Bibi Ka Maqbara आमतौर पर बिलकुल ताजमहल की तरह दीखती ईमारत भारत के औरंगाबाद में स्थित महाराष्ट्र का ताजमहल है। यह बीबी का मकबरा एक खूबसूरत स्मारक है।
इतिहास के अनुसार बीबी के मक़बरे का निर्माण 17 शताब्दी में मुग़ल बादशाह औरंगजेब ने करवाया था। लेकिन कुछ का यह कहना है की मक़बरे को औरंगज़ेब के पुत्र आज़म शाह ने अपनी माता के लिए बनाया था। दिलरस बानो बेगम (राबिया-उद-दौरानी) की याद में बनाया यह मकबरा ताज महल के जैसी आकृति के जैसा ही बनवाया गया था। अगर आप भी इस बीबी के मकबरे की जानकारी पाना चाहते है, bibika makbara के इतिहास जानना चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा पढियेगा जरूर।
Table of Contents
Bibi Ka Maqbara History In Hindi –
मकबरे का नाम | बीबी का मकबरा (Tomb of Rabia-ud-Daurani) |
स्थान | औरंगाबाद |
राज्य | महाराट्र |
निर्माता | मुहम्मद आजमशाह |
निर्माणकाल | 1651 से 1661 |
मकबरा किसकी याद में बनवया था | रबिया-उल-दौरानी उर्फ दिलरास बानो बेगम |
निर्माण खर्च | उस समय के 7 लाख |
मकबरे के वास्तुकार | अत्ता-उल-अल्ला |
मकबरे के अन्य नाम | बीबी का मकबरा, भारत का दूसरा ताज महल, बीबी का मकबरा, बीबी का मक्बार, टॉम्ब ऑफ़ द लेडी |
Bibi Ka Maqbara Information In Hindi –
बीबी का मकबरा महाराट्र में स्थित औरंगाबाद का ताजमहल (aurangabad taj mahal) कहा जाता है। या फिर भारत का दूसरा ताजमहल के नाम से पहचाना जाता है। यह मकबरा मुग़ल सम्राट शाहजहाँ के पोते और ओरंगजेब के बेटे मुहम्मद आजमशाह ने अपनी प्रिय माँ रबिया-उल-दौरानी उर्फ दिलरास बानो बेगम की याद में बनवाया था। बीबी का मकबरे का निर्माण आग्रा के ताजमहल जो दुनिया की सात अजायबी के सामने रखकर इसके अनुसार इस मकबरे का निर्माण करवाया था।
bibika makbara 1651 से 1661 के मध्य में निर्माणित मुग़ल सम्राट अकबर और शाहजहा के शासनकाल में शाही मुग़ल वास्तुकला के अंतिम मुग़लो के साधारण में हुवे बदलाव को दर्शित करता है।बीबी का maqbara ओरंगजेब के शासनकाल की सबसे आकर्षित और सुन्दर ऐतिहासिक स्मारक मानी जाती है। Chand Bibi ka maqbara architecture बताये तो प्रमुख द्वार पर बनी हुई विशाल समाधी अन्य आकर्षण स्मारकों में से एक है। bibika makbara को प्रसिद्ध वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहोरी के बेटे अत्ता-उल-अल्ला के द्वारा बनवाया गया था। इस वास्तुकार ने दुनियाकी भव्य स्मारक ताजमहल को भी डिजाइन किया था।

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Bibi Ka Maqbara का इतिहास –
Bibi Ka Maqbara was built by शाहजहा का पुत्र और मुग़ल सम्राट औरंगजेब की प्रथम और सबसे प्रिय पत्नी थी। औरंगजेब और दिलरास बानो बेगम की पांच संताने थी उन मे से मोहम्मद आजम शाह ऐसी संतान थी की दिलरास बानो बेगम उनसे बहोत ज्यादा प्यार करता है। ई.स 1657 में बहुत ज्यादा बुखार होने के कारण दिलरास बानो बेगम का अवसान हो गया था। उनके बाद मोहम्मद आजम शाह ने अपने दादा की तरह अपनी प्रिय माँ दिलरास बानो बेगम की याद में एक यादगार के लिए ऐसी ईमारत बनाने का फैसला लिया।
mini taj mahal aurangabad का निर्माण करने का फैसला किया। आजमशाह ने इस मकबरे को उनके दादा ने उनकी प्रिय पत्नी मुमताज की याद में बनवाया difference between bibi ka maqbara and taj mahal की तरह बनाना चाहता था। इस मकबरे के निर्माण के बाद इस मकबरे को भारत का दूसरा ताज महल, बीबी का मकबरा , और टॉम्ब ऑफ़ द लेडी के नाम से पहचाना गया। लेकिन bibi ka maqbara vs taj mahal की बात करे तो दिखने बिलकुल ताज की तरह ही दिखाई देता है। bibi ka maqbara architecture
