नमस्कार दोस्तों Gingee Fort In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम विल्लुपुरम तमिलनाडु के जिंजी किला का इतिहास तथा महत्वपूर्ण जानकारी बताने वाले है। अंग्रेजों सरकार द्वारा पूर्व के ट्रॉय के नाम से जाना जाता जिंजी किला तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में स्थित है। यह राज्य की राजधानी चेन्नई से 160 किलोमीटर और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के नजदीक स्थित है। दुर्ग को स्थानीय लोगों ने दिए उल्लेखनीय नाम में सेनजी, चेनजी, जिंजी या सेन्ची किला शामिल है। आपको बतादे की राजसी किले में तीन अलग-अलग पहाड़ी गढ़ बने हैं। उस किले में मोटी दीवारों और चट्टानों की एक विशाल सीमा दिखाई देती है।
किले की विशाल संरचना के कारण किले को बहुत ज्यादा मजबूत बनाती है। मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज ने भारत में सबसे अभेद्य किले का नाम दिया था। किले को देखने से यह पता चलता है। कि उस किले को क्यों प्रभावशाली नामों से जाना जाता है। जैसे ही पर्यटक किले को देखने के लिए दुर्ग तक पहुँचते हैं। तो देखते है कि यह दुर्ग सबसे रणनीतिक स्थान पर स्थित है। और उससे दुश्मनों को उसके में प्रवेश करना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन था। उसके कारन किला वास्तव में बहुत प्रतिभाशाली दिमाग का परिणाम माना जाता है।
Table of Contents
Best Time To Visit Gingee Fort
जिंजी किले में जाने का सबसे अच्छा समय – विल्लुपुरम तमिलनाडु के जिंजी किले की यात्रा के लिए सुबह का समय और शाम का समय सबसे अच्छा है। दोपहर 3:00 बजे के बाद पहाड़ी की चोटी पर प्रवेश की अनुमति नहीं है। उसलिए सुबह के समय इस ट्रेक को पूरा करें। जिंजी किला एक दिन की यात्रा के लिए सबसे अच्छा है और उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है जो पुरातात्विक महत्व के स्थानों से प्यार करते हैं।
Address – Gingee, Tamil Nadu 604202

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Gingee Fort Timings
विल्लुपुरम तमिलनाडु के जिंजी किला (jinji fort) सभी दिनों में सुबह 9:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है। उस समय में पर्यटक बहुत आसानी से यहाँ घूम सकते है।
Tips For Visiting Gingee Fort
ज्यादा भीड़ से बचने के लिए कार्यदिवस पर यात्रा कर सकते है।
किले की यात्रा में सनस्क्रीन कैरी करें और टोपी जरूर पहनें।
हल्का नाश्ता पैक कर साथ रखे क्योंकि यहाँ कोई रेस्तरां नहीं है।
आप रोमांचकारी हैं, तो पहाड़ियों की चोटी पर धीमी, कठिन चढ़ाई स्फूर्तिदायक है।
बच्चो के साथ जाते है, तो उसकी देखभाल करनी जरुरी है।

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Gingee Fort History In Hindi
जिंजी किला का इतिहास देखे तो उसके इतिहास से कई पन्ने भरे हुए हैं। मैकेंज़ी पांडुलिपियों में जिंजी किले के निर्माण का स्रोत दिखाई देता है। इतिहासकार के अनुसार उसके निर्माण के पीछे का इतिहास आनंद कोन के चरवाहा समुदाय के कोनार से संबंधित है, जिसे गलती से पश्चिमी पहाड़ी की गुहाओं में एक खजाना मिल गया था। जब वह भेड़ चर रहा था। तब उसने खोज के साथ खुद को योद्धाओं के छोटे समूह का मुखिया बना लिया था।
उसने नजदीकी गांवों के छोटे शासकों को हराकर कमलागिरी पर किले का निर्माण किया था। उन्होंने अपने से उसका नाम आनंदगिरी रखा था। कोनार ने 1190 से 1330 ईस्वी तक जिंजी पर शासन किया था। कोबिलिंगन एव कुरुम्बुर के आस-पास के स्थान का प्रमुख कोनार का उत्तराधिकारी बना था। उसके बाद वह शक्तिशाली चोलों से हार गया था। चोलों से शुरू होकर अंग्रेजों तक, उसके बाद कुरुंबुर, विजयनगर साम्राज्य, मराठा, सुल्तान और कर्नाटक नवाब ने राजसी किले के शासक रहे हैं।
9वीं शताब्दी के समय किले को चोलों ने बनाया था, कुरुंबुरों से 13 वीं शताब्दी में विजयनगर कबीले ने फिर से जीता था। एक अन्य जानकारी में कहा है कि किले का निर्माण 15-16वीं शताब्दी के बीच जिंजी नायकों ने बनाया था। 667 ईस्वी में मराठा राजा शिवाजी ने उसे मजबूत किया था। मराठों, मुगलों और कर्नाटक नवाबों के बाद 1750 में फ्रेंच और 1761 में अंग्रेजों से हार गया था। राजा देशिंगु ने 18 वीं शताब्दी के समय चेनजी पर शासन किया और उसे छोड़ दिया था।
Architecture of The Gingee Fort
जिंजी किले में एक विशाल और अदभुत वास्तुकला है। यह किले का परिसर तीन पहाड़ियों पर स्थित है। उसमे उत्तर की ओर कृष्णागिरी, पश्चिम में राजगिरी और दक्षिण-पूर्व में चंद्रयानदुर्ग शामिल है। उस तीनों पहाड़ियों के अलग अलग गढ़ हैं। वह सभी मिलकर एक किला बनाते हैं। उन्हें जोड़ता उत्तर से दक्षिण तक एक विशाल त्रिभुज है जो बुर्जों और प्रवेश द्वारों से बना है। वह रास्ते किले के सबसे संरक्षित हिस्सों तक पहुँच प्रदान करते हैं। उसके अंतरालों को 66 फीट मोटाई की मुख्य दीवार से सील कर दिया है।
किले की दीवारें तीन पहाड़ियों से घिरी 13 किमी ऊंची और 11 किमी वर्ग के क्षेत्र की दीवारों से जुड़ी हुई हैं। यहां एक सात मंजिला कल्याण महल या विवाह हॉल, जेल की कोठरी, अन्न भंडार और समर्पित एक मंदिर है। किले की पेचीदगियों के भीतर उसकी पीठासीन देवी को चेनजियाम्मन कहा जाता है। उसमें एक पवित्र तालाब, आनायकुलम है। दीवारें प्राकृतिक रूप से पहाड़ी विस्तारो का मिश्रण हैं। उसमे कृष्णागिरि, चक्कीलिड्रग और राजगिरी पहाड़ियाँ शामिल हैं।

