नमस्कार दोस्तों Chitradurga Fort Information In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम चित्रदुर्ग किला घूमने की जानकारी और इसके प्रमुख पर्यटन स्थल की जानकारी बताने वाले है। भारत के कर्नाटक राज्य में चित्रदुर्ग जिले में चित्रदुर्ग किला स्थित है। किले का दूसरा नाम चित्त्तलदूर्ग, उस का अर्थ चित्रकारी किला होता है। यह किले का निर्माण कार्य विशाल पत्थरों से किया गया है। और पहाड़ी घाटी पर बना यह किला एक सुरम्य किला है। घाटियों, नदी और चिन्मुलाद्री रेंज की वजह से यह किला बहुत ही आकर्षक है।
आज हम Chitradurga Fort In Hindi में वेदावती नदी के तट पर बसे और कन्नड़ फिल्मो में दिखाई देता चित्रदुर्ग किला कर्नाटक राज्य की शान की बात करने वाले है। प्राचीन समय से महाभारत से जुड़ा यह किला में 7 विशाल दीवारे है। किला में कई मंदिर देखने को मिलते है। जो यह फोर्ट की वास्तुकला को प्रतीत करवाते है। चित्रदुर्ग किला कर्नाटक राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है।
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Chitradurga Fort History in Hindi
चित्रदुर्ग किले में पर्यटकों को चालुक्यों, होयसला और विजयनगर राजाओं के कई शिलालेख देखंने को मिलते है। यह लेख किले के अंदर और आसपास पाए जाते हैं। उसके मुताबिक यह क्षेत्र तीसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व का है। चित्रदुर्ग किला राष्ट्रकूट, चालुक्य और होयसल के शाही राजवंशों के शासनकाल के दौरान मौर्य साम्राज्य से जोड़ते हैं। विजयनगर साम्राज्य के राजाओ ने होयसाल से यह क्षेत्र को अपने साम्राज्य में जोड़ लिया था। 1565 में विजयनगर साम्राज्य का राजवंश समाप्त हो गया।

1779 में यह किला मैसूर साम्राज्य में चला गया। टीपू सुल्तान के पिता हैदर अली ने 1779 में किले पर अधिकार कर लिया था। लेकिन 1799 में प्रसिद्ध टीपू सुल्तान को अंग्रेजों ने चौथे मैसूर युद्ध में मार दिया था। उसके बाद यह किला मैसूर साम्राज्य को वोडेयर्स के तहत फिर से चलाया गया था। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, चित्रदुर्ग किला ने सैन्य बलों के कई हमलों को देखा है। चित्रदुर्ग किले का इतिहास 1500 से 1800 ईस्वी में सामने आया था ।
चित्रदुर्ग किला घूमने जाने का सबसे अच्छा समय
साल के किसी भी महीने में आप चित्रदुर्ग किला घूमने जा सकते है। लेकिन किले का दौरा करने का सबसे अच्छा मौसम फरवरी, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के महीनों में है। आपको प्रमाणित गाइड प्रवेश द्वार के पास मिलता हैं। जो आपको एक निर्देशित दौरे देने और ऐतिहासिक महत्व बताने के लिए रखना चाहिए।

Chitradurga Fort Architecture
चित्रदुर्ग किले की संरचना देखे तो किले की संरचना बहुत ही आश्चर्यजनक है। यह चित्रदुर्ग किले को सोने के किले के नाम से भी जाना जाता है। चित्रदुर्ग किले के अंदर तक़रीबन 18 मंदिर देखने को मिलते है। उसके कुछ नाम हम बताते है। उसमे भगवान हनुमान, वनानम्म्मा, नंदी, गोपाला कृष्णा, सिद्देश्वर, फाल्कनर्स और सुबराय शामिल है। चित्रदुर्ग का सबसे पुराना मंदिर हिडिंबेश्वर मंदिर है। उसके निचे देवी दुर्गा को समर्पित एक बहुत प्राचीन और अद्भुत मंदिर है।
कई मुस्लिम शासको में अपने साम्राज्य के चलते कई मस्जिद का निर्माण भी करवाया है। दूश्मनों के आक्रमण से बचने के लिए 38 प्रवेश द्वार और 35 गुप्त द्वार के साथ 19 द्वार हैं। किले में जलाशय भी थे उसका पानी और भोजन की कमी के समय भंडारण के लिए उपयोग किए जाते थे।किले के भीतर की सात दीवारों को दुश्मनों के हाथी पर हमला करने से रोकने के लिए पतले मार्ग से डिजाइन किया गया था। फोर्ट के कुछ हिस्से सीमेंट के साथ झुलसी हुई ईंटों और मोर्टार के उपयोग से भी बनाए गए थे।

