vijay vilas palace mandvi gujarat के कच्छ में मौजूद मांडवी के समुद्र के तट पर स्थित है। यह महल बहोत सुन्दर और आकर्षित है। यह विजय विलास पैलेस में कई फिल्मो की शूटिंग इस महल में की गई है। या विजय विलास पैलेस कच्छ गुमने आने वाले पर्यटक जरूर देखने के लिए जाते है क्योकि यह महल बहोत सुन्दर है। यह विजय विलास पैलेस राजसी है यह महल मांडवी के समुद्र के किनारे पश्चिम दिशा की और करीबन 8 किमी की दुरी पर इसका निर्माण किया गया है।
यहाँ के यानि कच्छ के महाराजाओने गर्मियों के दिनों में समय गुजारने और वहा ठहर ने के लिए यह विजय विलास पैलेस का निर्माण करवाया था। यह विजय विलास पैलेस करीबन 700 अकड़ के क्षेत्र में फैला हुवा है। विजय विलास पैलेस में राजस्थानी और बंगाली वास्तुशैली में निर्माणित गुम्बज बने हुवे है। विजय विलास पैलेस की दीवारों पर आकर्षित विजय महाराजाओ के शासनकाल में बने चित्र मौजूद है इसके साथ महाराजाओकी शिकार की गई ट्रॉफिया भी सजाई गई है।
History of Vijay Vilas Palace विजय विलास पैलेस का इतिहास
पैलेस | विजय विलास पैलेस |
राज्य | गुजरात ( भुज ) |
शहर | मांडवी |
निर्माणकाल | ई.स 1920 से 1929 |
निर्माणकर्ता | महाराव खेंगारजी |
विजय विलास पैलेस का इतिहास
महाराज महाराव प्रागमलजी द्रितीय ने प्रागमहल का निर्माण करवाया था। उनके पुत्र महाराव खेंगारजी ने उनके पुत्र विजरावजी वह राज्य के और उनके वंशज और उत्तराधिकारी माने जाते थे। और वह विजयरावजी के लिए यह महल का निर्माण करवाया गया था। इस लिए यह महल का नाम विजय विलास पैलेस के नाम से पहचाना जाता है। इस महल का निर्माण ई.स 1920 में करवाना प्रारंभ किया गया था जो करीबन 9 सालो के बाद इस महल का निर्माण कार्य पूर्ण यानि 1929 में पूर्ण हुवा था।
विजय विलास पैलेस का निर्माण की बनावट में लाल बलुआ पत्थर से करवाया गया था। यह विजय विलास पैलेस में कई तरह की वास्तुकला का निर्माण किया हुवा दिखाई देता है। विजय विलास पैलेस में मुख्य रूप में ओरछा और दतिया के महलो की तरह यह महल की वास्तुकला दिखाई देता है।

विजय विलास पैलेस की संरचना
यह विजय विलास पैलेस को संगेमरमर के पत्थरो से बनवाया गया है। और विजय विलास पैलेस में फुव्वारो से इस महल को सजाया गया है। और पैलेस में बहुत सुन्दर गार्डन बनाया गया है। विजय विलास पैलेस में आकर्षक जरोखे ,छज्जे ,पैलेस की छत्रिया , महल की झालिया ,महल की दीवारों पर बने भित्ति चित्र , सुन्दर दरवाजे और खिडकियो पर किये गए रंगीन ग्लास वर्क और पत्थरो पर कण्डारित कलात्मक नक्काशी में सौराष्ट्र ,रजस्थान ,जयपुर और बंगाल के वास्तुकार कारीगरों ध्वारा बनवाया गया है। जिस कारण विजय विलास पैलेस भिन्न-भिन्न धर्म की कला और वास्तुशैली दिखाई देती है।
विजय विलास पैलेस के खंभो पर बने आकर्षक गुंबज ,महल के किनारे पर निर्माणित बंगाली गुंबज और महल में रंगीन काच का शुशोभन किया हुवा नजर आता है। महल की नक्काशीदार पत्थरो की झालिया विजय विलास पैलेस को बहोत ही सुन्दर और आकर्षक पर्यटकों को मोहित कर लेता है। विजय विलास पैलेस के ऊपरी हिस्से में बनी बाल्कनिया बहोत सुन्दर है। वही बालकनियों से खड़े होकर आसपास के क्षेत्र का आकर्षक और सुन्दर नजारा दिखाई देता है।