Bibi Ka Maqbara का निर्माण खर्च –
मुग़ल वंश के सम्राट आजमशाह ने उनके दादा शाहजहां से प्रेरित होकर बीबी के मकबरे को बनवाया गया था। इस बीबी के मकबरे के निर्माण में करीबन उस समय के 7 लाख की राशि खर्च हुवा था। ऐसा कहा जाता है की शाही खजाने और कुशल मजदूरो की कमी के कारण मूल स्मारक की एक खराब यानि की अधूरा निर्माण के रूप में जाना जाता है। क्योकि बीबी के मकबरे के लिए कई इतिहास के मतानुसार यह भी कहा जाता है की यह Bibi ka makbra स्मारक के निर्माण में मुग़ल सम्राट ओरंगजेब की कोई खास रूचि नहीं थी। यहाँ तक कहा जाता था है की यह मकबरे के निर्माण में शाही खजाने का ज्यादा धन का खर्च न हो।
इस कारण महाराट्र के बिबिका मकबरा औरंगाबाद को गरीबो का ताजमहल के नाम से भी पहचाना जाता है। इसके स्थान पर आग्रा के ताजमहल को सम्पूर्ण बनावट और अच्छी क्वॉलिटी के सफ़ेद संगेमरमर के पथ्थरो से बनवाया गया है। यह मकबरा ओरंगजेब के बेटे द्वारा निर्माणित यह बीबी का मकबरा के निर्माण में सिर्फ मकबरे का सिर्फ गुम्बज ही संगेमरमर से बनवाया गया है। परन्तु बाकि का हिस्सा प्लास्टर से तैयार किया गया है क्योकि यह दिखने में संगेमरमर से बना हुवा देख सकते है।

बीबी का मकबरे की संरचना –
Bibi ka maqbara kisne banwaya महाराट्र के औरंगाबाद में मौजूद दख्खन का ताज के नाम से पहचाना जाने वाला बीबी का मकबरा दुनिया की आकर्षित इमारतों में से एक है। मकबरे को ताजमहल की मुग़ल कालीन वास्तुशैली की प्रतिकृति दिखाई देती है। मकबरा एकबहोत विशाल और भव्य चारदीवारी के मद्यम में मौजूद है। जो उत्तर-दक्षिण में 458 मीटर और पूर्व-पश्चिम में 275 मीटर अंतर में बना है।
मकबरे bibi hindi में आपको बताये की फारसी वास्तुशैली में निर्माणित फूलों के गार्डन मकबरे सुंदरता को चार चांद लगा देते हैं। इसके अलावा बनाये गए चतुर्भुज आकार में निर्माणित उद्यान चार विभाग में बना है। तालाब, फव्वारे और झरनो का भी निर्माण किया गया है। मुग़ल कालीन बने मकबरे की चारो और की दीवारों पर नुकीले भालदार कांटे लगवाए गए थे।
यह bibi ka mahal वर्गाकार प्लेटफॉर्म पर स्थित एक विशाल ताजमहल की तरह उनके चारोओर मीनारों के बिच में खड़ा है। बीबी का मकरबा के अंदर तीन तरफ सीढ़ियों की मदद से जा सकता है। मकबरे के मेन गेट के मार्ग में गार्डन के चारोओर कई सारे पानी के फुव्वारे बनाये है। वह पानी के फुवारे मकबरे की सुंदरता को और भी ज्यादा सुन्दर और आकर्षित बनाता है।
taj mahal in aurangabad की ईमारत के ऊपर एक गुम्मद बनवाया गया है वह गुम्मद संगेमरमर के पथ्थरो से बनवाया गया है। और इस मकबरे का बचा हुवा हिस्सा अच्छी क्वॉलिटी के प्लास्टर से बनवाया गया है लेकिन वह प्लास्टर संगेमरमर के पथ्थरो से निर्मित हो ऐसा लगता है।
वास्तुकला –
bibi ka makbara की ईमारत की बनावट में जो पथ्थरो का इस्तेमाल किया जाता था वह पथ्थर जयपुर की खदानों में से लाया गया था। परन्तु यह मकबरा बादशाह आजमशाह अपने दादा ध्वारा निर्मित ताजमहल से भी बहोत विशाल बनाना चाहता था। यह मकबरा बहोत विशाल बनाना चाहता था लेकिन औरंगजेब के शाही खजाने से मिला हुवा मामूली खर्च से यह संभव नहीं था। इस कारण इस मकबरे को गरीबो का ताज कहा जाता है।बीबी के मकबरे में दक्षिण दिशा में मौजूद एक लकड़ी का ध्वार बनवाया गया था। इस ध्वार के माद्यम से इस मकबरे के अंदर जाने के लिए इस द्वार के बाहरी हिस्से में पीतल की प्लेट पर बेल और बुटे की बहोत सुन्दर डिजाइन बनाई गई है।