चित्रदुर्ग फोर्ट का निर्माण
15 वीं शताब्दी से 18 वीं शताब्दी के समय में चित्रदुर्ग फोर्ट का निर्माण कई अलग अलग शासकों के जरिये हुआ है। मगर किले को टीपू सुल्तान और हैदर अली ने अपने शासन के समय में यह किले को बहुत बड़ा विस्तार किया गया था। चित्रदुर्ग किले के निर्माण को लेकर कोई भी सीधा प्रमाण नहीं देखने को मिलता है। लेकिन चित्रदुर्ग किले को होयसाल, चालुक्य, विजयनगर साम्राज्य के राजाओ ने बनवाया कहा जाता है। उसकी बनावट बहुत ही अदभुत दिखाई देती है।
चित्रदुर्ग फोर्ट का प्रवेश शुल्क
पर्यटकों के लिए चित्रदुर्ग फोर्ट में प्रवेश करने के लिए पहले टिकट लेना बहुत जरूरी है। भारतीय यात्रिओ के लिए चित्रदुर्ग किले का प्रवेश शुल्क 5 रूपए प्रति व्यक्ति है। और विदेशी पर्यटकों के लिए 100 रूपए प्रति व्यक्ति है। आप टिकिट लेकर जा सकते है।

Chitradurga Fort Timings
अगर पर्यटक चित्रदुर्ग किले के खुलने और बंद होने का समय जानना चाहता है। तो बतादे की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक यह किला खुला रहता है। उस समय में पर्यटक कोई भी समय में यह ऐतिहासिक किले में घूमने के लिए जा सकता है।
चित्रदुर्ग के प्रमुख उत्सव
अगर चित्रदुर्ग के Famous Festivals की बात करे। तो फाल्गुन माह के समय यानि फरवरी-मार्च के महीने में थिपरुद्रस्वामी नायकनहट्टी के मंदिर में बहुत ही बड़े त्यौहार का आयोजन किया जाता हैं। यह त्यौहार चित्रदुर्ग का सबसे प्रसिद्ध उत्सव है। उसके साथ साथ कर्णाटक में गणेश चतुर्थी, गौरी महोत्सव, पट्टडकल नृत्य महोत्सव और श्रवणबेलगोला जैसे कई त्यौहार मनाये जाते है।

चित्रदुर्ग किले के नजदीकी प्रमुख पर्यटन स्थल
Holalkere Chitradurga Fort
चित्रदुर्ग से 35 किलोमीटर दूर होल्केरे गणपति भगवान का बहुत अद्भुत मंदिर है। यह मंदिर 1475 ईस्वी में निर्माण किया गया था। उसमे 9 फीट ऊँची भगवान गणेश की बचपन की मूर्ती स्थापित है।
Vani Vilas Sagar Dam
चित्रदुर्ग से 32 किलोमीटर दूर बहुत ही आकर्षक वाणी विलास सागर बांध स्थित है। मारी कानिव के नाम से जाना जाता यह बांध वेदवती नदी पर सबसे पुराना बाँध है। प्रकृति के दृश्यों से यह बांध बहुत ही नयनरम्य दिखाई देता है। और हजारों पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। यह बांध मैसूर महाराजाओं ने बनवाय था।

