Borra Caves History in Hindi Andhra Pradesh

Borra Caves History in Hindi Andhra Pradesh | बोर्रा गुफाएँ विशाखापटनम

Borra Caves भारत के पूर्वी घाटों में अरकू घाटी के अनंथगिरी पहाडियो में और विशाखापटनम में स्थित तटीय शहर से करीबन 90 किलोमीटर की दुरी पर उपस्थित है। बोर्रा गुफाएँ हमारे भारत देश की अद्वितीय प्रकृतिक अजूबा माना जाता है। 

भारत की सबसे बड़ी यह गुफा प्रकृतिक स्टैलैग्माइट के साथ साथ स्टैलैक्टाइट भी है।

ऐसी अनेक प्रकार की गुफाऐ विश्व के अलग अलग स्थानों पर देखने को मिलती है। 

बोरा गुफाएं इस प्रकार की गुफाये अमेरिका मे टेक्सास में और यूरोप में स्लोवाकिया मे और साथ ही साथ हमारे मेघालय में भी पाए जाती है। और वो सभी एक दूसरे के बराबर मानी जाती है। यह सारी bora caves अनेक सालो पहले की मानी जाती है। 

गुफा  बोर्रा गुफाएँ
राज्य आंध्र प्रदेश 
स्थान अनंथगिरी पहाडियो 
गहराई  80 मीटर 
खोजकर्ता  विलियम जॉज
खोजकाल  साल1807

Borra Caves History in Hindi  – 

गुफाओ कि छत के साथ साथ फर्श से प्रकृतिक निक्षेप दिखते है। और उनको स्टैलैग्माइट और स्टैलैक्टाइट से भी जाना जाता है। borra guhalu की बेतरतीब की संरचनाऐं आप सभी के मनकी कल्पनाओ को दिशाहीन बना देती है ,परन्तु अनेक बार निक्षेप अंदर अंदर घुल जाते है और उसके जरिये एक स्तंभ की तरह दिखाए देने वाली सरचना प्रगट होती है।

ऐसी अनेक प्रकार की गुफाएँ ज्यादातर नदी के मार्ग पर बनी होती है। और इसकी वहज से नदी का पानी ऐसी गुफाओ में से निकलता हुवा जाता है। सब गुफाओ के करीब घूमते हुई आप सब बहती नदी को भी देख सकते है। bora cave गोस्थानी नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। और तो और यह नदी इन गुफाओं से निकल हुए विशाखापटनम तक पहुंचती है।

बोर्रा गुफाएँ विशाखापटनम
बोर्रा गुफाएँ विशाखापटनम

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बोर्रा गुफाएँ विशाखापटनम –

अनंतगिरि की पहाड़ियों में बानी हुए बोर्रा गुफाएँ  देश की सबसे बड़ी गुफाओ में से एक मानी जाती है। यह बोर्रा गुफाएँ  करीबन 10 लाख साल पुरानी गुफाएँ समृद्धतल से करीबन 1400 फुट ऊंचाई पर स्थित है। bori caves आंध्र प्रदेश में विशाखापतनम से करीबन 90 किलोमीटर दुर स्थित है।

शायद 2 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुवा है। बोर्रा गुफाएँ की खोज विलियम किंग जॉर्ज नामके एक अंग्रेज ने करीबन 1807 की साल में की एव बोर्रा गुफाएँ अराकू घाटी का प्रमुख गुमने का स्थल है। 

Borra Caves का अर्थ – 

इस क्षेत्र की स्थापना भाषा के अनुसार बोर्रा का अर्थ छेद होता है। बोर्रा गुफाओं के शीर्ष पर एक बहुत ही बड़ा सा छेद है। और उसकी वजह से उसको बोर्रा गुफाएँ नाम दिया गया है। उपाख्यान कहते है की एक बार अचानक एक गाय इस छेद के अंदर गिर गयी थी और इसके  बाद वहा के आदिवासी लोगो को इस बोर्रा गुफाएँ के बारे में पता चला था। 