संरचना
वही ऊपरी स्थान पर बनी बालकनियों से समुद्र की शांत और शीतल हवाएं आती रहती है। जो महल के अंदर के हिस्से को ठंडा रखने का और शीतलता देने का काम करती है। महाराज राजाराव विजयरावजी की मृत्यु में यानि की उनकी याद में बनाई गई छत्री विजय विलास पैलेस में मौजूद है। विजय विलास पैलेस की पहली मंजिल पर परवर्ती राजा के परिवार रहता है। जिनकी अनुमति से आप वहा जा से सकते है।
विजय विलास पैलेस के नजदीकी समुद्री तट पर लक्जरी स्टेंट भी लगाया गया है। जो यात्रिको ध्वारा किराये पर दिया जाता है।विजय विलास पैलेस का एक हिस्सा रिसोर्ट में बदल दिया गया है जो हाली के समय में पूर्ण सुविधाओ पूर्ण किया गया है। जिस हिस्से को पर्यटकों के लिए निवास के लिए यह हिस्से को चुना गया है। विजय विलास पैलेस को 2 एकड़ को निजी समुद्र तट के साथ साथ 450 एकड़ में विस्तरित हरियाली से पूरा सुन्दर और आकर्षित नजारा देखने को मिलता है।

विजय विलास पैलेस के नजदीकी पर्यटक स्थल
- Bhuj
- Kutch Museum
- Aaina Mahal
- Prag Mahal
- Chhatardi & Hamirsar lack
- Swaminarayan temple
- Bhujiyo dungar/bhujiyo hill
- Black hill/Kalo Dungar
- Rann of kutch
- Mandvi
- Shyamji Krishna varma memorial
- 72 jinalay
- Mandvi Beach
- Mata No Madh
- Narayan Sarovar
- Lakhpat Fort
- Dholavira
- Wild Ass Sanctuary
महाराज राजाराव विजयरावजी की याद में क्या बनवाया था
महाराज राजाराव विजयरावजी की मृत्यु ई.स 1948 में हो गई थी। जब उनका अवसान हो जाता हे तब उनकी याद में विजय विलास पैलेस में छत्री बनवाई गई थी। जो अभीभी इस पैलेस में मौजूद है।
विजय विलास पैलेस में क्या कर सकते है
विजय विलास पैलेस में गुमने के साथ – साथ यह महल में पर्यटक खूबसूरत चीजों को अपने केमेरे कैद कर सकते है। यह महल में भीड़ भाड़ से बचना चाहते है। तो आप सुबह में जाना चाहिए क्योकि सूरज की खिलती सुबह की रोशनी में विजय विलास पैलेस की चमक ही कुछ और ही दिखाई देती है।
आप महल में फोटोग्राफी और विडिओ शूटिंग भी कर सकते है।

विजय विलास पैलेस में प्रवेश शुल्क
पर्यटकों को विजय विलास पैलेस में प्रवेश करने के लिए प्रतिव्यक्ति को रु 50 अदा करना होता है।
विजय विलास पैलेस में फोटोग्राफी और शूटिंग के लिए कितना शुल्क होता है
विजय विलास पैलेस में पूर्ण रूप से गुमने की अनुमति दी गई है और फोटोग्राफी और विडिओ शूटिंग करने की भी अनुमति दी गई है। महल में फोटोग्राफी के लिए पर्यटक को रु 50 अदा करना होता है और विडिओ शूटिंग के लिए पर्यटक को रु 200 अदा करना होता है। और आप अपनी कार या फिर कई प्राइवेट वाहन पार्किंग करना चाहते है तो उसके लिए पर्यटक को 10 रु अलग से अदा करना होता है।
Vijay Vilas Palace mandvi timings खुलने और बंध होने का समय
