History of Taj Mahal in Hindi – ताजमहल का इतिहास

taj mahal भारत एक ऐसा देश है जहाँ लगभग 1000 से भी ज्यादा ऐतिहासिक महल, मूर्ति, वस्तु एवं किला है| हर महल, मूर्ति, वस्तु एवं किला के बनने एवं बनवाने के पीछे कुछ न कुछ खास वजह ज़रूर है| 

आपने अपने विद्यालय के दिनों में इतिहास के विषय मे कई बार ताजमहल के बारे में जानकारी जरुर पढ़ा होगा, आइये आज हम ताजमहल के बारे में रोचक जानकारी जानते हैं, जिसका आपको जानना अति आवश्यक है|

ताजमहल प्यार का प्रतिक – Taj Mahal symbol of love

taj mahal agra लेख को शुरू करने से पहले मै आपको एक बार बताना चाहता हूँ कि इस लेख में आपको ताजमहल से जुड़े कुछ प्रश्नो के भी उत्तर मिलेंगे जो अक्सर आपके जेहन में उत्पन होते हैं और जब आप उनकी जानकारी इंटरनेट के माध्यम से खोजते है तो आपको एक सटिक जवाब मिलता नहीं है.

ताजमहल अपनी बेमिसाल खूबसूरती और भव्यता की वजह से दुनिया के सात अजूबों में से एक है। ताजमहल को मोहब्बत की मिसाल माना जाता है। मुगल शासक शाहजहां की सबसे प्रिय बेगम मुमताज महल के अत्यंत प्रेम की याद दिलवाता है।

आगरा में स्थित ताजमहल की सुंदरता को देखने दूर-दूर से सैलानी आते हैं और इसके अद्भत सौन्दर्य को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं। ताजमहल, भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी वजह से भारत में टूरिज्म को भी काफी बढ़ावा मिला है।

वहीं ताजमहल को इसके आर्कषण की वजह से विश्व धरोहर की लिस्ट में भी शामिल किया गया है। ताजमहल के निर्माण के पीछे बेहद रोचक कहानी है, आइए जानते हैं ताजमहल के इतिहास से लेकर इसकी वास्तुकला, आर्कषण और भव्य बनावट के बारे में पूरी जानकारी

 महल का नाम  ताजमहल
 स्थान  आग्रा , उत्तर प्रदेश (भारत)
 निर्माणकाल  सन 1632 से 1653
 वास्तुकार  उस्ताद अहमद लाहौरी, उस्ताद ईसा
 निर्माता  शाहजहां
 किसकी याद में बनवाया  शाहजहां की बेगम मुमताज
 ताजमहल की हाइट  275 फुट

ताजमहल कहा पर स्थित है – Where is the Taj Mahal located

भारत के उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे बसा है ताजमहल.

ताज महल कब बना – When did Taj Mahal become

agra taj mahal भारत की शान और प्रेम का प्रतीक चिह्न माना जाता है| उत्तरप्रदेश का तीसरा बड़ा जिला आगरा ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है.

मुगलों का सबसे पसंदीदा शहर होने के कारण ही उन्होंने दिल्ली से पहले आगरा को अपनी राजधानी बनाया| इतिहास के अनुसार इब्राहिम लोदी ने इस शहर को सन् 1504 में बसाया था.

जिस समय इस शहर की स्थापना की गई, उस समय किसी ने यह कल्पना नहीं की होगी कि यह शहर पूरे दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए जाना जायेगा | जिसे आज भी दुनिया के सात अजूबों में स्थान मिला है.