आदिवासी लोगो को साथ ही साथ इस नदी के उद्गम स्थान के बारे में भी मालुम पड गया था। और तो और उसीकी वजह से इस नदी को गोस्थानी के नाम से जाना जाता है। आप अगर इस गुफा में जाते हो तो आपको किसी स्थान पर गाय के थन की तरह संरचना दिखेगी और वहा से जल टपकता रहता है और वो जल सीधा उसके निचे विराजमान शिवलिंग पर गिरता है।   

आधुनिक इतिहास के मुताबिक  बोर्रा गुफाओं की खोज ब्रिटिश समय काल दौरान बताई जाती है। और यह भी कहा जाता है की राजा विलियम जॉज ने करीबन 200 साल पहले भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण के जरिये इन गुफाओ की खोज की थी। मानव विज्ञानियों का यह कहना है  की बोर्रा गुफाएँ में से मिलने वाले पत्थर से बने हथियारों की पुरातनता के हिसाब से करीबन 30,000 से 50,000 साल पहले इन गुफाओ में लोग रहते थे।

Borra Caves की संरचनाएं –

बोर्रा गुफाएँ गिरते हुई जल से बनी हुई है और यह संरचनाओ को स्थानीय भाषा में इसको जलभाषा कहा जाता है। और आपको यहा पर श्री साई बाबा और दूसरे अनेक मंदिर भी आपको देखने को मिलते है। इस जगह पर सीता का शयनकक्ष से साथ साथ स्नानकक्ष भी उयस्थित है। और इस जगह से पीला जल निकलता है। और ऐसा भी कहा जाता है की इस जगह पर खुद सीता माता  हल्दी स्नान किया करते थे। 

यह पानी सीता माता के स्नानकक्ष से निकलकर आता है। लेकिन जो इसको  वैज्ञानिक रूप से देखा जाया तो ये सिर्फ सल्फर धातु है ,और इसकी वजह से यह पानी पीला दिखाई देता है। यहा पर इंसान का दिमाग  भुट्टा बन्दर ,आराम करता हुवा हाथी ,दौड़ता हुवा घोडा ,मनुष्य का पैर और  उसकी गदा जैसे अनेक आकारों की संरचनाएं देखने को मिल जाती है। 

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Borra Caves गुफाओ की खूबसूरती –

इन में से मनुष्य  के दिमाग वाली संरचना बहुत ही सुन्दर  है। और तो और  सबसे  के स्टैलैग्माइट और स्टैलैक्टाइट की संरचनाओं से बिलकुल अलग देखने को मिलती  है।यहाँ पर एक बड़ी सी चट्टान है। और उन दोनों को सिरों को एक लंबी संधि से मिलाया गया है। वहा के व्यक्ति इस संधि के जरिये विभाजित इन दोनों भागो को लव और कुश मतलब की सीता माता के दोनों बेटो के नाम से जाना जाता है 

यह सब दृश्य बहुत ही देखने जैसे है।

इस गुफा की छत के ऊपर एक छेद है।

वहा से नजदीक आती हुए रोशनी गुफाओ को खूबसूरती से सारे विभाग को प्रकाशित करती है।

गुफा में अलग-अलग स्थानों पर खड़े होकर आप इस रोशनी के विभिन्न रंग-रूप देख सकते हैं।

बोर्रा गुफाएँ का इतिहास
बोर्रा गुफाएँ का इतिहास

बोर्रा गुफाएँ का रहस्य – 

गुफा की गहराई में शिवलिंग स्थित है :

एक शिवलिंग है जो की borra caves की गहराई में स्थित  है। और तो और उसके बिलकुल ऊपर गाय कामधेनु की प्रतिमा है। और उसकी वजह से गोस्थानी नदी का उद्धम हुवा था। गोस्थानी का मतलब होता है गाय के धन। और उसीकी वजह से इन गुफाओ को गाय के धन की प्रतिमा  कही जाती है। 

छत से जल जूझता रहता है :

गुफा की छत से जूझता हुवा जल धीरे धीरे गिरता रहता है। इस पानी में अनेक प्रदार्थ मिले हुवे है। ज्यादा गर्मी होने की वजह से वाष्पीकरण हो जाने पर पानी सूखने लगता है। गुफा की छत पर अनेक सारे प्रदार्थ इखटा होते है। निक्षेप की प्रतिमा अलग अलग स्तंभ की जैसी होती है। और वह छत से निचे फर्श की और बढ़ती रहती है।  

