रिजर्व जाने के लिए आपको हमारे भारत के मध्यपदेश राज्य के मंडला जिले जाना होगा। क्योकि कान्हा नेशनल पार्क के जंगल एव घास के मैदान को देखना हो तो जरूर जाना चाहिए यह एक विशाल हिस्सा है। जो कुदरत के करिश्मा को दिखता है।
Flora And Fauna In Kanha National Park In Hindi –
कान्हा नेशनल पार्क के बाघ –
देश के मुख्य Tigers आरक्षित क्षेत्र जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, रणथंभौर और सरिस्का के साथ साथ कान्हा नेशनल पार्क भी एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित है। यह मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है। अपने हरे-भरे परिदृश्य और खड्डों ने लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने अपने एक पुस्तक में उसका विवरण किया है। यह बुक को द जंगल बुक केनाम से प्रसिद्ध किया था। वही पुस्तक से यह बाघ अभयारण्य बना था। बाघ ही कान्हा नेशनल पार्क का मुख्य आकर्षक केंद्र है। यहाँ पर रॉयल बंगाल टाइगर एक लुप्तप्राय प्रजाति का निवास्थान है।

कान्हा नेशनल पार्क में Safari –
कोई भी यात्री घूमने के लिए कान्हा नेशनल पार्क जाता है। तो उसको जरूर जीप सफारी करना करना चाहिए। कान्हा नेशनल पार्क में सभी लोगो को बहुत आसानी से जीप सफारी मिल जाती है। आपको बतादे की जीप सफारी के बिना आपकी यात्रा एकदम अधूरी लगती है। भारत के मुहक़्क़ी और खास अभ्यारणों में कान्हा पार्क का नाम जरूर लिया जाता है। जीप सफारी में आनंद लेने के लिए आपको जीप के हिसाब से आपको रूपये देने होंगे। एक जीप बुक करने के लिए आपको 1000 से 2000 रूपये देने की आवस्यकता रहती है।
यह नेशनल पार्क में सफारी करने के लिए दो स्लॉटों में टिकट बुक करने की व्यवस्था की हुई है। फस्ट स्लॉट सुबह 6 बजे से 11 बजे होता है। और दूसरा दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक होता है। सुबह वाले स्लॉट में आपको बाघ जरूर दिखाई देते है। लेकिन दोपहर के स्लॉट में बाघ देखने की संभावना काम होती है। सुबह की सफारी दोपहर से महँगी हुआ करती है। कान्हा पार्क में मजेदार और रोमांचक अनुभव के लिए हाथी की सफारी जरूर देखना चाहिए। यह सफारी के लिए आपको 300 से 600 रुपये देने पड़ते है।
Birds In Kanha National Park in India –
आपको बतादे की यहाँ पर आपको 300 प्रजातियां देखने को मिलती हैं। यह जगह फोटोग्राफरों को बहुत आकर्षित करता है। यह पार्क में रिंग डूव्स, पार्टिडेज, बटेर, हूप, ड्रगोस, सारस, चैती, तालाब बगुले, मोर, जंगल फाउल और पिंटेल देखने को मिलते है। उसके अलावा ओरीओल्स, फ्लाईकैचर, रॉक कबूतर, कोयल, पेनहास, रोलर्स,किंगफ़िशर, उल्लू, कठफोड़वा, फ़िंच, मधुमक्खी-भक्षक, योद्धा, पैराकीट पक्षी, स्प्रफाउल और ग्रीन कबूतर भी देखने को मिलते है।
कान्हा नेशनल पार्क के अंदर महत्वपूर्ण क्षेत्र –
बामनी दादर –
बाघ अभ्यारण्य में सबसे ऊंचे पठारों में से बामनी दादर एक है और जंगलों की सुंदरता और विशालता का मनमोहक दृश्य देखने मिलता है। ब्रिटिश लोग पार्क को देखने के लिए विमान से सवारी करते थे। बामणी दादर में आज भी विमान उड़ान भरता है। पार्क की यात्रा में बामनी दादर जरूर देखना चाहिए। कान्हा के सूर्यास्त बिंदु के रूप में भी पहचानते यह कान्हा का सबसे ऊँची जगह है। यहां पर पर्यटक हिरण, चित्तीदार हिरण और भारतीय बाइसन देख सकते हैं।

Sonf Meadows –
