Daulatabad Fort History In Hindi Maharashtra

Daulatabad Fort History In Hindi Maharashtra | दौलताबाद किले की जानकारी

Daulatabad fort भारत के महाराट्र के राज्य में स्थित देवगिरि एक अति प्राचीन शहर है वह शहर औरंगाबाद से करीबन 14 किमी की दुरी पर स्थित है। यह शहर उनके प्राचीन इतिहास के कारण बहोत प्रसिद्ध है। यह शहर ऐतिहासिक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। 

दौलताबाद शहर के कई प्राचीन शहर को देखने के लिए देश और विदेशी पर्यटक यह स्थान पर प्राचीनस्थल को भारी संख्या में आते रहते है। इस क्षेत्र पर कई राजवंशो ने राज किया है जिसका सबुत इस स्थलों की प्राचीन स्मारकों में दिखाई देते है। हम daulatabad ka kilaऔर इसका दौलताबाद किले का इतिहास और daulatabad fort information के बारे में बताएँगे। अगर आप भी इस प्राचीन देवगिरि किले के बारे में जानना चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा पढ़िएगा।    

किले का नाम  दौलताबाद किला 
किले का दूसरा नाम देवगिरि किला 
राज्य  महाराट्र 
जिला  दौलताबाद 
स्थान देवगिरि
निर्माणकर्ता  राष्ट्रकूट वंश 
निर्माणकाल    1187-1318 और 1762
किले के राजवंश  यादव , खिलजी , तुगलक वंश
किले के मुख्य स्मारक चांद मीनार, चीनी महल और बरादारी

Daulatabad Fort History In Hindi –

Daulatabad Fort History In Hindi
Daulatabad Fort History In Hindi

औरंगाबाद में स्थित यह किला मध्यकालीन भारत का सबसे शक्तिशाली किला माना जाता है जिसको दौलताबाद किले के नाम से भी पहचाना जाता है। aurangabad to daulatabad distance 14 किमी उत्तर के पश्चिम के क्षेत्र में निर्मित है प्रारंभ में इस किले को देवगिरि के नाम से पहचाना जाता है। 

दौलताबाद किले का निर्माण कैलाश गुफा का निर्माण करनेवाले राष्ट्रकूट वंश ने इस किले का निर्माण करवाया था इस का निर्माण साल 1187-1318 से साल 1762 तक इस किले में कई शासको ने इस किले में शासन किया था। devagiri daulatabad fort पर यादव , खिलजी , तुगलक वंश ने शासन किया था। दौलताबाद क्षेत्र उनके पहाड़ी किले के लिए प्रसिद्ध है। daulatabad fort architecture करीबन 190 मीटर ऊंचाई पर बना हुवा शंकु के आकर का बना हुवा है। 

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दौलताबाद किला की रचना –

देवगिरि किले की बाहरी दीवार और किले के आधार के बिच दीवारों की तीन मोती पंक्तिया है जिस पर कई बुर्ज बने हुवे है। प्राचीन देवगिरि नगरी इसी परकोटे के अंदर बसी हुई थी। इस किले की सबसे मुख्य ध्यान देने वाली बात यह है की इसमें बहुत से भूमिगत गलियारे और कई खाईयो का निर्माण करवाया गया हैं। किले की खाइयो को बड़े पथ्थरो को काटकर बनाया गया था देवगिरि किले में एक अँधेरा रास्ता भी बना हुवा है जिस मार्ग को अँधेरी के नाम से भी पहचाना जाता है। 

इस कही कही स्थानों पर बहोत गहरे गड्डे बनाये गए थे इसका बनाने का कारण शत्रु को धोखे से गड्डे में गिराने के लिए इसका निर्माण करवाया गया है। devagiri किले के प्रवेश ध्वार पर लोहे की बड़ी अँगीठीया बनी हुई है जिनका इस्तेमाल आक्रमणकारियों बहार ही रोकने के लिए आग लगाकर धुंआ किया जाता है। किले के मुख्य स्मारक चांद मीनार, चीनी महल और बरादारी इस किले के मुख्य स्मारक हैं।

इसमें चाँद मीनार की ऊंचाई करीबन 63 मीटर है। इसे अलाउद्दीन बहमनी शाह ने ई.1435 में दौतलाबाद पर विजय की ख़ुशी में इसका निर्माण करवाया था। इस किले में निर्मित मीनार दक्षिण भारत में मुस्लिम वास्तुकला की प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है किले के ठीक मीनार के बिलकुल ठीक जामा मज्जिद निर्माणित है मज्जिद के पिल्लर मुख्य रूप से मंदिर से सटे हुए है। 

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Daulatabad Fort के मुख्य स्मारक –

Daulatabad Fort History
Daulatabad Fort History

चीनी महल :

daulatabad fort का यह पुराना चीनी महल वह किले के अंदर मौजूद है इस महल का नाम इसलिए चीनी रखा गया था क्योकि इन महल के निर्माण में चीनी मिटटी की टाइल्स का उपयोग किया गया था।  यह किला अद्भुत किला अपनी शानदार वास्तुकला के लिए पहचाना जाता है। इसके इतिहास के पन्ने यह बताते है की इस चीनी महल का निर्माण शाही कारागृह के रूप में किया जाता था।इस चीनी महल में मुग़ल और पर्शियन शैली का अद्भुत मेल देख सकते है ऐसा माना जाता है की यहाँ कुतुबशाही साम्राज्य यानि की गोलकुंडा के अंतिम बादशाह अब्दुल हसन तनाशाह को औरंगजेब यही स्थान पर रखा था। 

