Gomateshwar Temple History भारत के कर्णाटक राज्य के श्रवणबेलगोला नाम के तीर्थ स्थलों में से स्थित है जिस में बाहुबली मंदिर के नाम से पहचाना जाता है। यह मंदिर में श्रवणबेलगोला में 3347 फीट की ऊंचाई पर विंध्यगिरि पहाड़ पर निर्माणित किया गया है। इस मंदिर की भगवान बाहुबली की प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध माना जाता है और इस मंदिर की प्रतिमा को गोमतेश्वर के नाम से भी जाना है। मंदिर के इस पहाड़ के शिखर पर श्रवणबेलगोला गांव, मंदिर तालाब और चंद्रगिरी हिल का सुंदर और आकर्षक का नजारा दिखाई देता है।
इस स्थान पर हर 12 साल में एक बार महामस्तकाभिषेक नाम का एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर के मेले में भगवान बाहुबली की प्रतिमा को दूध , केसर , घी और दही से स्थान कराया जाता है। आप अगर इस मंदिर के बारे में और गोमतेश्वर मंदिर के बारे में जानना चाहते है तो हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़िए ताकि आपको इस स्थल के बारे में पूरी gomateshwara information पा सके।
Table of Contents
Gomateshwar Temple History In Hindi karnatak –
मंदिर का नाम | गोमतेश्वर मंदिर |
मंदिर का अन्य नाम | बाहुबली मंदिर |
राज्य | कर्णाटक |
शहर | श्रवणबेलगोला |
निर्माणकाल | ई.स 982 और 983 के बिच |
मंदिर का मुख्य उत्सव | महामस्तकाभिषेक |
बाहुबली की प्रतिमा की ऊंचाई | 17 मीटर |
मंदिर की कुल प्रतिमाये | 43 प्रतिमाये |
Gomateshwara Temple History In Hindi –
गोमतेश्वर मंदिर के इतिहास की बात करें तो मंदिर में मिले हुवे प्राचीन शिलालेख और पुरातत्वविदों के मतानुसार माना जाता है की गोमतेश्वर मंदिर का निर्माण ई.स 982 और 983 ईस्वी के बीच किया गया था। गोमतेश्वर मंदिर का इतहास और उनकी जानकरी देंगे इसके अलावा मंदिर की प्रतिमा और इसकी वास्तुकला और मंदिर की वास्तुकला और मंदिर के अन्य मंदिर के आकर्षक संरचना के बारे में जानेंगे।
गोमतेश्वर मंदिर के कई प्रसिद्ध महोत्सव किस तरह से मनाये जाते है और इस मंदिर के दर्शन के लिए कितनी भरी संख्या में श्रद्धालु और देश – विदेश के पर्यटक इस प्राचीन मंदिर को देखने का मानते है। गोमतेश्वर मंदिर की जानकरी और इतिहास हम क्रम के अनुसार देखेंगे ताकि आपको समझने में कोई दिक्कत न हो।
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गोमतेश्वर प्रतिमा – Gomateshwar Temple History

गोमतेश्वर प्रतिमा श्रवणबेलगोला का प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना हुवा है जिस प्रतिमा को देखने के लिए बड़ी भारी संख्या में पर्यटक आते रहते है। bahubali gomateshwara की प्रतिमा दुनिया की बड़ी प्रतिमाओ में इसका स्थान मिला है। इस मंदिर की प्रतिमा की ऊंचाई 17 मीटर है।
और इस गोमतेश्वर मंदिर की प्रतिमा को 30 कि.मी की दुरी से देखा जा सकता है। गोमतेश्वर मंदिर की यह भगवान बाहुबली की प्रतिमा का निर्माण ई.स 982 और 983 के बिच में गंगा राजा राजमल्ला के एक मंत्री चामुण्डराय की अवधि के समय में इसका निर्माण करवाया गया है। इसका सबूत और प्रतिमा के निचे के शिलालेख के अनुसार इसका इतिहास का ठोस सबूत पा सकते है।
गोमतेश्वर प्रतिमा की सरंचना – Gomateshwar Temple History
gomateshwara height की बात करे तो भगवान बाहुबली की प्रतिमा करीबन करीबन 17 मीटर है। आपको बता दे की इस मंदिर की आंखे खुली हुई है जैसे की यह भगवान बाहुबली की प्रतिमा को जैसे की दुनिया को देख रहा हो। यह मंदिर की आकृति इस तरह से निर्माणित किया गया है की यह प्रतिमा खुले कमल पर खड़ी है इस प्रतिमा को स्थापित करने में हांसिल की गई समग्रता को दिखाई देता है।
इस गोमतेश्वर मंदिर में स्थित भगवान बाहुबली की प्रतिमा के दोनों और राजसी भालू खड़े है इस सेवको में एक तरफ यक्ष और दूसरी और यक्षिणी की प्रतिमा स्थापित है। यह gomateshwara temple की प्रतिमा को सुन्दर और आकर्षित रूप से नक्काशी की गये आंकड़े प्रमुख आकृति से पूरक रूप से बनाया गया है।