कान्हा में बाघ अभयारण्य बनाने के लिए पार्क से सोंफ गांव को बाहर कर दिया था। जैसे-जैसे लोग रिजर्व से दूर रहने लगे तब से बारासिंघा यहां आए और वे सफलतापूर्वक प्रजनन करने लगे। लम्बी घासों के आवरण ने शिकारियों से बारसिंघा की रक्षा करने लगे थे। सोंफ के जैसे ही कुछ अन्य घास के मैदान भी हैं जहाँ पहले गाँव थे।
Shravan Tal –
पार्क में पानी का एक छोटा सा तालाब है जिसे श्रवण ताल के नाम से जानते है। स्थानीय लोगो के अनुसार उसका नाम इतिहास की वजह से पड़ा है। श्रवण ने अपने अंधे माता-पिता के लिए यहाँ आया था। श्री राम के पिता राजा दशरथ ने श्रवण को धनुष बाण से मार दिया था ।
Kanha Meadows –
कान्हा के सबसे लोकप्रिय यात्रा स्थलों में कान्हा मीडोज एक है। कई समय पर्यटकों ने बाघ को अपना शिकार करते हुए देखा है। घास के बड़े मैदानों में शाकाहारी प्राणियों को बहुत आसानी से देख सकते हैं।
Lapsi Kabar –
कान्हा से तक़रीबन 4 किमी दूर यह स्थान मौजूद है। सच्ची घटना के आधार पर एक गाइड प्रकृतिवादी था। लेकिन बाघ के साथ उसका सामना हुआ था । गाइड जंगल सफारी के समय वह बाघ के साथ बहादुरी से लड़ा मगर उसकी मृत्यु हो गई थी । उनके साहस से यहां पर स्मारक बनाया है।

Shravan Chita –
यह स्थान पर कर्तव्यनिष्ठ पुत्र श्रवण का अंतिम संस्कार हुआ था। राजा दशरथ ने अपने गलत शिकार से उसकी मौत हुई थी। श्रवण कुमार अपने अंधे माता-पिता के लिए पानी लाने गए थे। वह स्थान पर उसकी मौत हुई थी। उसकी याद में पार्क के एक केंद्र में स्थान मौजूद है। तालाब में पानी ज्यादा होने के कारन कारण यहाँ शाकाहारी और मांसाहारी पशु और पक्षी पानी पिने के लिए आते हैं।
Kanha Museum –
किसली गेट के प्रवेश द्वार के पास ही कान्हा संग्रहालय स्थित है।
मध्य प्रदेश के वन विभाग ने कान्हा संग्रहालय को स्थापित किया है।
यह स्थान पर आपको सरीसृपों, मांसाहारी और शाकाहारी के कंकाल भी देखने को मिलते हैं।
Dasharatha Machan –
आप श्रवण ताल के नजदीक होते हैं। तो इसके सामने पर्वत को देख सकते हैं। उसे श्रवण माचन कहा जाता है। भारतीय पौराणिक कथाओं में श्रवण को दशरथ ने बाण मारा था। उस स्थान को माचा डोंगर के नाम से जाना जाता है। राजा दशरथ ने उस माचन को उपयोग शिकार करने के लिए किया था।
Kanha National Park Resorts In Hindi – रुकने की जगह
कोई भी व्यक्ति अगर कान्हा नेशनल पार्क में गुमने एव यात्रा करने जाता हैं। उन्हें रुकने के लिए जगह के बारे में जानना हैं। तो उन्हें बता दें कि आपको कान्हा पार्क के नजदीक ही मध्यम से लेकर हाई बजट के लग्जरी होटल एव गेस्ट हॉउस आसानी से मिल जायेंगे। आप अपने लिए होटल्स को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से बहुत आसानी से बुक कर सकते हैं।
कान्हा नेशनल पार्क में स्थानीय भोजन एव रेस्टोरेंट –
- आप अगर कान्हा नेशनल पार्क में खाने की जानकारी चाहते है।
- तो आपको बतादे की पार्क के आसपास और नजदीकी होटलो में आपको
- स्थानीय व्यंजनों के साथ कई भोजन उपलब्ध कराये जाते है।
- आपको मध्यप्रदेश के स्थानीय भोजन खाना हैं।
- तो बिरयानी, दाल बाफला, कोरमा, जलेबी, पोहा, लड्डू, लस्सी एव गन्ने का रस भी आपको मिल सकता है।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान फोटो
कान्हा नेशनल पार्क कैसे पहुंचे –
रेलवे से कान्हा नेशनल पार्क कैसे पहुँचे –
बालाघाट रेलवे स्टेशन कान्हा राष्ट्रीय उद्यान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे
के जबलपुर-नैनपुर-गोंदिया खंड पर स्थित है।
यह रेलवे जंक्शन से गोंदिया, जबलपुर, कटंगी से सतपुड़ा रेलवे मार्ग मौजूद हैं।
बालाघाट से जबलपुर के लिए 2 सीधी ट्रेन हैं।
जबलपुर से बालाघाट जाने 5घंटा 27मिनट का समय लगता है।