Taj Mahal का निर्माण कब और किसने करवाया था  – When did Taj Mahal become

मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी कुशल रणनीति के चलते 1628 ईसवी से 1658 ईसवी तक भारत पर शासन किया था। शाहजहां स्थापत्य कला और वास्तुकला का गूढ़प्रेमी था, इसलिए उसने अपने शासनकाल में कई ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण करवाया था| 

जिसमें से ताजमहल उनकी सबसे प्रसिद्ध इमारत है, जिसकी खूबसूरती के चर्चे पूरी दुनियाभर में हैं।ताजमहल दुनिया की सबसे मशहूर ऐतिहासिक इमारतों में से एक है।

मुगल शासक शाहजहां ने अपनी सबसे चहेती बेगम मुमताज महल की मौत के बाद उनकी याद में 1632 ईसवी में इसका निर्माण काम शुरु करवाया था।

आपको बता दें कि ताजमहल, मुमताज महल का एक विशाल मकबरा है, इसलिए इसे ”मुमताज का मकबरा” भी कहते हैं। मुगल बादशाह शाहजहां ने अपने प्रेम को हमेशा अमर रखने के लिए ताजमहल का निर्माण करवाया था।

किसकी याद में बना है ताजमहल

खुर्रम उर्फ शाहजहां ने सन 1612 में अरजुमंद बानो बेगम (मुमताज महल) से उनकी खूबसूरती से प्रेरित होकर निकाह किया था। जिसके बाद वे उनकी सबसे प्रिय और पसंदीदा बेगम बन गईं थी।

मुगल बादशाह शाहजहां अपनी बेगम मुमताज महल को इस कदर प्यार करता था कि वह एक पल भी उनसे दूर नहीं रह सकता था, यहां तक की वह अपने राजनैतिक दौरे में भी उनको अपने साथ लेकर जाता था| 

मुमताज बेगम की सलाह से ही अपने राज-काज से जुड़े सभी फैसले लेता था और मुमताज की मुहर लगने के बाद ही शाही फरमान जारी करता था।

वहीं सन 1631 में मुमताज महल जब अपनी 14वीं संतान को जन्म दे रही थीं, तभी अत्याधिक प्रसव पीड़ा की वजह से उनकी मौत हो गई थी।वहीं शाहजहां अपने प्रिय बेगम की मौत से अंदर से बिल्कुल टूट गया था | 

इसके बाद वह काफी गमगीन रहने लगा था, फिर उसने अपने प्रेम को सदा अमर रखने के लिए ”मुमताज का मकबरा” बनाने का फैसला लिया था,जो कि बाद में ताजमहल के नाम से मशहूर हुआ।

इसलिए इसे शाहजहां और मुमताज के बेमिसाल प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।

Taj Mahal के निर्माण में कितना समय लगा ? 

मोहब्बत की मिसाल माने जाने वाले ताजमहल का निर्माण का काम करीब 23 साल के लंबे समय के बाद पूरा हो सका था। सफेद संगममर से बने ताजमहल की नक्काशी और सजावट में छोटी-छोटी बारीकियों का ध्यान रखा गया है।

यही वजह है निर्माण के इतने सालों बाद आज भी लोग इसकी खूबसूरती से घायल है और यह दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है।आपको बता दें कि मुगल बादशाह शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण सन1632 में शुरु किया था| 

इसका निर्माण काम 1653 ईसवी में ही पूरा हो सका था।मुमताज के इस बेहद खास मकबरे को बनाने का काम वैसे तो ई.स1643 में ही पूरा कर लिया गया था

लेकिन इसके बाद वैज्ञानिक महत्व और वास्तुकला के हिसाब से इसकी संरचना को बनाने में करीब 10 साल और ज्यादा लग गए थे, इस तरह दुनिया की यह भव्य ऐतिहासिक धरोहर ई.स1653 में पूरी तरह बनकर तैयार हुई थी।

ताजमहल को बनाने में हिन्दू, इस्लामिक, मुगल समेत कई भारतीय वास्तुकला का समावेश किया गया है।उत्तरप्रदेश के आगरा में स्थित इस भव्य और शानदार इमारत को करीब 20 हजार मजदूरों ने मुगल शिल्पकार उस्ताद अहमद लाहैरी के नेतृत्व ने बनाया था।

हालांकि, ताजमहल को बनाने वाले मजदूरों से संबंधित यह मिथ भी जुड़ा हुआ है कि, ताजमहल का निर्माण काम पूरा होने के बाद मुगल शासक शाहजहां ने सभी कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे।