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Chakkiliya Durg
तीन किले में एक चक्कलिया दुर्ग या चमार टिकरी शामिल है। यह सबसे कम महत्वपूर्ण किला और उसमे चमारों का कब्जा था। यहां चमार योद्धा रहते थे। उनके किनारे आज पत्थर के टुकड़ों और कंटीली झाड़ियों से ढके हुए हैं। उसके साथ दक्षिण भारतीय किलों में जल संसाधन कम होते हैं। मगर यहां उसका प्रबंधन गढ़ में अच्छी तरह से था। शिखर पर दो जल स्रोत हैं। उसके नीचे वर्षा जल संचयन प्रक्रिया के लिए तीन जलाशय हैं। कल्याण महल से 500 मीटर की दूरी पर स्थित भण्डार से मिट्टी के बर्तनों के कनेक्शन के माध्यम से पानी है।

Krishnagiri
जिंजी किला की दूसरी पहाड़ी में कृष्णागिरी का गढ़ है। वह अंग्रेजी पर्वत के रूप में जाना जाता है। उस गढ़ पर ब्रिटिश निवासियों का कब्जा रहा है। यह राजगिरी गढ़ से थोड़ा छोटा और उसमें ग्रेनाइट सीढ़ियां बनी हुई हैं। वह पर्यटकों को किले की ओर ले जाती हैं। कृष्णागिरी किले का सामरिक और सैन्य मूल्य अपेक्षाकृत कम रहा है। मगर बाद के काल की कुछ प्रभावशाली इमारतें मौजूद हैं।
Rajagiri
जिंजी दुर्ग का सबसे पहला महत्वपूर्ण किला राजगिरी शुरू में कमलागिरी और बाद में आनंदगिरी के नाम से जाना जाता था। वह 800 मीटर ऊंचा और किले में जाने के लिए लकड़ी के पुल को पार करना होता है। यहाँ कमलकन्नी अम्मन मंदिर के साथ इमारत में अस्तबल, बैठक हॉल, अन्न भंडार, मस्जिद, मंदिर और मंडप शामिल है। उसमें कल्याण महल, रंगनाथर मंदिर, प्रहरीदुर्ग और घंटाघर है। किले के प्रवेश द्वार पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने स्थापित किया साइट संग्रहालय है। उसमें विविध राजवंशों के बारे में मूर्तियां हैं। जिसने जिंजी पर राज किया है।

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How To Reach Gingee Fort
गिंगी किले का निकटतम हवाई अड्डा चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। वह तक़रीबन 160 किलोमीटर की दूरी पर है। वहां से पर्यटक तिंडीवनम जिले तक पहुँचने के लिए बस या कैब बुक कर सकते हैं। जहाँ किला स्थित है। यह किला पांडिचेरी से महज 65 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ की परिवहन सुविधाएं बहुत अच्छी हैं और आपको किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं, तो उसका निकटतम रेलवे स्टेशन विल्लुपुरम है।

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Gingee Fort Map विल्लुपुरम तमिलनाडु के जिंजी किला का लोकेशन
Gingee Fort Information In Hindi Video
Interesting Facts
- जिंजी किला या सेंजी दुर्ग दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में स्थित ऐतिहासिक किला है।
- यह किला विल्लुपुरम जिले में पुद्दुचेरी के समीप ही स्थित है।
- जिंजी किले को छत्रपति शिवाजी ने भारत का अभेद्य दुर्ग और अंग्रेज़ों ने पूरब का ट्रॉय कहा था।
- यह प्राचीन किले को जिंजी किला, जिसे जिंजी दुर्ग या सेंजी दुर्ग के कहा जाता है।
- किले के स्वामित्व ने कई हाथों को चोलों से नायक तक मराठों और फिर मुगलों में बदल दिया था।
- यह प्राचीन किला अंदर से तीन गढ़ से जुड़े हुए थे।
- जिंजी क़िला या गिंगी फ़ोर्ट सात पहाड़ियों पर बना है, उसमे कृष्णगिरि, चंद्रागिरि और राजगिरि मुख्य हैं।
- जिंजी क़िला पहली बार 9वीं शताब्दी ई में चोल राजवंशो ने बनवाया था।
FAQ
जिंजी किला या सेंजी दुर्ग तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के पुद्दुचेरी में स्थित है।
जिंजी दुर्ग का राजसी किला तीन पहाड़ी गढ़ बने हैं।
जिंजी किला हवाई मार्ग, सड़क मार्ग और ट्रेन से यात्रा करते जा सकते हैं।
जिंजी क़िला पहली बार 9वीं शताब्दी ई में चोल राजवंशो ने बनवाया था।
जिंजी किला में दुश्मनों को प्रवेश करना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन था।
Conclusion
आपको मेरा लेख Gingee Fort History In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
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