विजय विलास पैलेस में सुबह 8 बजे प्रवेश होता है और दोपहर को 1 बजे महल में प्रवेश बंध हो जाता है। और इसके बाद दोपहर के 3 बजे प्रवेश होता है और शाम को 6 बजे विजय विलास पैलेस बंध हो जाता है।

Vijay Vilas Palace timing विजय विलास पैलेस को देखने में कितना समय लगता है
विजय विलास पैलेस को देखने में आमतौर गुमने और अन्य कई चीजे देखने में करीबन 1 घंटा लगता है परन्तु पर्यटक महल में फोटोग्राफी और विडिओ शूटिंग करते है तो महल गुमने में बहुत ज्यादा समय लगता है।
विजय विलास पैलेस के नजदीकी पर्यटन स्थल – vijay vilas palace movie shooting
द बिच अवं मांडवी :
मांडवी शहर से समुद्र कुछ ही दुरी पर है और वहा पर सुन्दर समुद्र बिच मौजूद है। यह बिच को ध बिच अवं मांडवी के नाम पहचाना जाता है। यह जगह सुन्दरता के अलावा मांडवी शहर की संस्कृति भी एक आकर्षण का कारण है। यहाँ की संस्कृति गुजरात से कई अलग नजर आती है। मांडवी की यात्रा इस बिच के बिना अधूरी सी लगती है। दरअसल कच्छ गुजरात का एक सुन्दर जिला है और वहा का रणविस्तार की धरती प्राकृतिक का एक अद्भुत और सुन्दर उपहार है।
श्यामजी कृष्णा वर्मा स्मारक :
श्यामजी कृष्णा वर्मा स्मारक मांडवी से करीबन 4 किमी की दुरी पर स्थित है और अरब सागर के समुद्र के किनारे पर स्थित है। इस स्मारक की नीव वर्तमान समय में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 4 अक्टूबर 2009 को रखी गई थी। श्यामजी कृष्णा वर्मा स्मारक मांडवी में करीबन 56 318 वर्ग फुट के क्षेत्र में इसका निर्माण करवाया गया था। इस स्मारक को बनाने में करीबन 14 महीने का समय लगा था।
यह स्मारक को 13 दिसम्बर को गुजरात के मुख्यमंत्री द्वारा देश को अर्पित किया गया था। श्यामजी कृष्णा वर्मा स्मारक भारत की स्वतंत्रता में उनके दिए योगदान की एक सुनेरी जलक मिलती है। श्यामजी कृष्णा वर्मा स्मारक में इन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी पत्नी भानुमति की अस्थिया रखी गई है।

मांडवी तीर्थ :
यह जैनियों के लिए एक महत्वपूर्ण पवित्र स्थान है जो भुज से लगभग 51 किलोमीटर दूर है। इसमें भगवान महावीर की 72 डेरियां हैं। इस खूबसूरत और आकर्षक जगह को देखने के लिए लोग हमेशा आते हैं। बंटोर जिनालय को आदिश्वर बंटर जिनालय महातीर्थ के नाम से भी जाना जाता है। यह केंद्रीय शहर मांडवी से लगभग 9 किलोमीटर दूर मुंद्रा-मांडवी रोड पर स्थित है।
मांडवी पोर्ट :
मांडवी पैलेस की अपनी यात्रा के बाद, हम रुक्मावती नदी के तट पर प्रसिद्ध मांडवी जहाज निर्माण यार्ड की ओर चल पड़े। यह अनुमान है कि मांडवी में जहाज निर्माण उद्योग 4 शताब्दी से अधिक पुराना है। नदी के ऊपर चलने वाले एक प्रसिद्ध पुल के दक्षिण में स्थित, जहाज निर्माण क्षेत्र मांडवी पैलेस से 15 मिनट की दूरी पर है।
नवजीवन न्योर नेचर सेंटर :
नवजीवन न्योर नेचर सेंटर भुजके में कच्छ रोड़ पर पुनादी पाटिया गाँव के नजदीकी स्थित नवजीवन नेचर केयर सेंटर अनेक प्रकार की बीमारियों के लिए प्राकृतिक उपचार जैसे पंचकर्म, योग, ध्यान, नैचरोपैथी आदि अन्य कई सारे प्राकृतिक उपचार प्रदान करता है। नवजीवन न्योर नेचर सेंटर के पास 40 हेकटर की जैविक कृषि भूमि मौजूद है जह स्थान पर फल और सब्जियां और औषधीय पौधे उगाने का काम किया जाता था।

