नमस्कार दोस्तों Bhimashankar Temple In Hindi में आपका स्वागत है। सह्याद्री रेंज के घाटी क्षेत्र में भोरगिरी गाँव में स्थित आकर्षित पर्यटन स्थल भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का इतिहास और भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा की जानकारी बताने वाले है। वह पुणे शहर से 100 और मुंबई शहर से 223 किमी दूर स्थित एक लोकप्रिय मंदिर है। यह भारत के बारह पारंपरिक ‘ज्योतिलिंगम’ मंदिरों में से एक है। और भगवान शिव जी को समर्पित है। भीमाशंकर सह्याद्री श्रेणी के भोरगिरी गाँव में स्थित है।
मंदिर 3,250 फीट की ऊंचाई पर स्थित भीमाशंकर पहाड़ियों से घिरा हुआ घने हरे वर्षावनों से आच्छादित है। किंवदंती है कि भीमाशंकर नाम की उत्पत्ति भीम नदी से हुई थी जो भगवान शिव और राक्षस त्रिपुरासुर के युद्ध के कारण उत्पन्न हुई थी। ज्योतिर्लिंग की वजह से भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। भीमाशंकर ट्रेकर्स के लिए भी एक लोकप्रिय गंतव्य माना जाता है। भीमाशंकर वन्यजीव अभयारण्य एक और महत्वपूर्ण कारण है कि लोग यहां देखने और दर्शन के लिए आते हैं।
Table of Contents
Bhimashankar Temple History In Hindi
भीमशंकर मंदिर का इतिहास देखे तो मूल गर्भगृह का इतिहास 13वीं शताब्दी का देखने को मिलता है। विभिन्न समय अवधि के समय में परिसर में जीर्णोद्धार किया गया है। कुछ मान्यताओं के मुताबिक 13वीं शताब्दी में भतीराव लखधारा नामक लकड़हारे ने यह ज्योतिर्लिंग की खोज की थी। उस की कुल्हाड़ी जब पेड़ से टकराई तो जमीन से खून बहने लगा था। स्थानीय लोगो ने उस पेड़ को दूध चढ़ाया तो उस से खून बहना बंद हो गया था।
उसके गांव के लोगों ने वह स्थान पर एक मंदिर का निर्माण करवाया था। और उसका नाम भीमाशंकर मंदिर रखा था। छत्रपति शिवाजी, पेशवा बालाजी विश्वनाथ और रघुनाथ पेशवा जैसी अनेक बड़ी हस्तियों ने मंदिर का दौरा किया था। उन्होंने सिर्फ दौरा ही नहीं लेकिन पूजा और जीर्णोद्धार भी करवाया था। पेशवाओं के दीवान नाना फडणवीस ने भीमाशंकर मंदिर के शिखर का निर्माण कराया था।

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Best Time To Visit Bhimashankar Jyotirlinga
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन करने का सबसे अच्छा समय – भीमाशंकर की यात्रा के लिए नवंबर से फरवरी का महीना सबसे अच्छे हैं। मगर मंदिर दर्शन के लिए साल में कभी भी जा सकते है। अगर आप पहली बार पर्वतारोही यानि ट्रेकिंग करना चाहते है। तो ट्रेकर्स को सर्दियों के समय यहां जाना चाहिए। क्योंकि ढलानों के फिसलन होने के कारण मानसून के समय चढ़ाई कठिन हो सकती है। मगर अनुभवी ट्रेकर्स मानसून में उसको चुनौतीपूर्ण प्रकृति और सर्द मौसम के कारण ट्रेकिंग को सुखद मानते है।
Places To Visit Near Bhimashankar Temple
- भीमाशंकर वन्यजीव अभयारण्य (Bhimashankar Wildlife Sanctuary)
- भीमाशंकर में ट्रेकिंग (Trekking In Bhimashankar)
- हनुमान झील (Hanuman Lake)
- अहुपे वॉटरफॉल भीमाशंकर (Ahupe Waterfall)
- गुप्त भीमाशंकर मंदिर (Gupt Bhimashankar Temple)
- सह्याद्री वन्यजीव अभयारण्य (Sahyadri Wildlife Sanctuary)
- शिवनेरी किला पुणे (Shivneri Fort Pune)
- आगा खान पैलेस पुणे (Aga Khan Palace)
- पार्वती हिल पुणे (Parvati Hill)
- राजगढ़ का किला (Rajgad Fort)
- द एम्प्रेस गार्डन (The Empress Garden)
- पेशवा उद्यान चिड़ियाघर पुणे (Peshwa Udyan Zoo)
- लाल महल पुणे (Lal Mahal)
- सिंहगढ़ किला पुणे (Sinhagad Fort)
- पश्चिमी घाट पुणे (Western Ghats Pune)

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Bhimashankar Temple Architecture