ताकि दुनिया में ताजमहल जैसी अन्य इमारत नहीं बन सके। वहीं ताजमहल के दुनिया के सबसे अलग और अद्भुत इमारत होने के पीछे एक यह भी बड़ा कारण बताया जाता है।

ताजमहल की वास्तुकला – Architecture of Taj Mahal

आगरा में स्थित ताजमहल अपने आप में अनुपम और अद्भुत स्मारक है, जो कि अपनी अप्रितम वास्तुकला के लिए दुनिया भर में मशहूर है। यह सफेद संगममर पत्थरों से बनी एक बहुमूल्य ऐतिहासिक धरोहर है| 

जो कि भारतीय, इस्लामिक, मुगल और परसी वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है।ताजमहल को बनाने में प्राचीन मुगल परंपराओं समेत पार्शियन वास्तुशैली का बेहद ध्यान रखा गया था।

बेमिसाल प्रेम का प्रतीक माने जाने वाला ताजमहल अपनी भव्यता, खूबसूरती और आर्कषण की वजह से दुनिया के सात अजूबों में से एक है। मुगलकाल में बने इस ऐतिहासिक स्मारक, ताजमहल के निर्माण में बहुमूल्य एवं बेहद महंगे सफेद संगममर के पत्थरों का इस्तेमाल किया | गया है।

आपको बता दें कि मुगल शासकों ने अपने शासनकाल के दौरान ज्यादातर ऐतिहासिक इमारतों के निर्माण में लाल बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया था, लेकिन ताजमहल के निर्माण में सफेद संगममर के पत्थरों का इस्तेमाल अपने आप में खास है| 

जो कि इसकी खूबसूरती को और अधिक बढ़ा देते हैं।इस बेहद सुंदर और आर्कषण इमारत के निर्माण में करीब 28 अलग-अलग तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। जो कि हमेशा चमकते रहते हैं और कभी काले नहीं पड़ते।

वहीं कई पत्थरों की यह भी खासियत है कि यह चांद की रौशनी में चमकते रहते हैं। वहीं शरद पूर्णिमा के दौरान पत्थरों के चमकने से ताजमहल की शोभा और भी अधिक बढ़ जाती है। दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक ताजमहल की दीवारों पर बेहद खूबसूरत नक्काशी की गई है।

इस भव्य स्मारक को बनाने में छोटे-छोटे पहलुओं को ध्यान में रखकर इसे बेहद आर्कषित और शाही डिजाइन दी गई है, इसलिए मुगल काल में बनी यह ऐतिहासिक धरोहर, प्रसिद्ध विश्व धरोहरों की सूची में शामिल है।

भारतीय-इस्लामिक वास्तुकला के इस अद्भुत ऐतिहासिक इमारत के बाहर बेहद सुंदर लाल पत्थरों से बना एक काफी ऊंचा दरवाजा है, जो कि बुलंद दरवाजा नाम से मशहूर है।

ताजमहल के शीर्ष पर करीब 275 फुट ऊंची विशाल गुंबद बनी हुई है, जो कि इसके आर्कषण को और भी अधिक बढ़ाती है। इसके अलावा अन्य कई छोटी-छोटी गुंबद भी बनी हुई है।

ताजमहल की गुंबद के नीचे दो बेमिसाल प्यार करने वाले प्रेमी मुमताज और शाहजहां की कब्र भी बनी हुई हैं, लेकिन इन कब्रों को वास्तविक नहीं समझा जाता है। इनकी असली समाधि नीचे तहखाने में बनी हुई है, जहां आमतौर पर जाने की अनुमति नहीं है।

अर्धगोलाकार आकार में बने ताजमहल की सुंदरता और भव्यता को देखकर हर कोई मंत्रमुंग्ध हो जाता है और इसकी तरफ खींचा चला आता है।

ताजमहल के अनेक आकर्षक हिस्से – Many attractive parts of Taj Mahal

ताजमहल का एंट्री गेट :

दुनिया के इस सबसे खूबसूरत और भव्य स्मारक ताजमहल का मुख्य प्रवेश दक्षिण द्धार से है। इस एंट्री गेट की लंबाई 151 फीट और चौड़ाई 117 फीट है।