Adumalleshwara Temple
किले से 4 किलोमीटर दूर भगवान शंकर को समर्पित अडूमल्लेश्वर मंदिर है। यह मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है। उसमे एक गुफा मंदिर है और नंदी भगवान के मुख से बारहमासी धरा निकलती रहती है। उसमे नन्हा सा चिड़ियाघर भी मौजूद है। उसमे कई जानवर देखने को मिलते है।
Chandravalli Caves Chitradurga Fort
चित्रदुर्ग शहर से 4 किलोमीटर दूर और जमीन से 80 फीट नीचे चंद्रावल्ली गुफाएं स्थित है।उसको अंचल मठ के नाम से भी जाना जाता है। यह गुफा के पास चंद्रावल्ली नाम का शिवजी का पत्थरों से निर्मित शिवलिंग स्थापित है।
Jamia Masjid
सुलतान फ़तेह अली टीपू शासन कल में जामिया मस्जिद को बनाया था। यह चित्रदुर्ग की सबसे खूबसूरत मस्जिद है। मैसूर के राजा सुलतान फ़तेह अली से निर्मित यह मस्जिद पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है।

Nayakanahatti Temple
दुर्ग से 35 किलोमीटर दूर नायकनहट्टी मंदिर स्थित है। यह साधु थिपरुद्रस्वामी के आराम करने का स्थान मानाजाता है। यह स्थल पर फाल्गुन महीने में विशाल मेला लगता है।
Dasaratha Rameshwara Chitradurga Fort
भगवान राम के पिताजी महाराजा दशरथ ने श्रवण को यही स्थल पर तीर से मारा था।
उसी कारन ही दशरथ रामेश्वर चित्रदुर्ग का बहुत ही धार्मिक महत्व है।
दशरथ जी ने पुत्र राम के साथ प्रायश्चित करने के लिए यही शिवलिंग स्थापित करवाया था ।
Gayatri Jalashay
मैसूर के महाराजा ने अपनी प्रजा गायत्री जलाशय का निर्माण करवाया था। जो सुवर्णमुखी नदी के ऊपर देखने को मिलता है। पर्यटक यहाँ मौज मस्ती के साथ साथ जलाशय के शांत जल को देखने का आनंद पाते है।