चांद मीनार :

देवगिरि किले में आप सुन्दर और आकर्षित chand minar daulatabad को देख सकते है यह चांद मीनार करीबन 64 मीटर लंबा और 21 मीटर चौड़ा है और यह मीनार दौलताबाद किले के अंदर स्थित है।  ऐसा माना जाता है की चांद मीनार का निर्माण अला-उद-दीन बहमनी ने दौलताबाद किले पर विजय मिलने की ख़ुशी में इसका निर्माण करवाया गया था। 

devagiri fort
devagiri fort

devagiri fort पूरी तरह से खजानो से भरा हुवा है। यह किला भारतीय इतिहास के बारे में बहुत कुछ प्राचीन स्थलों को देखने के लिए बहोत भारी संख्या में इस स्थान पर आते रहते है। अला-उद-दीन बहमनी ने इस कि लेमें करीबन इसका निर्माण साल 1445नमे करवाया था इस स्थान देखने के लिए देश और विदेश से पर्यटक इस स्थान पर आते रहते है। 

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देवगिरि किले के नजदीकी पर्यटन स्थल –

  • अजंता की गुफाये 
  • इलोरा की गुफाये 

Daulatabad Fort तक कैसे पहुंचे –

हवाई मार्ग से दौलताबाद कैसे पहुंचे :

daulatabad fort history देखने जाने के लिए आप हवाई मार्ग का भी चुनाव कर सकते है। अगर आप हवाई मार्ग से जाना चाहते है तो आप सबसे नजदीकी हवाई एयरपोर्ट औरंगाबाद है आप इस हवाई अड्डे से आप मुंबई ,दिल्ही , जयपुर और उदयपुर जैसे देश के मुख्य शहरो से आप दौलताबाद किले की यात्रा कर सकते है। 

देवगिरि किला / दौलताबाद किला
देवगिरि किला / दौलताबाद किला

ट्रेन मार्ग से दौलताबाद कैसे पहुंचे :

अगर आप देवगिरि किले की यात्रा के लिए ट्रेन का भी इस्तेमाल कर सकते है मुंबई और देश के अन्य शहरो से आप सरलता से औरंगाबाद शहर तक पहुँच सकते है इसके अलावा देवगिरि एक्सप्रेस दौड़ती है जो मुंबई में रात के समय में चलती है। 

सड़क मार्ग से दौलताबाद कैसे पहुंचे

devagiri daulatabad fort सड़क मार्ग अन्य बड़े शहरो के सड़क मार्ग से जुड़ा हुवा है।

औरंगाबाद और इलोरा के बिच में चलने वाली रोडवेज की बसों की मदद से इस स्थान पर पहुंचा जा सकता है। 

Daulatabad Fort Maharashtra Map –

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Daulatabad Fort Vidio –

दौलताबाद किले के प्रश्न –

1 . दौलताबाद किला कहा स्थित है ?

भारत के महाराट्र राज्य में देवगिरि नाम का एक अति प्राचीन शहर है।

यह शहर औरंगाबाद से देवगिरि शहर करीबन 14 किमी की दुरी पर दौलताबाद किला स्थित है।

2 . दौलताबाद किले को प्रथम कौनसे नाम से जाना जाता था ?

दौलताबाद किले को प्रथम देवगिरि के नाम से पहचाना जाता था। 

3 . देवगिरि किले का निर्माण किसने और कब करवाया था ?

दौलताबाद किले का निर्माण राष्ट्रकूट वंश ने करवाया था।

साल 1187-1318 से साल 1762 तक इस किले में कई शासको नई इमारतों का निर्माण करवाया है। 

4 . दौलताबाद किला कितनी ऊंचाई पर बना हुवा है ?

दौलताबाद किला पहाड़ी क्षेत्र में 190 मीटर ऊंचाई पर निर्माणित है। 

5 . देवगिरि किले पर कौन – कौन से राजवंशो ने शासन किया था ?

daulatabad fort पर यादव , खिलजी , तुगलक वंश जैसे कई राजवंशो ने शासन किया था।

6 . दौलताबाद किले के मुख्य स्मारक कौनसे है ?

किले के मुख्य स्मारक चांद मीनार, चीनी महल और बरादारी इस किले के मुख्य स्मारक हैं।

7 . देवगिली किले में स्थित चाँद मीनार का निर्माण क्यू करवाया गया था ?

दौलताबाद किले में स्थित चाँद मीनार का निर्माण अलाउद्दीन बहमनी शाह ने 

ई.1435 में दौतलाबाद पर विजय की ख़ुशी में इसका निर्माण करवाया था। 

8 . चाँद मीनार की ऊंचाई कितनी है ?

दौलताबाद किले में स्थित चाँद मीनार करीबन 63 मीटर ऊंचाई  और 21 मीटर चौड़ाई है। 

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Conclusion –

दोस्तों उम्मीद करता हु आपको मेरा ये लेख daulatabad fort यानि कीdevagiri fort के बारे में  पूरी तरह से समज आ गया होगा। इस लेख के द्वारा हमने दौलताबाद किले का इतिहास के बारे में जानकारी दी अगर आपको इस तरह के अन्य ऐतिहासिक स्थल और प्राचीन स्मारकों की जानकरी पाना चाहते है तो आप हमें कमेंट करे। आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा बताइयेगा और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे। धन्यवाद।