विजय विलास पैलेस नजदीकी यानि मांडवी के होटल्स
आप जब भी कच्छ में विजय विलास पैलेस गुमने जाये तो वहा पर आपको रहने के लिए कई सारे होटल्स मिल जायेंगे। लेकिन इनमेसे कई सारे विकल्प है जिनमे से आपकी प्राइज अनुसार आप मांडवी की होटल्स पसंद कर सकते है। कई अन्य विकल्प मौजूद हे लेकिन इन विकलो मेसे मुख्य तीन विकल्प है। जो इस प्रकार है।
मांडवी में रुकने का प्रथम विकल्प :
मांडवी में रुकने का प्रथम विकल्प के रूप में यहा मौजूद जैन धर्मशाला है जहा पर आप रुक सकते है। यह धर्म शाला समुद्र के किनारे से करीबन 2 किमी की दुरी पर स्थित है। यह जैन धर्मशाला प्राकृतिक सौंदर्य से शुशोभित है। यहाँ जैन धर्मशाला की पार्किंग स्थान पर ज़्यादातर पक्षिया ही दिखाई देते है इस कारण यह स्थान बहुत ही सुन्दर और आकर्षित दिखाई देती है। यह जैन धर्मशाला के अंदर के कमरे बुनियादी है लेकिन इतने साफ सुथरे है की पर्यटक देखके प्रसन्न हो जाते है। यह जैन धर्मशाला के अनेक कई शुल्क है जो उनकी फेसेलिटी के मुताबिक है। जो इन कमरे के रेंट देख सकते है।
- नॉन ऐसी वाला रूम का 400 रु शुल्क अदा करना पड़ता है।
- और ऐसी वाला रूम का 800 रु शुल्क अदा करना पड़ता है।
- यह जैन धर्मशाला का पता : स्वामीजी शेरी ,कच्छ ,मांडवी -370465
- धर्मशाला का फोन नम्बर : # +912834224842
मांडवी में रुकने का दूसरा विकल्प :
यात्रिओ को मांडवी में रुकने के लिए मांडवी में स्थित कई प्राइवेट होटल्स है जिन होटल्स का किराया करीबन 700 से 7000 तक के होटल्स का रूम बुकिंग करवा सकते है। पर्यटक अपने रेंट के अनुसार मांडवी के होटल्स के रूम बुकिंग करवा सकते है।

मांडवी में रुकने का तीसरा विकल्प :
यात्रिओ को मांडवी में रुकने के लिए यह आपको तीसरा विकल्प मौजूद है। और आप विजय विलास पैलेस में बने रेस्टोरेंट में भी रूक सकते है। और इसका इसका दिन और रात का रेंट अलग -अलग होता है। जिसका रेंट 1 रात का करीबन 6000 से 8000 का रहता है। यह विजय विलास पैलेस की होटल्स में आपको प्राइवेट बिच की सुविधा भी दी गई है।
मांडवी की मुख्य होटल्स –
होटे अबराम :
अड्रेस :गाला नगर,मांडवी होटल्स की सुविधाओ में होटल में डीलक्स ए.सी., कक्षीय सेवा , पर्यटक को खाना , स्विमिंग पूल , मुफ्त इंटरनेट होटल का रेंट : प्रति कमरा करीबन रू 1700 से 1999 में एक दिन के किराये पर मिलता है। विजय विलास हेरिटेज रिजॉर्ट :
पता : मांडवी बीच
विजय विलास हेरिटेज रिजॉर्ट में कई सुविधाएं है जिन मेसे हेरिटेज रूम , हेरिटेज रूम , कक्षीय सेवा , पर्यटक को खाना , स्विमिंग पूल और मुफ्त इंटरनेट की सुविधाये इस होटल्स में मौजूद है। विजय विलास हेरिटेज रिजॉर्ट का रेंट करीबन रू 4000 फ़क्त एक दिन का होता है।
सेरेना बीच रिज़ॉर्ट :