कान्हा से गोंदिया रेलवे स्टेशन 145 किमी दूर है। वहा से आप बस या कैब से जा सकते हैं।
सड़क मार्ग से कान्हा नेशनल पार्क कैसे पहुंचें –
आप अगर रोड से जाने के लिए आपको बालाघाट जिला से कान्हा के लिए नियमित बसें मिलती रहती हैं।
सड़क के माध्यम से मध्यप्रदेश बहुत अच्छे से जुड़ा है।
क्योकि भारत के मध्य में स्थित होने के कारन पुरे देश से अच्छे से जुड़ा हुआ है।
और देश के सभी मुख्य शहरों से सार्वजानिक और निजी बस बहुत आसानी से मिल सकती है।
फ्लाइट से कान्हा नेशनल पार्क कैसे पहुंचे –
बिरवा हवाई अड्डा बालाघाट पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा है।
उसके अलावा नागपुर 300 कि.मी, रायपुर 250 कि.मी और जबलपुर 160 कि.मी की दुरी पर स्थित है।
वहा से आप बहुत आसानी से कान्हा पहुंच सकते है।
Kanha National Park Location – कान्हा नेशनल पार्क का पता
Kanha National Park Information In Hindi Video –
Interesting Fact –
- कान्हा नेशनल पार्क पहाड़ियों की मैकाल श्रृंखला में 940 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- कान्हा को 1930 के दशक में दो अभयारण्यों में विभाजित किया गया था।
- जंगल में अच्छा दिखने वाला भारतीय भूत का पेड़ (कुल्लू) भी देखने को मिलता है।
- भारत के शीर्ष 10 प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में कान्हा नेशनल पार्क को सूचीबद्ध किया गया है।
- कान्हा एक उष्णकटिबंधीय जलवायु का आनंद लेते हैं।
- ब्रेडरी प्रजाती के बारहसिंगा को कान्हा का गहना कहा जाता है।
- कान्हा किसली नेशनल पार्क का सबसे ऊँचा स्थान (सनसेट पाइंट) बामनी दरार है।
FAQ –
Q : कान्हा राष्ट्रीय उद्यान कहाँ पर है?
Ans : भारत के मध्य में मध्य प्रदेश राज्य के किसली में मण्डला जिला से
लेकर बालाघाट जिले तक फैला हुआ है। सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।
Q : कान्हा राष्ट्रीय उद्यान स्थापना कब हुई थी ?
Ans : 1 जून 1955 ई. को कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की गई थी।
Q : कान्हा नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट टाइगर कब स्टार्ट किया गया ?
Ans : कान्हा पार्क में प्रोजेक्ट टाइगर 1974 ई. को बनाया गया था।
Q : कान्हा किसली नेशनल पार्क में घाटी का क्या नाम है?
Ans : हालो और बंजर घाटी कान्हा किसली में दो घाटी है।
Q : कान्हा किसली नेशनल पार्क कौन सा रिसोर्ट है?
Ans : कान्हा किसली में “बघीरा जंगल सिसोर्ट” है।
Q : मध्य प्रदेश का पहला नेशनल पार्क कौन सा है?
Ans : मध्य प्रदेश का प्रथम नेशनल पार्क कान्हा किसली नेशनल पार्क है
Q : मध्य प्रदेश का प्रथम अभ्यारण कौन सा है?
Ans : मध्य प्रदेश का प्रथम अभ्यारण कान्हा किसली है।
Conclusion –
आपको मेरा Kanha National Park Information In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये kanha national park hotels और
kanha national park kahan hai से सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है।
अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो कहै मेंट करके जरूर बता सकते है।
हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।
Note –
आपके पास kanha national park jabalpur, कान्हा नेशनल पार्क एंट्री फ्री या importance of kanha national park की कोई जानकारी हैं।
या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे / तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है।
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