नमस्कार दोस्तों Kalighat Temple Kolkata In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम पृथ्वी पर 51 शक्ति पीठों में से सबसे पवित्र में से एक कालीघाट मंदिर की जानकारी बताने वाले है। अपने इतिहास और किंवदंती के कारण कालीघाट काली मंदिर कोलकाता का एक प्रसिद्ध स्थल है। यह मंदिर हुगली नदी पर एक पवित्र घाट आदि गंगा के किनारे हिंदू देवी काली को समर्पित है। शिव के रुद्र तांडव के समय सती के शरीर के विभिन्न अंग अलग अलग स्थल पर गिर गए थे। कालीघाट दक्षिणायन या सती के दाहिने पैर के पंजे गिरे थे।
ऐसा कहाजाता है की कलकत्ता शहर का नाम भी कालीघाट शब्द से लिया गया है। यहाँ प्राचीन समय में हुगली नदी का मूल मार्ग था। लेकिन समय के साथ नदी मंदिर से दूर चली गई। और मंदिर आदि गंगा नामक एक छोटी नहर हुगली से जुड़ता है। कोलकाता का कालीघाट मंदिर (काली माता मंदिर) हिन्दू धर्म के लोगो के लिए एक पवित्र स्थल मानाजाता है। मां काली का आशीर्वाद लेने के लिए देशभर से लोग मंदिर आते हैं। कालीघाट को भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।
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Kalighat Temple History In Hindi
कालीघाट मंदिर का इतिहास देखे तो वर्तमान समय का मंदिर 19वीं शताब्दी में बनाया गया था। आज यह मंदिर 200 साल पुराना है। मगर मंदिर का संदर्भ मानसर भासन की 15वीं शताब्दी की रचना और 17वीं शताब्दी के दौरान प्रकाशित कवि चंडी में भी पाया गया है। यह बंगाल के कुछ भक्ति साहित्य में संदर्भ मिलता है। 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में मूल मंदिर एक छोटी सी झोपड़ी थी। लेकिन राजा मानसिंह ने उसे मंदिर के रूप में बदल दिया था। सबरना रॉय चौधरी के बरिशा के परिवार के संरक्षण में था और 1809 में पूरी हुई थी।
कहा जाता है कि मूल मंदिर एक छोटी सी झोपड़ी की संरचना थी जिसे बाद में 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में राजा मानसिंह द्वारा कमीशन किए गए एक उचित मंदिर के रूप में बदल दिया गया था। वर्तमान संरचना 1809 में सबरन रॉय चौधरी के मार्गदर्शन से निर्मित हुई थी । यह प्रश्न कि क्या मंदिर पुरातनता का था, गुप्त साम्राज्य से संबंधित सिक्कों की उपस्थिति के महान विवरण और तथ्यात्मक प्रमाणों के साथ उत्तर दिया गया है। कुमारगुप्त प्रथम के बाद गुप्त शासन के दौरान प्रसिद्ध हुए सबसे लोकप्रिय धनुर्धर सिक्के कालीघाट में पाए गए और इसलिए गुप्त वंश में भी मंदिर होने का प्रमाण है।

कालीघाट मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय
Best Time To Visit Kalighat Temple – कालीघाट मंदिर जाने के लिए हिन्दुओ के पवित्र त्यौहार नवरात्रि का समय सबसे अच्छा है। क्योकि उस समय मे मंदिर में बड़ी धूम-धाम के साथ नवरात्रि मनाई जाती है। जिसमे आप बंगाली लोगों को मां काली की पारंपरिक पूजा करते हुए देखने का मौका ले सकते हैं। और उसके साथ अक्टूबर से मार्च महीने का समय भी अच्छा होता है।
Kalighat Kali Temple Kolkata Address – Anami Sangha, Kalighat, Kolkata, West Bengal, 700026, India
कालीघाट मंदिर जाने के टिप्स
- यह मंदिर में कई बार पर्स काटने वाले लोग घूमते रहते हैं।
- अपने सामान का सबसे ज्यादा ख्याल रखना चाहिए।
- मंदिर में मोबाईल और डिजिटल कैमरा नहीं ले जाना चाहिए।
- मंगलवार, शनिवार और रविवार को मंदिर में भीड़ रहती है।
- मंदिर के दर्शन जल्दी कराने का वदा करने वाले दलाल से बचे रहे।
- पैसे लेकर दर्शन कराने वाले मंदिर अथॉरिटी वाले नहीं है ।
Darshan Timings In Kalighat Temple