इस प्रवेश द्धार के आस-पास और बगल में कई और छोटे द्धार भी बने हुए हैं, जिनके माध्यम से यहां आने वाले सैलानी ताजमहल के मुख्य परिसर में प्रवेश करते हैं और इसके खूबसूरत नजारे का आनंद लेते हैं।

ताजमहल का मेन गेट :

History of Taj Mahal in Hindi - ताजमहल का इतिहास

उत्तरप्रदेश के आगरा में स्थित मुगलकालीन वास्तुकला के इस बेजोड़ इमारत ताजमहल का मुख्य द्धार को लाल बलुआ पत्थरों से बनाया गया है।

30 मीटर ऊंचे, ताजमहल के इस मुख्य द्धार पर कुरान की पवित्र आयतें तराशी गईं हैं, जो कि इसकी सुंदरता को और अधिक बढ़ा रही हैं। इसके ऊपर एक छोटा सा गुंबद भी बना हुआ है।

वहीं ताजमहल के मेन गेट की खासियत यह है कि यह अक्षर लेखन के सामान आकार का दिखाई देता है, जिसे बड़ी समझदारी और कुशलता के साथ तराशा गया है।

बेगम मुमताज का मकबरा और कब्र :

दुनिया की इस सर्वश्रेष्ठ इमारत का मुख्य आर्कषण का केन्द्र शाहजहां की प्रिय बेगम मुमताज महल का मकबरा है। इस मकबरे को बड़े-बड़े सफेद संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल कर बनाया गया हैं।

वहीं इस मकबरे के ऊपर पर गोल गुंबद इसके आर्कषण को और भी अधिक बढ़ रहा है।वर्गाकार आकार में बने इसे शानदार मकबरे का हर किनारा करीब 55 मीटर का है। वहीं इस इमारत का आकार अष्टकोण है।

मकबरे में चार सुंदर मीनारें भी बनी हैं,जो इस भव्य इमारत की चौखट बनती हुईं प्रतीत होती हैं।इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि मुगल सम्राट शाहजहां द्धारा बनवाया गया| 

यह मकबरा करीब 42 एकड़ जमीन में फैला हुआ है, वहीं इसके चारों तरफ से सुंदर हरे-भरे बगीचों से घिरे होने की वजह से यह बेहत खूबसूरत लगता है, वहीं दुनिया के कोने-कोने से पर्यटक इस भव्य इमारत की सुंदरता को निहारने के लिए खींचे चले आते हैं।

शाहजहां और मुमताज के पवित्र प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले इस भव्य ताजमहल के अंदर बनी मुमताज बेगम की कब्र अथवा मकबरा के शीर्ष पर एक सफेद संगमरमर के पत्थर से बनी विशाल गुंबद, एक उल्टे कलश की तरह सुशोभित है, जो कि इसकी खूबसूरती पर चार चांद लगा रही है।

ताजमहल की चार खूबसूरत मीनारें :

History of Taj Mahal in Hindi - ताजमहल का इतिहास
History of Taj Mahal in Hindi – ताजमहल का इतिहास

हिन्दू, मुस्लिम और मुगलकालीन वास्तुकला की इस अद्धितीय स्मारक ताजमहल के चारों कोनों पर करीब 40 मीटर ऊंचाई वाली सुंदर मीनारें बनी हुईं हैं, जो कि इसकी सुंदरता को और अधिक बढ़ा रही हैं।

वहीं यह मीनारें अन्य मीनारों की तरह एकदम सीधी नहीं होकर थोड़ी सी बाहर की तरफ झुकी हुई हैं।वहीं इन मीनारों का बाहर की तरफ झुकाव के पीछे यह तर्क दिया जाता है | 

अगर किसी भी विनाशकारी परिस्थिति में मीनार गिरती है तो यह मीनारें बाहर की तरफ ही गिरेंगी, इससे ताजमहल की मुख्य इमारत को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा।

ताजमहल में बनी छतरियां :