इस दरवाजे के अंदर प्रवेश करने के बाद एक छोटा और सुन्दर कुंड बनवाया गया है। bi bi ka makbara में पश्चिम की दिशा की तरफ एक मज्जिद निर्माण किया हुवा है। जिसका निर्माण हैदराबाद के निजाम ने करवाया था। इस निर्माण के कारण प्रवेश मार्ग बंध हो चूका है। मुग़ल सम्राट आजमशाह की माँ उनका नाम रबिया-उल-दौरानी के अवशेस काफी सुन्दर तरीके से इसका डिजाइन किया गया है इसके संगमरमर कक्ष के अंदर रखा गया है। इस स्थान पर सीढ़ियों की मदद से उतरकर हम पहुँच सकते है।

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बीबी के मकबरे का प्रवेश शुल्क –
मिनी ताजमहल औरंगाबाद प्रवेश शुल्क में भारतीयो के लिए प्रतिव्यक्ति रु10 होता है।
और विदेशी पर्यटकों के लिए रु 250 का प्रवेश शुल्क अदा करना पड़ता है।
Bibi ka Maqbara Timings –
- बीबी का मकबरा घूमने जाने का अच्छा समय बताये तो ,
- बीबी का मकबरा गर्मी समय में घूमने न जाये।
- गर्मियों के मौसम में वहां का वातावरण बेहद गर्म होने के कारण घूमने में बहोत दिक्कत होती है।
- यहा घूमने जाने का अच्छा समय सर्दियों में सबसे बेस्ट रहता है।
- सर्दियोमे वह का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस का रहता है।
- वहा जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का रहता है।
- यह स्मारक को देखने के लिए बड़ी भारी संख्या में यहाँ पर्यटक देखने आते है।
बीबी के मकबरे के नजदीकी होटल्स –
- मीडोज होटल
- अमरप्रीत होटल
- कैलास होटल
- चाइना टाउन
- फ़ूड लवर्स
- स्वाद
- तंदूर रेस्टोरेंट एंड बार
बीबी के मकबरे के नजदीकी पर्यटक स्थल –

बीबी के मकबरे के नजदीक कई सारे पर्यटक स्थल है और औरंगाबाद में भी कई मशहूर स्थल है।
- ग्रिशनेश्वर मंदिर
- दौलताबाद किला
- औरंगाबाद गुफाएं
- सिद्धार्थ गार्डन
- गुल मंडी
- बानी बेगम गार्डन
- हिस्टोरिकल प्लेस खुल्दाबाद
- कैलाशनाथ मंदिर
- सलीम अली झील
- भद्रा मारुति मंदिर
- औरंगजेब का मकबरा
- जैन मंदिर
- म्हैस्मल हिल स्टेशन
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अजंता :
अजंता गुफाएँ महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित तकरीबन 29 चट्टानों को काटकर बना बौद्ध स्मारक गुफाएँ जो द्वितीय शताब्दी ई.पू के हैं। यहाँ बौद्ध धर्म से सम्बन्धित चित्रण एवम् शिल्पकारी के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं। इनके साथ ही सजीव चित्रण भी मिलते हैं। यह गुफाएँ अजंता नामक गाँव के सन्निकट ही स्थित है, जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है। अजंता की गुफाएँ सन् 1983में युनेस्को मेंविश्व धरोहर स्थल घोषित था।
आपको जानकर हैरानी होगी कि अजंता एक दो नहीं बल्कि पूरे 30 गुफाओं का समूह है जिसे घोड़े की नाल के आकार में पहाड़ों को काटकर बनाया गया है और इसके सामने से बहती है एक संकरी सी नदी जिसका नाम वाघोरा है। पास ही मौजूद गांव अजंता के नाम पर इन गुफाओं का नाम पड़ा। इन गुफाओं में भगवान बुद्ध की कई प्रतिमाओं के साथ ही दीवार पर बौद्ध धर्म से जुड़ी कई पेंटिग्स भी बनाई गई हैं। साथ ही इसमें भगवान बुद्ध के पिछले जन्मों के बारे में भी बताया गया है।
इलोरा :
जब भी कभी भारत के अतुल्य और अद्भुत वास्तुकला संबंधी स्थलों की बात आती है।
तो उन में कैलाश गुफा अर्थात एलोरा गुफाओं की गुफा क्रमांक 16 का उल्लेख अवश्य आता है।
महाराष्ट्र में बसे पर्यटन स्थलों में से औरंगाबाद की अजंता और
एलोरा गुफाये वास्तव में एक दर्शनीय धरोहर का स्थल है।
इन गुफाओं से संबंधित सभी तकनीकी और ऐतिहासिक विवरणों को जानने का सबसे अच्छा माध्यम है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की वेबसाइट।इस यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की