सेरेना बीच रिज़ॉर्ट की सुविधा में डीलक्स ए सी , सी हट रानी साइड बेड , कक्षीय सेवा , पर्यटक को खाना , स्विमिंग पूल और मुफ्त इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है। सेरेना बीच रिज़ॉर्ट का रेंट करीबन रू 5000 फ़क्त एक दिन का होता है। और अन्य होटल भी मांडवी में मौजूद है जो यहाँ पर उनके नाम मौजूद है।
- होटल कलश
- एचवी बीच होटल
- राधे मोटल
- सन इन
विजय विलास महल का इतिहास, जानकारी
विजय विलास पैलेस कोनसी फिल्मो की शूटिंग की गई है
mandvi vijay vilas palace में हम दिल दे चुके सनम और लगान ,कमांडो , और कई सारी गुजराती फिल्मे जैसी फिल्मों की शूटिंग इस महल में की गई है।
Tourist Places In Gujarat
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- Laxmi Vilas Palace
- Khijadiya Bird Sanctuary
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How to reach Vijay Vilas Palace
विजय विलास पैलेस की यात्रा के लिए आपके पास कई सारे विकल्प आपके सामने है इन मेसे आप कोई भी विकल्प पसंद कर सकते है।
विजय विलास पैलेस हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे
vijay vilas palace mandvi के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट मौजूद है। जो मांडवी से करीबन 63 की दुरी पर स्थित है। जहा से पर्यटक सरकारी या फिर प्राइवेट बस या टैक्सी ,कैब किराये पर लेके विजय विलास पैलेस यानि मांडवी तक पहुँच सकते है। और मांडवी पहुँच कर वह से कई सारे लोकल वीकल्स मिल जायेंगे उनकी मदद से पर्यटक विजय विलास पैलेस तक पहुँच सकते है।
विजय विलास पैलेस ट्रेन मार्ग से कैसे पहुंचे
vijay vilas palace mandvi यानि की मांडवी का नजदीकी रेल्वे जंक्शन करीबन 64 किमी की दुरी पर मौजूद है। जहा से पर्यटक गवर्मेन्ट या फिर प्राइवेट बस के इस्तेमाल से मांडवी शहर तक पहुँच सकता है।
विजय विलास पैलेस सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे
मांडवी में गवर्मेन्ट बस स्टेशन स्थित हे जो की यह बस स्टेशन मुख्य रूप बड़े बड़े कई अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुवा है। और मांडवी बस स्टेशन से पर्यटक अन्य कई सारे लोकल वीकल्स मिल जायेंगे उनकी मदद से पर्यटक mandvi vijay vilas palace तक पहुँच सकते है।

Vijay Vilas Palace Map
Vijay Vilas Palace Mandvi In Hindi Video
FAQ
Q .विजय विलास पैलेस कहा स्थित है?
विजय विलास पैलेस गुजरात के कच्छ में मौजूद मांडवी के समुद्र के तट पर स्थित है।
Q .विजय विलास पैलेस किसने बनवाया था?
विजय विलास पैलेस महाराव खेंगारजी ने यह महल का निर्माण करवाया था।
Q .विजय विलास पैलेस का निर्माण कब करवाया था?
vijay vilas palace bhuj में निर्माण ई.स 1920 में करवाना प्रारंभ किया गया था जो करीबन 9 सालो के बाद इस महल का निर्माण कार्य पूर्ण यानि 1929 में पूर्ण हुवा था।
Q .विजय विलास पैलेस किसके लिए बनवाया गया था?
महाराव खेंगारजी ने उनके पुत्र विजरावजी वह राज्य के और उनके वंशज और उत्तराधिकारी माने जाते थे। और वह विजयरावजी के लिए यह महल का निर्माण करवाया गया था।
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