एंथिल के पीछे की तरफ खुदी हुई प्रतिमा को पवित्र स्थान के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला जल और अन्य दूसरे अनुस्थानो को एकठ्ठा करने के लिए एक कुंड भी शामिल है। इस मंदिर के चारो तरफ एक बड़ा सा स्तंभित मंडप है जिस मंडप में जैन तीर्थकरो की 43 नक्काशीदार प्रतिमाये स्थित है।
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बाहुबली का जीवन परिचय और कहानी –
gomateshwara story की बात की जाये तो प्राचीन ग्रंथो केअनुसार बाहुबली यानि की गोमतेश्वर जैन प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव यानि की आदिनाथ के दूसरे पुत्र थे। भगवान बाहुबली का जन्म इक्षवाकू साम्राज्य के समय में अयोध्या में हुआ था। प्राचीन कथा ओके अनुसार माना जाता है।
की आदिनाथ के करीबन 100 पुत्र थे। जिस समय ऋषभदेव ने अपना साम्राज्य छोड़ दिया तब उनके दो पुत्रो भरत और बाहुबली के बिच में युद्ध हुवा और इस युद्ध में बाहुबली की जित हुई थी। इस युद्ध जितने के बाद उनकी और खटाश देखते हुवे बाहुबली ने उनका राज्य उनके भाई भरत को दे दिया। इस तरह बाहुबली ने राज्य भरत देने के बाद केवला ज्ञान यानि की पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने के लिए चले गए।
महामस्तकाभिषेक उत्सव गोमतेश्वर मंदिर –

gomateshwara jain temple का मुख्य महोत्सव महामस्तकाभिषेक है। इस महोत्सव को प्रत्येक 12 सालो में एक बार मनाया जाता है। इस महोत्सव को गोमतेश्वर मंदिर में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। जिस उत्सव को देखने के लिए देश और विदेश के पर्यटक इस उत्सव में बड़ी भारी संख्या में आते है। इस मेले में ज्यादातर जैन श्रदालु आते है। इस महोत्सव में गोमतेश्वर यानि की भगवान बाहुबली की प्रतिमा को दूध , केसर , घी , और दही से स्नान करवाया गया है। इसके बाद 12 साल के बाद होने वाला महामस्तकाभिषेक उत्सव साल 2030 में आयोजित किया जा सकता है।
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गोमतेश्वर मंदिर खुलने का समय –
भगवान गोमतेश्वर मंदिर के दर्शन और मंदिर में प्रवेश gomateshwara timings करे तो सुबह 6.30 बजे से 11.30 बजे तक खुला रहता है और दोपहर के 3.30 बजे से 6.30 बजे तक श्रदालु ओ के लिए खुला रहता है।
गोमतेश्वर मंदिर का प्रवेश शुल्क –
भगवान गोमतेश्वर मंदिर के प्रवेश शुल्क की बात की जाये तो गोमतेश्वर मंदिर में
देश और विदेश के पर्यटकों के लिए बिलकुल प्रवेश फ्री है।
गोमतेश्वर मंदिर के नजदीकी पर्यटन स्थल –
shravanabelagola gomateshwara भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित एक मुख्य जैन तीर्थस्थल है यह स्थान गोमतेश्वर मंदिर के अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इस गोमतेश्वर मंदिर के यात्रा के समय में आप इन तीर्थ स्थलों की यात्रा कर सकते है।
- भंडारीबसादि
- जैन मठ
- अक्कानबासदी मंदिर
- चंद्रगिरी मंदिर
- कलाम्मा मंदिर

गोमतेश्वर मंदिर गुमने जाने का सबसे अच्छा समय –
आप Gomateshwara temple की यात्रा करना चाहते है तो आपको बता दे की इस स्थान पर यात्रा करने का सबसे अच्छा समय कोनसा है। आप गोमतेश्वर मंदिर यानि की श्रवणबेलगोला शहर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के समय के अक्टूबर से अप्रैल में अच्छा मौसम रहता है और गर्मियों के समय में इस स्थान पर बहोत गर्म पड़ती है और बारिशो के समय में इस स्थान पर काफी सारि वनस्पतिया और कई सारे पौधे उगने पर यह स्थान बहोत सुंदर और रमणीय दिखता है।
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गोमतेश्वर मंदिर यानि श्रवणबेलगोला शहर का प्रसिद्ध भोजन –
अगर आप गोमतेश्वर मंदिर की यात्रा करने के लिए जा रहे है तो इस स्थान पर दक्षिण कर्नाटक समृद्ध और पारंपरिक भोजन का आनंद भी ले सकते है। श्रवणबेलगोला शहर के स्थानीय भोजन में डोसा, जोलदा रोटी, इडली, वड़ा, सांभर, अक्की रोटी, शीरा, सरू, केसरी बाथ, रागी मड्डे, उप्पितु, वंगी बाथ इन भोजन में शामिल है। अगर आपको कुछ मीठा खाने की इच्छा है तो मैसूर पाक, ओबबट्टू, पेयासा के भोजन का स्वाद भी ले सकते है।