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की संरचना देखे तो भीमाशंकर मंदिर में खूबसूरत नगाड़ा शैली की वास्तुकला देखने को मिलती हैं। उसकी निर्माण शैली नई और पुरानी दोनों का मिश्रण हैं। भीमाशंकर की संरचना प्राचीन विश्वकर्मा मूर्तिकारों से की गई उच्च कोटि कलाकृतिया दिखाई देती हैं। मंदिर के सामने खूबसूरत घंटी लगी दिखाई देती हैं। वह घंटी में जीसस के साथ मदर मैरी की मूर्ति देखने को मिलती है। हिन्दू धर्म के पर्यटक दूर-दूर से भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने सफ़र करते हैं। मंदिर के पास में हनुमान झील, गुप्त भीमशंकर, भीमा नदी, नागफनी और बॉम्बे प्वाइंट है।
Bhimashankar Jyotirlinga Story
हमारे हिन्दू धर्म के शिव पुराण में मंदिर का उल्लेख देखने को मिलता है। यहाँ प्राचीनकाल में एक भीम नाम का राक्षश हुआ करता था। वह रावण के छोटे भाई कुंभकर्ण का पुत्र था। उसका जन्म कुंभकर्ण की मृ्त्यु के बाद हुआ था। उसके पिता को भगवान श्री राम ने मार दिया था | उसके बाद भीम बहुत क्रोधित हुआ और श्री राम का वध करने के ब्रह्मा जी की एक हजार साल तक कठोर तपस्या की थी। उससे प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी विजयी होने का वरदान दिया था। वरदान मिलते ही मनुष्यों के साथ उसने देवी-देवताओ पर अत्याचार शुरू कर दिया था।
राक्षस से परेशान होकर सभी देवताओ ने भगवान शिव की शरण ली थी। उन्होंने कहा की प्रभु हमारी रक्षा करो हमे उस दानव से बचाओ। उसके बाद भगवान शिव शंकर ने वह दुष्ट राक्षस राज को भस्म कर दिया था। उसके बाद भगवान शिव शंकर से सभी देवो ने विनम्रता से कहा की वह स्थान को पवित्र बनाने के लिए वे उसी स्थान पर शिवलिंग रूप में विराजमान हो जाए उसके बाद आज तक भगवान शिव शंकर भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के रूप में यहां विराजमान हुए हैं।

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भीमाशंकर का यात्रा कार्यक्रम
- पहले दिन – सुबह भीमाशंकर पहुंच नाश्ता करके कुछ देर आराम करें।
- उसके बाद आप भीमाशंकर वन्यजीव अभयारण्य की ओर जा सकते हैं।
- वहां की वनस्पतियों और जीवों की विस्तृत श्रृंखला का आनंद लें।
- दोपहर का भोजन करें और फिर हनुमान झील की यात्रा कर सकते हैं।
- वह परिवारों के लिए एक आदर्श पिकनिक स्थल और शाम वहीं बिता सकते हैं।
- दूसरे दिन – भीमाशंकर मंदिर जाकर ट्रैफिक की परेशानी और भीड़ से बचने के लिए दर्शन कर जल्दी बाहर निकले।
- वहां 1 से 2 घंटे बिताने के बाद यात्री लंच करने के लिए वापस होटल आ सकते हैं।
- उसके बाद थोड़ी देर आराम करें और फिर यात्रा के सबसे रोमांचक हिस्से- ट्रेकिंग के लिए निकल जाएं।
- ट्रेकिंग के दौरान आपको भीमाशंकर की प्राकृतिक और जबरदस्त खूबसूरती देख सकते है।
Exciting Trekking Options
भीमाशंकर मंदिर 3,250 फीट की ऊंचाई पर स्थित हरे-भरे जंगल, पहाड़ और खड़ी ढलानें से ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। ट्रेकर्स के बीच प्रसिद्ध भीमाशंकर मंदिर तक पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं। दोनों की शुरुआत खांडस के बेस गांव से होती है। खांडस पहुंचने के लिए पर्यटक को सबसे पहले कर्जत स्टेशन के लिए एक ट्रेन में सवार होना होता है। वह खांडस से 40 किमी दूर स्थित है। उसके अलावा स्टेशन से यात्री बसों या टमटम से आसानी से गांव पहुंच सकते हैं।
वहाँ जाने दो ट्रेकिंग मार्ग गणेश घाट और शिरडी मार्ग हैं। पहला लंबा मगर बहुत आसान है। अगर आप नए हैं तो आप जा सकते हैं। उस मार्ग में छह घंटे लगते हैं। आप बीच में एक गणेश मंदिर से भी गुजरेंगे। दूसरा रास्ता छोटा मगर आसान नहीं है। वह ढलान खड़ी और उसलिए आपको कई जगह सीढ़ी का प्रयोग करना है। वह रास्ते में तीन से चार घंटे का समय लगता है। अगर आप ट्रेकिंग के प्रशंसक हैं। तो रोमांचकारी अनुभव लेने के लिए भीमाशंकर की यात्रा जरूर करें।