मोहब्बत की मिसाल माने जाने वाला इस भव्य इमारत की विशाल गुंबद को सहारा देने के लिए छोटे-छोटे आकार की सुंदर छतरियां बनाई गईं हैं, इनके आधार से शाहजहां की बेगम मुमताज महल के मकबरे पर शानदार रोश्नी पड़ती है, जो कि देखने में बेहद आर्कषक लगती है।

ताजमहल के ऊपर बना सुंदर कलश :

दुनिया की इस सबसे खूबसूरत और ऐतिहासिक धरोहर ताजमहल के शीर्ष पर बनी विशाल गुंबद पर एक कांसे के द्धारा निर्मित बेहद खूबसूरत कलश बना हुआ है।

वहीं इस कलश के ऊपर चंद्रमा की खूबसूरत आकृति भी बनी हुई है, इस कलश की नुकीले नोंक और चंद्रमा की आकृति एक त्रिशूल जैसी प्रतीत होती है, जो कि हिन्दू धर्म की मान्यता के मुताबिक भगवान शिव के चिन्ह को दर्शाती हैं।

ताज संग्रहालय :

इस भव्य ताजमहल के बीचो-बीच एक मंच बना हुआ है, जिसके लेफ्ट साइड में ताज संग्रहालय है, जिसे कारीगरों ने बेहद बारीकी से तराशा है, और यह संग्रहालय भी सैलानियों का ध्यान अपनी तरफ खींचता है।

ताजमहल के अंदर बनी मस्जिद :

इस विश्व प्रसिद्ध एवं भव्य ऐतिहासिक धरोहर के बाईं तरफ मुगल सम्राट शाहजहां ने लाल बलुआ पत्थरों से एक शानदार मस्जिद बनवाई है। मुमताज महल के भव्य मकबरा के पास इस भव्य मस्जिद का निर्माण करवाया गया है।

ताजमहल में लिखे गए सुंदर लेख :

भारत की शान माने जाने वाली इस भव्य इमारत पर मौजूद लेख फारसी और फ्लोरिड ठुलूठ लिपि में लिखे गए हैं, जिसमें कई सूरों को वर्णित किया गया है, वहीं इस सूरा में कुरान की कई आयतें मौजूद हैं।

ताजमहल की बाहरी संरचना एवं सजावट :

ताजमहल अपनी अनुपम वास्तुकला और सुंदर बनावट के लिए दुनिया भर में मशूहर है। यह भारतीय, इस्लामिक, मुगल और परसी वास्तुकला का अद्धितीय उदाहरण है।

जिसकी बेहद सुंदर नक्काशी की गई है और कई छोटी-छोटी बारीकियों को ध्यान में रखकर इसे तराशा गया है। मुमताज महल के इस भव्य मकबरे का अति विशाल गुंबद आसाधरण रुप से एक बड़े ड्रम पर टिका हुआ है, जिसकी कुल ऊंचाई 44.41 मीटर है।

आंतरिक सजावट :

मुमताज महल के इस भव्य मकबरे के नीचे एक तहखाना भी है, आम तौर पर सैलानियों को यहां जाने की अनुमति नहीं है। इस कब्र के नीचे करीब 8 कोने वाले 4 अलग-अलग कक्ष है। इस कक्ष के बीचों-बीच शाहजहां और मुमताजमहल की भव्य और आर्कषित कब्रे हैं।

आपको बता दें कि दुनिया की इस सबसे खूबसूरत इमारत के अंदर शाहजहां की कब्र बाईं तरफ बनी हुई हैं, जो कि मुमताज महल की कब्र से कुछ ऊंचाई पर है और विशालकाय गुंबद के ठीक नीचे बनी हुई है।

जबकि मुमताज महल की कब्र संगमरमर की जाली के बीच में स्थित है, जिस पर बेहद खूबसूरत तरीके से पर्शियन में कुरान की आयतें लिखी हैं।

इन दोनों खूबसूरत कब्रों को कीमती रत्नों से सजाया गया है और इन कब्रों के चारों तरफ संगमरमर की जालियां बनी हुईं है। वहीं इस भव्य इमारत का अंदर ध्वनि का नियंत्रण अति उत्तम है।

ताजमहल की खूबसूरती को बड़ा रहे उद्यान :