Ankali Mutt Chitradurga Fort
चित्रदुर्ग किले से अंकली मठ 3 किलोमीटर दूर स्थित एक प्राचीन मठ है।
उस अंकली मठ में पांडवों ने स्थापित किये पांच शिवलिंग देखने को मिलते है।
गुफा के प्रवेश द्वार में 1286 ईस्वी से संबंधित होयसला राजा नरसिम्हा तृतीय का शिलालेख देखने को मिलते है।
Jogimatti
चित्रदुर्ग से 14 किलोमीटर दूर जोगीमत्ती स्थित है। यह एक आकर्षक हिल स्टेशन है। उसको टी एट द ग्रेट एपिटोम के नाम से भी पहचानते है। यहाँ पर पर्यटक बाग़-बगीचे, हरे जंगल और बड़े बड़े पहाड़ पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते है। यह स्थल पर एक गुफा में शिवलिंग और वीरभद्र की मूर्ती स्थापित देखने को मिलती है।
चित्रदुर्ग में रुकने के लिए होटल और स्थानीय भोजन
पर्यटकों को चित्रदुर्ग किला और उसके नजदीकी पर्यटक स्थल घूमने के बाद रुकने होटलों की जरुरत रहती है। उसिलिये हम बतादे की (hotels near chitradurga fort) यह स्थल पर आपको चित्रदुर्ग में हाई बजट से लेकर सस्ती होटलों भी उपलब्ध है। और उसमे आपको मेंवे इडली, वड़ा, चाउ बाथ, कॉफ़ी चाय का मजा ले सकते है। आप अगर यहाँ का प्रसिद्ध और स्थानीय भोजन का मजा लेते है। तो अपने जीवन कभी नहीं भूलेगे। उसके लिए हम कुछ होटल के नाम बताते है।
- Hotel Aishwarya Fort
- Vashishata Deluxe Lodge
- Hotel Naveen Regency
- Ravi Mayur International Hotel
- Hotel Veda Comforts
चित्रदुर्ग किले इमेज
चित्रदुर्ग किला चित्रदुर्ग कर्नाटक कैसे पंहुचे
ट्रेन से चित्रदुर्ग किला कैसे पहुंचे
चित्रदुर्ग शहर में जाने के लिए आपने रेल मार्ग का चुवाव किया हैं।
तो चित्रदुर्ग का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है चिकज्जुर जंक्शन है।
वहाँ से पर्यटक स्थानीय साधन की सहायता से चित्रदुर्ग किले तक आसानी से पहुँच सकते है।
सड़क मार्ग से चित्रदुर्ग किला कैसे पहुंचे
चित्रदुर्ग शहर में जाने के लिए आपने सड़क मार्ग को पसंद किया है।
तो चित्रदुर्ग किले पर विभिन्न वाहन के जरिए पहुंचा जा सकता है।
चित्रदुर्ग बैंगलोर-पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है।
पर्यटक यह मार्ग पर चलने वाली KSRTC बसों की सहायता से यात्रा कर सकते है।
चित्रदुर्ग शहर पुणे-बैंगलोर राजमार्ग 200 KM पर स्थित है।
फ्लाइट से चित्रदुर्ग किला कैसे पहुंचे
चित्रदुर्ग शहर में जाने के लिए आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं।
तो चित्रदुर्ग का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा बैंगलोर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
Bangalore to chitradurga fort दुरी 197 किलोमीटर है।
यह हवाई अड्डे से स्थानीय साधन की सहायता से चित्रदुर्ग किले तक आसानी से पहुँच सकते है।
Chitradurga Fort Karnataka Location चित्रदुर्ग किला कर्नाटक का मैप
Chitradurga Fort History in Hindi Video
Interesting Facts
- चित्रदुर्ग किला विभिन्न कन्नड़ फिल्मों की शूटिंग के लिए एक पसंदीदा स्थान है।
- चित्रदुर्ग किला तक़रीबन 1500 एकड़ में फैला हुआ है।
- ओनाके ओबाव्वा के शव आज भी चित्रदुर्ग दुर्ग में देखने को मिलते है।
- चित्रदुर्ग किला की उंचाई 976 मीटर है।
- यह किले पर चालुक्यों, होयसाल और विजयनगर राजाओं के साथ अनेकों शासको ने राज किया है।
- यह किले पर पर्यटकों सात बहुत ही अद्भुत दीवारे देखने को मिलते है ।
FAQ
Q : चित्रदुर्ग किला कहा है?
Ans : भारत के कर्नाटक राज्य में चित्रदुर्ग जिले में चित्रदुर्ग किला स्थित है।
Q : चित्रदुर्ग किला किसने बनवाया था?
Ans : चित्रदुर्ग फोर्ट का निर्माण कई अलग अलग शासकों के जरिये हुआ है।
Q : चित्रदुर्ग फोर्ट का निर्माण कब करवाया गया?
Ans : 15 वीं शताब्दी से 18 वीं शताब्दी के समय में उसका निर्माण हुआ है।
Q : चित्रदुर्ग किस खनिज के लिए प्रसिद्ध है?
Ans : चित्रदुर्ग नगर से लौह, अभ्रक ताम्र अयस्क, बॉक्साइट, स्वर्ण और रक्तमणि का खनन होता है।
Q : चित्रदुर्ग में घूमने के लिए प्रमुख आकर्षण कौन से हैं?
Ans : वाणी विलास सागर डेम, चंद्रवल्ली गुफाएं, अंकली मुत्तो और हिडिम्बेश्वर मंदिर चित्रदुर्ग में प्रमुख आकर्षण हैं।
Conclusion
आपको मेरा Chitradurga Fort History बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये chitradurga fort information और
chitradurga fort built by से सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है।
अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो कहै मेंट करके जरूर बता सकते है।
हमारे आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शयेर जरूर करे। जय हिन्द।
Note
आपके पास chitradurga fort onake obavva या Chitradurga fort guide charges की कोई जानकारी हैं।
या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे / तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है।
तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद।
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