विस्तृत जानकारी प्राप्त करने का यह सबसे विश्वसनीय स्त्रोत है।

बीबी का मकबरा कैसे पहुंचे –
यह बीबी का मकबरा महाराट्र में स्थित ओरंगाबाद में मौजूद घूमने
जाने के लिए आप के लिए कई सारे विकल्प है।
यह स्मारक तक आप हवाई मार्ग, ट्रेन मार्ग, और सड़क मार्ग के माध्यम से आप पहुँच सकते है।
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बीबी का मकबरा हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे :
अगर आप बीबी का मकबरा हवाई जहाज द्वारा जाना चाहते है।
तो आपको बता दे की औरंगाबाद का हवाई अड्डा देश के मुख्य अनेक शहरो से जुड़ा हुवा है।
बीबी का मकबरा औरंगाबाद के हवाई अड्डे से करीबन 11 कि.मी की दुरी पर मौजूद है।
आप औरंगाबाद के हवाई अड्डे से आप प्राइवेट टेक्सी या
कैब का इस्तेमाल करके आप बीबी के मकबरे तक पहुँच सकते है।
बीबी का मकबरा ट्रेन मार्ग से कैसे पहुंचे :
अगर आप औरंगाबाद ताजमहल बीबी का मकबरा ट्रेन ध्वारा पहुँचना चाहते है तो ओरंगाबाद रेल्वे स्टेशन से मकबरा की दुरी करीबन 12 कि.मी है। आप रेल्वे स्टेशन से आप प्राइवेट टेक्सी या कैब का इस्तेमाल करके आप बीबी के मकबरे तक पहुँच सकते है।
बीबी का मकबरा सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे :
औरंगाबाद बीबी का मकबरा घूमने के लिए आप सड़क मार्ग का भी विकल्प चुन सकते है। औरंगाबाद शहर से सड़क मार्ग अन्य बड़े शहरो से जुड़े हुवे है इस कारण औरंगाबाद बस स्टेण्ड से आप प्राइवेट टेक्सी या कैब के इस्तेमाल करके आप बीबी के मकबरे तक पहुँच सकते है।
Bibi Ka Maqbara Aurangabad, Maharashtra Map –
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Bibi ka Maqbara Video –
FAQ –
1. बीबी का मकबरा कहा स्थित है ?
Bibi ka maqbara in hindi मे आपको बतादे की महाराट्र के औरंगाबाद शहर में मौजूद है।
यह मकबरा औरंगाबाद शहर से करीबन पांच किमी दूर स्थित है।
2. बीबी का मकबरे का निर्माण किसने करवाया था ?
bibi ka maqbara aurangabad मुग़ल सम्राट शाहजहाँ के पोते
और ओरंगजेब के बेटे मुहम्मद आजमशाह ने निर्माण करवाया था।
3. बीबी का मकबरे का निर्माण कब करवाया था ?
बीबी का मकबरे का निर्माण ई.स 1651 से 1661 के मध्य में करवाया था।
4. बीबी का मकबरे का निर्माण किसकी याद में करवाया गया था ?
मुहम्मद आजमशाह ने अपनी प्रिय माँ रबिया-उल-दौरानी उर्फ दिलरास बानो बेगम की याद में बनवाया था।
5. बीबी का मकबरा कौनसे नामो से पहचाना जाता है ?
बीबी का मकबरा भारत का दूसरा ताज महल , बीबी का मकबरा ,
और टॉम्ब ऑफ़ द लेडी यह प्रसिद्ध नामो से पहचाना जाता है।
6. बीबी के मकबरे के निर्माण में कितना खर्च हुआ था ?
Bibi ka makabara के निर्माण में उस समय में करीबन 7 लाख रुपये का खर्च हुवा था।
7. बीबी के मकबरे का वास्तुकार कौनसा था ?
बीबी के मकबरे के निर्माण के वास्तुकार अत्ता-उल-अल्ला के देखरेख
के निचे इस मकबरे का निर्माण करवाया गया था।
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Conclusion –
दोस्तों उम्मीद करता हु आपको मेरा ये लेख Bibi Ka Maqbara History in hindi के बारे में पूरी तरह से समज आ गया होगा। इस लेख के द्वारा हमने bibika makbara के बारे में जानकारी दी अगर आपको इस तरह के अन्य ऐतिहासिक स्थल और प्राचीन स्मारकों की जानकरी पाना चाहते है तो आप हमें कमेंट करे। आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा बताइयेगा और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे। धन्यवाद।