दुनिया के 7 अजूबों में से एक ताजमहल की सुंदर नक्काशी और कारीगरी की वजह से यह अपने आप में अद्धितीय है,लेकिन इसकी खूबसूरती को इसके परिसर में बने हरे-भरे बगीचे और भी ज्यादा बढ़ा रहे हैं।

आपको बता दें कि यहां चार सुंदर बगीचे बने हुए हैं, जो कि इसके दोनों तरफ फैले हुए हैं। वहीं यहां आने वाले सैलानी ताजमहल की खूबसूरती को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं, और इस पल को हमेशा के लिए संजोने के लिए एवं इसे और ज्यादा खास बनाने के लिए तस्वीरें भी लेते हैं।

विश्व धरोहर के रूप में ताजमहल 

ताजमहल, अपनी अद्भुत वास्तुकला और सुंदरता की वजह से पूरी दुनिया भर में मशहूर है। इसकी विशालता और खूबसूरती को देखने दुनिया के कोने-कोने से सैलानी यहां आते हैं और इसकी खूबसूरती की तारीफ करते हैं।

दुनिया के सात अजबूों में एक और शाहजहां और मुमताज की बेमिसाल मोहब्बत का प्रतीक माने जाने वाला ताजमहल दुनिया के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से भी एक हैं।

यहां हर साल लाखों की तादाद में न सिर्फ देश से बल्कि विदेशों से ही पर्यटक आते हैं। ताजमहल, भारत सरकार का पर्यटन से होने वाली आय का मुख्य स्त्रोत भी है| 

शाहजहां द्धारा निर्मित इस भव्य ताजमहल को इसकी भव्यता और आर्कषण की वजह से साल 2007 में दुनिया के 7 अजूबों में शामिल किया गया था।

ताजमहल की भव्यता और सुंदरता – Grandeur and beauty of Taj Mahal

मुगलकाल में बनी दुनिया की इस सबसे खूबसूरत इमारत को उत्तरप्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे बनाया गया है। इसकी सुंदर बनावट और आर्कषक वास्तुकला हर किसी को अपनी तरफ आर्कषित करती है। taj mahal at night में बहुत आकर्षक दिखता है। 

मुमताज बेगम की याद में बना यह खूबसूरत ऐतिहासिक इमारत मुगल बादशाह शाहजहां और मुमताज बेगम की अमर प्रेम कहानी की याद दिलवाता है।

सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनी यह भव्य इमारत सपनों के स्वर्ग की तरह प्रतीत होती है, एवं इसकी शाही बनावट हर किसी को अपनी आर्कषित करती है।

इस ऐतिहासिक विश्व धरोहर ताजमहल के आसपास बने सुंदर-सुदर फूल बगीचों के बगान और इसके बीच में बने तालाब में पड़ती इसकी परछाई का दृश्य बेहद मनोरम लगता है।

इस अर्धगोलाकार ऐतिहासिक स्मारक की विशाल गुंबद के नीचे एक कमरे में मुगल सम्राट शाहजहां की प्रिय बेगम मुमताज महल की शानदार कब्र बनी हुई हैं। इसके साथ ही इसकी दीवारों पर शाही कलाकृतियों का इ्स्तेमाल कर पत्थरों से सुंदर नक्काशी की गई है।

यही नहीं सुंदर कांच के टुकड़ों का इस्तेमाल कर कुरान की कुछ आयतों को लिखा गया है। इसके अलावा ताजमहल के चारों कोनों पर बनी अति आकर्षक मीनारें भी इस इमारत की शोभा को बढ़ाती है।

सफेद संगममर के पत्थरों से निर्मित इस शाही ऐतिहासिक स्मारक का अद्भुत सौंदर्य पूर्णिमा की चांदनी रात में सबसे ज्यादा होता है। यह चन्द्रमा की किरणों के साथ चमकता दिखाई देता है, जिसकी अद्भुत छटा को देखने इस दिन दूर-दूर से लोग आते हैं, इस दिन यहां काफी भीड़ भी रहती है।