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Restaurants and Local Food in Bhimashankar Temple
भीमाशंकर मंदिर के स्थानीय व्यंजनों में दक्षिण और उत्तर भारतीय व्यंजनों के मिश्रण के साथ महाराष्ट्रीयन भोजन का बोलबाला है। यह स्थल करी और फ्राइज़ के मसालेदार भोजन के लिए जाना जाता है। उसके साथ साथ मिसल, आलू, मटर और अन्य स्प्राउट्स की मसालेदार ग्रेवी मुंह में पानी लाती है। यहां पर चावल, दाल, चपाती और सब्जी रोजमर्रा का भोजन है।
Where To Stay Near Bhimashankar Jyotirlinga Temple
- रेडिसन ब्लू रिज़ॉर्ट और स्पा कर्जत
- ग्रीन हिल रिज़ॉर्ट
- स्पार्ट रिज़ॉर्ट और चेलेट
- डॉ मोदी का रिज़ॉर्ट
- होटल वुडलैंड्स माथेरान
How To Reach Bhimashankar Jyotirlinga Temple
भीमाशंकर सड़कों के माध्यम से कई शहरों से जुड़ा हुआ है। इस मार्ग पर नियमित बस सेवाएं और टैक्सियां चलती हैं। निकटतम हवाई अड्डा पुणे हवाई अड्डा है। यह अच्छी तरह से बनाया गया है और भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। निकटतम रेलवे स्टेशन कर्जत स्टेशन है। स्टेशन और भीमाशंकर के बीच की दूरी 168 किमी है। इसलिए पहुंचने में दो घंटे लगते हैं। मुंबई, पुणे और कर्जत से राज्य परिवहन की बसें भीमाशंकर की ओर जाती हैं। यहां रिक्शा भी उपलब्ध हैं। कर्जत से एक छह सीटर रिक्शा भी उपलब्ध है।
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Bhimashankar Temple Map भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का लोकेशन
Bhimashankar Temple Information In Hindi Video
Interesting Facts
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर घूमने फ्लाइट, ट्रेन तथा बस से जा सकते है।
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की यात्रा का अच्छा समय नवम्वर से फरवरी का होता है।
- पुणे के पास स्थित भीमाशंकर में देखने के लिए पहाड़, घने जंगल, लुभावनी घाटियां और फूलों की श्रृंखला है।
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की उत्त्पति भगवान शिव और दानव त्रिपुरासुर के युद्ध से हुई थी।
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर पर्यटकों के लिए प्रातः 5 बजे से रात्रि के 9:30 तक खुला रहता हैं।
- यहाँ सह्याद्रि पहाड़ियों पर सिंहगढ़ किले की यात्रा आपके लिए यादगार साबित हो सकता हैं।
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पवित्र तीर्थ स्थान है।
FAQ
Ganpati Ghat Walkway, Tungi, Maharashtra 410201
महाराष्ट्र राज्य में तीन ज्योतिर्लिंग हैं।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर फ्लाइट, ट्रेन और बस से जा सकते है।
भीमशंकर(bhimshankar)
श्रीशैलम भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य के कर्नूल ज़िले में स्थित है।
भारत में भगवान शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंग बने हुए है।
भीमाशंकर महाराष्ट्र राज्य के भीतर स्थित बारह पवित्र ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक के लिए प्रसिद्ध है।
भीमाशंकर मंदिर में आपको लगभग 230 सीढ़ियाँ चलना है।
Conclusion
आपको मेरा लेख Bhimashankar Temple History In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये Bhimashankar Temple timings, Bhimashankar ka itihas
और Bhimashankar Temple official website से सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है।
अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है।
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