अलग दुनिया का अहसास :

बोर्रा गुफाएँ अंदर से बहुत ही सुंदर दिखाई देती है।

बोर्रा गुफाएँ में धूमना सबसे रोमांचक अहसास है।

आप उसके अंदर घूमने जाते हो तो आपको पूरी दुनिया दिखाए देती है।  

गुफाओ में पानी के प्रवाह ने जमीन के करीब अलग अलग कलाकृतिया गढ़ दी है।

और वो एक शिल्पकार की अनेक सालो की महेनत से बनाई हुई लगती है।

एक जगह पर तो चट्टानो में थोड़ी ऊंचाई पर प्राकृतिक शिवलिंग ऐसे बनाया गया है की उसको बाफायदा लोहे की सीढिया जोड़कर मंदिर का रूप दे दिया गया है। जमीन को बांटती एक दरार तो कही बड़े बड़े खंभे और तो और लंबी लटकती जटाओ सरीखी चट्टाने दिखाई देती है।

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भारत के प्राकृतिक अजूबे बोर्रा गुफाएँ अरकू घाटी – 

हमारा भारत देश संस्कृत में डूबा हुवा देश है।

हमारी संस्कृति में प्रत्येक चीज में दिव्यता देखने का रीतरिवाज है।

गुफाओ में जमीन से निकले हुई निक्षेपों को कई वार एक शिवलिंग के रूप में पाया गया है। 

बोर्रा गुफाएँ तक पहुंचने के लिए आपको छोटी सीढियो के बल पर वहा तक पंहुच सकते है।

निक्षेपों से तैयार हुई बाकी की सरचनाओ को दूसरे देवताओ के अवतार रूप में पाया जाता है। 

उनके वहन या फिर शुभ प्रतिको के रूप में देखने को मिलता है।

और अनेक बार उनको ऐतिहासिक किताबो के उपाख्यानों से भी मिलाया जा सकता है।     

ऐसे भरोसो से चलते हमारे भारत में गुफाओ का सही तरह से अनुरक्षण नहीं हो पाया था।

मानवीय लोगो के छूने से इन प्रकृतिक निक्षेपों की संख्या दिन प्रति दिन गटती जा रही है। 

इतना सब हो जा ने के बाद भी उसको छूने पर कोय भी प्रतिबंध नहि लगाया गया है। और तो और इधर के सभी लोगो का कहना है  की ये सब गुफ़ाएँ कोय भी वैज्ञानिक या फिर पुरातात्विक खोज का ही नतीजा न होकर भी यहाँ के सांस्कृतिक जीवन का एक अभिन्नअंग माना जाता है।

Borra caves History in Hindi Andhra Pradesh
Borra caves History in Hindi Andhra Pradesh

Borra Caves की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय क्या है –

बोर्रा गुफाओं की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय गरमी यो के मौसम में जा सकते हो  .

ठंड के मौसम में जा सकते हो क्योकि तब वहा घूमना बहुत ही अच्छा रहता है।  

आप borra caves की यात्रा के लिए बारिश के मौसम में नहीं जा सकते क्योकि वह जगह  ऊँचे चट्टानों वाली होने की वजह से आपकी जान को खतरा हो सकता है और उसी के लिए आपको ठंडी और गरमी के मौसम में घूमने के लिए जाना चाहिए।  

बोर्रा गुफाओं का समय –

  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बोर्रा गुफाएं बंद हैं।
  • दूसरी ओर बोर्रा गुफाएँ सप्ताह के निम्नलिखित खुले दिनों में यात्राओं के लिए खुली रहती हैं। 
  • सोम,मंगल, गुरु, शुक्र, शनि, सूर्य और इन दिनों प्रवेश समय और borra caves timing, 10:00 बजे से है। 
  • 05:00 पीएम और उसके बाद से फिर बंद हो जाता है।