ताजमहल से जुड़े रोचक और दिलचस्प तथ्य 

मुगलकाल में बनी ताजमहल की इमारत इकलौती ऐसी इमारत है, जिसका निर्माण सफेद संगमरमर के पत्थरो्ं से किया गया है। इस भव्य स्मारक के निर्माण में करीब 23 साल का लंबा वक्त लगा था, जिसे न सिर्फ भारतीय मजदूर बल्कि तुर्की और फारस के मजदूरों ने भी बनाया था।

आगरा में स्थित ताजमहल एक ऐसी लकड़ी के आधार पर बनाया गया है, जिसे मजबूत बनाए रखने के लिए नमी की जरूरत होती है, और इस नमी को यमुना नदी बनाकर रखती है।

दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक ताजमहल जाने वाले मुख्य मार्ग के बीच जो फव्वारे लगाए गए हैं, वे किसी पाइप से नहीं जुड़े हैं, बल्कि हर फव्वारे के नीचे एक तांबे का टैंक है, यह सभी टैंक एक ही समय पर भरते हैं, और प्रेशर पड़ने पर इसमें पानी भी छोड़ते हैं।

मुगल सम्राट शाहजहां ताजमहल की तरह ही एक काला ताजमहल बनवाना चाहता था, लेकिन इससे पहले शाहजहां को उसके निर्दयी बेटे औंरगेजब ने बंधक बना लिया था, जिससे उसकी यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी।

ताजमहल को बनाने के लिए करीब 8 अलग-अलग देशों से सामान लाया गया था। और इसकी निर्माण सामग्री ढोने के लिए करीब 1500 हाथियों का सहारा लिया गया था।

ताजमहल के अन्य प्रश्न 

  1. ताजमहल का निर्माण किसने करवाया था ?

         दुनिया की 7 अजायबीयो  मेसे एक अजायबी ताजमहल का निर्माण मुग़ल सुल्तान शाहजहाँ ने करवाया था। 

     2. ताजमहल का निर्माण कब और क्यू करवाया था ?

     मुगल शासक शाहजहां ने अपनी सबसे चहेती बेगम मुमताज महल की मौत के बाद उनकी याद में 1632 ईसवी         मे  इसका निर्माण काम शुरु करवाया था।

     आपको बता दें कि ताजमहल, मुमताज महल का एक विशाल मकबरा है, इसलिए इसे ”मुमताज का मकबरा” भी        कहते हैं। मुगल बादशाह शाहजहां ने अपने प्रेम को हमेशा अमर रखने के लिए ताजमहल का निर्माण करवाया था।

     3. ताजमहल की ऊंचाई कितनी है ?

        ताजमहल की ऊंचाई करीबन 275 फुट ऊंची विशाल गुंबद बनी हुई है, जो कि इसके आर्कषण को और भी अधिक        बढ़ाती है। इसके अलावा अन्य कई छोटी-छोटी गुंबद भी बनी हुई है।

     4. ताजमहल के अन्य स्मारक ?

  • ताजमहल का एंट्री गेट
  • ताजमहल का मेन गेट
  • बेगम मुमताज का मकबरा और कब्र
  • ताजमहल की चार खूबसूरत मीनारें
  • ताजमहल में बनी छतरियां
  • ताजमहल के ऊपर बना सुंदर कलश
  • ताज संग्रहालय
  • ताजमहल के अंदर बनी मस्जिद
  • ताजमहल में लिखे गए सुंदर लेख
  • ताजमहल की बाहरी संरचना एवं सजावट
  • आंतरिक सजावट
  • ताजमहल की खूबसूरती को बड़ा रहे उद्यान

    5. ताजमहल  बनाने में कितना वक्त लगा था ?

    मुगलकाल में बनी ताजमहल की इमारत इकलौती ऐसी इमारत है, जिसका निर्माण सफेद संगमरमर के पत्थरो्ं से        किया गया है। इस भव्य स्मारक के निर्माण में करीब 23 साल का लंबा वक्त लगा था, जिसे न सिर्फ भारतीय            मजदूर बल्कि तुर्की और फारस के मजदूरों ने भी बनाया था।

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