Kalighat temple Timings and Entry Fees – कालीघाट मंदिर में दर्शन, आरती का समय और खुलने का समय मंदिर सुबह 5:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक और शाम को 5:00 बजे से रात 10:30 बजे तक खुला रहता है। पहली आरती सुबह 4 बजे भोग या प्रसाद का समय दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक है। उस समय में मंदिर का गर्भगृह दर्शन के लिए बंध रहता है। मंदिर के प्रवेश शुल्क की बात करे तो प्रवेश करने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक देवी के स्नान यात्रा के दिन देवी को स्नान कराते समय पुरोहितों की आंखों पर पट्टी बांधी जाती है।

Who Built Kalighat Temple
सोलहवीं शताब्दी के प्रारंभ में राजा मानसिंह ने मंदिर का निर्माण करवाया था। यह बात को 15 वीं शताब्दी के मानसर भासन जैसे ग्रंथों में संदर्भित किया गया है। उसके बाद कालीघाट काली मंदिर का निर्माण 1809 में सबर्ना रॉय चौधरी ने किया गया था। कालीघाट का मूल मंदिर राजा बसंत राय ने बनाया था। राजा बसंत राय प्रतापदित्य के चाचा और प्राचीन जेसोर यानि बांग्लादेश के राजा थे।
Architecture Of Kalighat Temple
कालीघाट काली मंदिर कोलकाता के अंदर और कालीघाट मंदिर की वास्तुकला देखे तो पारंपरिक बंगाल स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर की शैली में बना है। मंदिर के शीर्ष पर बड़ा गुंबद है। मंदिर के भीतर विभागों को अलग-अलग उद्देश के लिए बनाया है। नटमंदिर और जोर बंगला गर्भगृह का बेहतर दृश्य देखने को मिलता हैं। मंदिर परिसर के पश्चिमी भाग स्थित राधा-कृष्ण मंदिर है। एक भगवान शिव को समर्पित नकुलेश्वर महादेव मंदिर कालीघाट मंदिर के सामने स्थित है।
मंदिर में मां काली भगवान शिव की छाती पर पैर रखे हुए टचस्टोन से बनी प्रचंड प्रतिमा स्थापित है। मां काली के हाथ में कुल्हाड़ी और नरमुंड एव गले में नरमुंडों की माला हैं। जीभ बाहर निकली हुई रक्त की कुछ बूंदें भी टपकती दिखाई देती है। माता की मूर्ति के पीछे कहानिया प्रचलित हैं। देवी काली को राक्षसों पर गुस्सा आ गया था। और माता ने नरसंहार करना शुरू कर दिया। माँ को रोकने और क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शिव को मार्ग में लेटना पड़ा था।
Kalighat Mandir Ki Kahani
प्राचीन कहानी के मुताबिक एक भक्त ने भागीरथ नदी से प्रकाश की उज्जवल किरण देखी थी । उसको उन्होंने प्रकाश स्थित किया और वहा से उंगली के रूप में पत्थर के टुकड़े मिले थे। उसके नजदीक नकुलेश्वर भैरव का एक स्वयंभू लिंग था। वह यह मूर्तिको छोटे से मंदिर में रखी और उसकी पूजा करने लगे थे। बाद में मंदिर की लोकप्रियता बढ़ती गई। और वर्तमान समय क कालीघाट मंदिर के रूप मे है। यह कालीघाट मंदिर की कहानी पौराणिक कथा के अनुसार है।
Inside Kalighat Kali Temple Kolkata
- Nakuleshwar Mahadev Temple – नकुलेश्वर महादेव मंदिर
- Kundupukur – कुंडुपुकुर
- Radha-Krishna Temple – राधा-कृष्ण मंदिर
- Harkath Tala – हरकत ताला
- Sosthi Tala – सोष्ठी ताला
- Jor Bangla – जोर बांग्ला
- The Kali Idol
- Natmandir – नटमंदिर
कालीघाट मंदिर की फोटो गैलरी
Kalighat A Popular Tourist Spot
कालीघाट शक्तिपीठ एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है। मां काली की वर्तमान मूर्ति दो संतों ब्रह्मानंद गिरि और आत्माराम गिरि ने बनाई गई थी। मूर्ति की तीन विशाल आंखें और एक लंबी जीभ एव चार हाथ सोने से बने हैं। मंदिर में पुष्प और मोर-आकृति की टाइलें हैं। जो इसे रौद्र रूप प्रदान करती हैं। उसके साथ मंदिर में कुंडूपुकर नाम का पवित्र तालाब है। जो मंदिर परिसर के दक्षिण पूर्व कोने में स्थित है।
तालाब के पानी को गंगा के समान पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पानी में बच्चे के वरदान को पूरा करने की शक्ति होती है। अगर आप भी कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं तो यात्रा जरूर करे क्योकि कई लोग प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। शहर के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक होने के कारन मंदिर में भारी संख्या में भक्त आते हैं।