    Borra Caves
    Borra Caves

बोर्रा गुफाओं में प्रवेश शुल्क –

borra caves entry fee वयस्कों के लिए प्रति व्यक्ति 40.रूपया  बच्चों के लिए 30 रूपया और प्रति व्यक्ति, 25.0 प्रति व्यक्ति कैमरा,। इस जगह की प्रवेश टिकट की कीमत अपने शुरुआती समय के दौरान जगह के प्रवेश और यात्रा के लिए आधिकारिक शुल्क है। 

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बोर्रा गुफाओं तक कैसे पहुँचे –

आप अगर पूर्व तटीय रेलवे की ट्रेन से borra caves की यात्रा पर पहुंच सकते है।

वहां का गाइड यह जरूर बताएगा की स्टेशन तक जाने के ठीक पहले

यह ट्रेन वास्तव में बोर्रा गुफाओं के ऊपर से निकलती है। 

आपको गुफाओ के करीब रेल्वे के सूचन पट्ट दिखाए देगा और वो आपको इस ट्रेन की सम्पूर्ण जानकारी देंगे। और तो और  आंध्र प्रदेश पर्यटन ने बोर्रा गुफाओं के पक्के रस्ते बनाने का बहुत ही सुन्दर काम किया है। और बोर्रा गुफाओं  के करीब बत्तियाँ भी लगायी हुई है,और सुकि मदद से यात्रिको को  बोर्रा गुफाओं घूमने की सुविधा मिलती है। 

Borra Caves Andhra Pradesh Map –

Borra Cave video –

बोर्रा गुफाओं का प्रश्न –

1. बोर्रा गुफाओं का अर्थ क्या है ?

बोर्रा गुफाओं के शीर्ष पर एक बहुत ही बड़ा सा छेद है। उसकी वजह से उसको बोर्रा गुफाएँ कहते है। 

2. बोर्रा गुफाओं की गहराई कितनी है ?

बोर्रा गुफाएँ 80 मीटर गहराई में जाती हैं। 

3. बोर्रा गुफाओं की खोज किसने की थी ?

बोर्रा गुफाओं की खोज ब्रिटिश काल में विलियम जॉज ने

200 साल पहले भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण के जरिये खोज की थी। 

4. बोर्रा गुफाओं की विशेषता क्या है ?

बोर्रा गुफाओं भारत की बड़ी गुफाओ में से एक है।

यह समृद्धतल से करीबन 2313 फुट की ऊंचाई पर है।

बोर्रा गुफाएँ कार्स्टिक चूना पत्थर की बनी होती हैं।

वह 80 मीटर गहराई में जाती हैं और इस प्रकार बोरा को देश की सबसे गहरी गुफा कहा जाता है।

5. बोर्रा गुफाएँ कैसे बनती हैं ?

बोर्रा गुफाएँ गिरते हुई जल से बनी हुई है। 

6.बोर्रा गुफाएं कहा स्थित है ?

अरकू घाटी के अनंथगिरी पहाडियो में विशाखापटनम में स्थित

तटीय शहर से 90 किलोमीटर दुर उपस्थित है।

7. borra caves को देखने में कितना समय लगता है ?

बोर्रा गुफाओं को देखने में क़रीबान एक या दो घंटे लग जाते है। 

8. बोर्रा गुफाएं इतनी लोकप्रिय क्यों हैं ?

बोर्रा गुफाएं इतनी लोकप्रिय है की क्योकि इस गुफा का जरना बहुत ही सुंदर है।

गुफाएँ गिरते हुई जल से बनी हुई है।

यह संरचनाओ को स्थानीय भाषा में जलभाषा कहा जाता है।

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Conclusion –

दोस्तों उम्मीद करता हु आपको मेरा ये लेख bora cave के बारे में पूरी तरह से समज आ गया होगा। इस लेख के द्वारा हमने अनंथगिरी पहाडियो बोरा गुफा के बारे में जानकारी दी अगर आपको इस तरह के अन्य ऐतिहासिक स्थल और प्राचीन स्मारकों की जानकरी पाना चाहते है तो आप हमें कमेंट करे। आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा बताइयेगा और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे। धन्यवाद।