गोमतेश्वर मंदिर कैसे पहुचें – Gomateshwar Temple History
अगर आप गोमतेश्वर मंदिर की यात्रा करना चाहते है तो आपके सामने तीन विकल्प सामने है इसमें से किसी भी विकल्प को चुन सकते है। गोमटेश्वर मंदिर की यात्रा आप हवाई मार्ग , ट्रेन मार्ग , और सड़क मार्ग के माध्यम से आप सफर कर सकते है।
गोमतेश्वर मंदिर हवाई मार्ग से कैसे पहुचें :
- अगर आपने Gomateshwara temple की यात्रा करने के लिए अपने हवाई मार्ग का चुनाव किया है।
- तो आपको बता दे की श्रवणबेलगोला का सबसे नजदीकी हवाई मथक मैसूर में स्थित है।
- और यह हवाई मथक गोमतेश्वर मंदिर से करीबन 97 कि.मी की दूरी पर स्थित है।
- यह हवाई अड्डा देश के कई अन्य और बड़े शहरो से जुड़ा हुवा है।
- आप किसी भी देश के हवाई अड्डे से जा सकते है।
- मैसूर हवाई अड्डे से आप स्थानीय वाहन और टैक्सी की मदद से गोमतेश्वर मंदिर तक पहुँच सकते है।
गोमतेश्वर मंदिर ट्रेन मार्ग से कैसे पहुंचे :
- अगर आपने गोमतेश्वर मंदिर की यात्रा करने के लिए ट्रेन मार्ग का चुनाव किया है।
- तो आपको बता दे की गोमतेश्वर मंदिर का सबसे नजदीकी रेल्वे जंक्शन हासन में स्थित है।
- हासन का यह रेल्वे जंक्शन गोमतेश्वर मंदिर से करीबन 45 कि.मीटकी दूरी पर मौजूद है।
गोमतेश्वर मंदिर सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे :
- अगर अपने गोमतेश्वर मंदिर की यात्रा के लिए सड़क मार्ग का चुनाव किया है।
- तो आप श्रवणबेलगोला शहर में कर्नाटक राज्य के सभी प्रमुख शहरो से यह स्थान अच्छी तरह से जुड़ा हुवा है।
- आप आने प्राइवेट वाहन के इस्तेमाल से यातो श्रवणबेलगोला शहर में नियमित चलने वाली
- स्थानीय बसों के इस्तेमाल से आप गोमतेश्वर मंदिर तक पहुँच सकते है।
Gomateshwar Temple History Video –
गोमतेश्वर मंदिर के अन्य प्रश्न –
1 . गोमतेश्वर मंदिर कहा स्थित है ?
गोमतेश्वर मंदिर भारत के कर्णाटक राज्य के श्रवणबेलगोला नाम के तीर्थ स्थलों में से स्थित है।
जिस में बाहुबली मंदिर के नाम से पहचाना जाता है।
यह मंदिर में श्रवणबेलगोला में 3347 फीट की ऊंचाई पर विंध्यगिरि पहाड़ पर स्थित है।
2 . गोमतेश्वर मंदिर की ऊंचाई कितनी है ?
इस मंदिर की प्रतिमा की ऊंचाई 17 मीटर है।
गोमतेश्वर मंदिर की प्रतिमा को 30 कि.मी की दुरी से देखा जा सकता है।
3 . गोमतेश्वर मंदिर का निर्माण कब करवाया गया था ?
गोमतेश्वर मंदिर की यह भगवान बाहुबली की प्रतिमा का निर्माण
ई.स 982 और 983 के बिच में गंगा राजा राजमल्ला के एक मंत्री
चामुण्डराय की अवधि के समय में इसका निर्माण करवाया गया है।
4 . भगवान भगवान बाहुबली का जन्म कहा हुवा था ?
भगवान बाहुबली का जन्म इक्षवाकू साम्राज्य के समय में अयोध्या में हुआ था।
5 . जैन तीर्थकर आदिनाथ के कितने पुत्र थे ?
भगवन आदिनाथ के करीबन 100 पुत्र थे इनमेसे भगवन बाहुबली उनके दूसरे पुत्र थे।
6 . गोमतेश्वर मंदिर में कितने जैन तीर्थकरो की प्रतिमाये स्थित है ?
इस मंदिर के चारो तरफ एक बड़ा सा स्तंभित मंडप है।
जिस मंडप में जैन तीर्थकरो की 43 नक्काशीदार प्रतिमाये स्थित है।
7 . गोमतेश्वर मंदिर का महामस्तकाभिषेक महोत्सव कितने साल में होता है ?
गोमतेश्वर मंदिर का महामस्तकाभिषेक महोत्सव करीबन 12 सालो में एक बार इस उत्सव का आयोजन किया जाता है।
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Conclusion –
दोस्तों उम्मीद करता हु आपको मेरा ये लेख Gomateshwar Temple History के बारे में पूरी तरह से समज आ गया होगा। इस लेख के द्वारा हमने bahubali gomateshwara और गोमतेश्वर मंदिर के बारे में जानकारी दी अगर आपको इस तरह के अन्य ऐतिहासिक स्थल और प्राचीन स्मारकों की जानकरी पाना चाहते है तो आप हमें कमेंट करे। आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा बताइयेगा और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे। धन्यवाद।