कालीघाट मंदिर के नजदीकी घूमने के स्थल
- बस्तुहरु मार्केट
- देवी मार्केट
- गोपाल नगर ओल्ड मार्केट
- चेतला मार्केट
- सर्दन मार्केट
- सिटी मार्केट
कालीघाट काली मंदिर कोलकाता कैसे पहुंचें
ट्रेन से कालीघाट कैसे पहुंचे
कालीघाट काली मंदिर तक पहुंचने के लिए पर्यटक रेलवे मार्ग को पसंद करते है। तो हावड़ा जंक्शन नजदीकी रेलवे स्टेशन है। जो रेल नेटवर्क के माध्यम से भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा है। मंदिर तक पहुंचने के लिए कोई भी कैब किराए पर ले सकता है। या स्थानीय और मिनी बस से भी यात्रा कर सकता है। आप उसकी सहायता से बहुत आसानी से मंदिर तक जा सकते है।
सड़क मार्ग से कालीघाट कैसे पहुंचे
कालीघाट तक पहुंचने के लिए पर्यटक सड़क मार्ग को पसंद करते है। तो दक्षिण कोलकाता की ओर जाने वाली कोई भी बस आगंतुकों को श्यामा प्रसाद मुखर्जी रोड से मिलती रहती है। यह काली मंदिर की सड़क से दूर है। पर्यटकों को कालीघाट बस स्टेशन पर उतरना और मंदिर की ओर काली मंदिर मार्ग से चल कर जाना पड़ता है। वह भी एक बहुत अच्छा विकल्प है।
हवाई जहाज से कालीघाट कैसे पहुंचे
कालीघाट तक पहुंचने के लिए पर्यटक हवाई मार्ग को पसंद करते है। तो नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है। वहा से मंदिर पहुंचने के लिए कोलकाता में कार रेंटल कंपनियों से टैक्सी किराए पर ले सकते है। माता काली का मंदिर हवाई अड्डे से तक़रीबन 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। और मंदिर पहुंचने में 50 मिनट से एक घंटे का समय लगता है।
Kalighat Temple Location कालीघाट मंदिर का मैप
Kolkata Kali Mata Mandir Video
Interesting Facts
- Kalighat Kali Temple काली माता को समर्पित प्रसिद्ध काली मंदिर है।
- वर्तमान काली मंदिर का निर्माण 200 साल पहले किया गया था।
- कालीघाट काली मंदिर पश्चिम बंगाल, भारत में एक हिंदू मंदिर है।
- कालीघाट मंदिर को 15 वीं शताब्दी के मानसर भासन जैसे ग्रंथों में संदर्भित किया गया है।
- कहानी के मुताबिक कलकत्ता नाम कालीघाट शब्द से लिया गया है।
- काली मंदिर में सती का दाहिना पैर का अंगूठा यहां गिरा था।
FAQ
Q : कालीघाट मंदिर किसने बनवाया था?
राजा बसंत राय, राजा मान सिंह, सबर्ना रॉय चौधरी
Q : क्या कालीघाट एक शक्ति पीठ है?
हा यह 51 शक्तिपीठों में से एक है।
Q : क्या कालीघाट मंदिर के अंदर फोटोग्राफी की अनुमति है?
नहीं कालीघाट मंदिर के अंदर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।
Q : कालीघाट क्या है और यह प्रसिद्ध क्यों है?
प्रसिद्ध कालीघाट काली मंदिर है, 51 शक्तिपीठों में से एक है, उसिलिये प्रसिद्ध है।
Q : कालीघाट मंदिर कब बनाया गया था?
काली मंदिर की वर्तमान संरचना का निर्माण 1809 में किया गया था।
Q : कोलकाता के कालीघाट में दर्शन के लिए कौन सा समय बेहतर रहेगा?
किसी भी समय दर्शन जा सकते हैं लेकिन कम भीड़ जाना बेहतर है।
Conclusion
आपको मेरा Kalighat Temple Kolkata Information बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये kalighat temple history और kalighat temple open time
, कालीघाट मंदिर कोलकाता से सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है।
अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो कहै मेंट करके जरूर बता सकते है।
हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।
Note
आपके पास kalighat temple open today या कालीघाट काली मंदिर का अदभुत रहस्य की कोई जानकारी हैं।
या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे / तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है।
तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद।
! साइट पर आने के लिए आपका धन्यवाद !
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