Bekal Fort Kerala History In Hindi

Bekal Fort Kerala History In Hindi Kerala | बेकल क़िले का इतिहास

नमस्कार दोस्तों Bekal Fort Kerala में कासरगोड जिले के नजदीकी बेकल नाम के गांव में स्थित केरल का सबसे बड़ा, मुख्य और प्राचीन स्थानों मे से एक 160,000 मीटर (40 एकड़) में फैला है। बेकल किले का निर्मणा बेदनूर के राजा शिवप्पा नायक ने 1650 ईस्वी में करवाया था। फोर्ट में विशालकाय होल और समुद्र का शानदार दृश्य के कारन बहुत प्रसिद्ध है। Bekal Kila (बेक्कल किला) चिरक्कल राजाओं के साम्राज्य में अस्तित्व में आया था। 

Bekal kerala किला एक तटीय किले से भी पहचाना जाता है यह किला पल्लीक्करे गांव के अरब सागर के Bekal fort beach के तट पर जमीन पर मौजूद कासगोड़ा के दक्षिण-पूर्व में करीबन 16 कि.मी की दुरी पर मौजूद है। बेकल किला आकर्षक और सुरक्षित किलो में स्थान मिला है। इस किले का निर्माणकर्ता राजा शिवप्पा ने बनवाया था। अगर आप भी इस Kerala bekal fort history (बेकल किला केरल का इतिहास) के बारे में जानना चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा पढियेगा। 

Bekal Fort Kerala History In Hindi Kerala –

पर्यटक स्थान का प्रकार  किला (फोर्ट)
स्थान (Bekal fort in which district) कासरगोड जिला, केरल, भारत
वास्तुकला का प्रकार  प्राचीन हिन्दू कला
निर्माता  शिवप्पा नायक
निर्माण समय  1650 ईस्वी

बेकल kerala fort का एक लम्बा इतिहास कई सालो से सतत चलता आया है। बेकल किला कर्नाटक क्षेत्र के नजदीकी और बेकल क्षेत्र के नजदीकी होने के कारण विजय नगर के शासन काल के समय से इस किले का महत्व ज्यादा है। इतिहासकारो के मतानुसार यह किला चिरक्कल राजाओंके शासन काल के समय में अस्तित्व में आया था। बेकल किले का निर्माणकर्ता शिवप्पा नाम के राजाने बनवाया था।

कई इतिहासकारो के मतानुसार कहा जाता है की यह किला चंद्रगिरि चिराक्कल राजाओंके थे।परन्तु शिवप्पा नायक ने इस पर कब्ज़ा करके इस किले का ई.स 1650 से 1660 के बिच इस किले का पुनः निर्माण करवाया था। ई.स 1776 में बेकल किला हैदर अली के कब्जे में आ गया था। जब टीपू सुल्तान ने मालाबार पर कब्ज़ा करने लिए हमला किया था तब यह किला टीपू सुल्तान की सेना के पड़ाव के स्थान पर महत्वपूर्ण भाग निभाया था।

इसके बारेमे भी पढ़िए – Guruvayur Temple Kerala History In Hindi

बेकल किला का इतिहास –

ई.स 1799 के समय में टीपू सुल्तान अंग्रेजो के सामने विद्रोह किया था और अंग्रेजो के सामने युद्ध करते वीरगति को प्राप्त हो गए इसके बाद यह किला अंग्रेजो के कब्जे में चला गया। बेकल किला अंग्रेजो के कब्जे में जाने के बाद धीरे धीरे इसका राजनीतिक और आर्थिक महत्व समाप्त होता गया। इसके बाद जब भारत स्वतंत्र होने के बाद जब राज्यों का पुनः गठन किया तब केरल के कासरगोड जिले का बेकल गांव का एक हिस्सा बन गया। 

वर्तमान समय में बेकल किले का उत्खनन करने से इक्केरी के महाराज और टीपू सुल्तान के लेटराइट पथ्थर से बनाये गए कई अनेक प्रकार के धर्मनिरपेक्ष और कई धार्मिक ढांचे मिले है।इस उत्खनन में कई अन्य सारी महत्वपूर्ण स्मारक , महत्वपूर्ण खोज में टकसाल और मध्ययुगीन महल और महल परिसर भी मौजूद है।

इसके अलावा दरबार हॉल और मंदिर परिसर के विशेष अवशेस भी उत्खनन  दौरान गए है। उत्खनन दौरान कई सारे किले में से सिक्के मिले हुवे है इन सिक्को में हैदर अली , टीपू सुल्तान , और मैसूर के वाडियार से सबंधित मालूम होते है।  इसके अलावा टीपू सुल्तान के तांबे के सिक्के भी मिले है।

बेकल किला
बेकल किला

Bekal Fort Kerala वास्तुकल –

बेकल cila kerala का क्षेत्र 40 एकड़ में फैला हुवा है। बेकल किले की दीवारे करीबन 12 मीटर ऊँची है। बेकल किला दक्षिण की और एक खाड़ी में bekal fort beach डूब जाता है। बेकल किले का निर्माण इस तरह किया गया है की इस किले का पूरा विस्तार का परिदृश्य नजर आता है। इसके अलावा लेटराइटशैल संस्तर का भी किले को सख्त और मजबूत बनाने के लिए बहोत अच्छी तरह से इस्तेमाल किया गया है।  

बेकल किला एक बड़ा किला है जिसकी bekal fort beach की तरफ प्राचीन और ऊपर के परकोटे बहोत मजबूत है। इस किले के बिच बिच के बुर्जो में तोपों को रखने वाले स्थान भी है। बेकलकिले का का पूर्व तरफ किले का मुख्य द्वार है। यह मुख्य द्वार को बुर्जो को सुरक्षित किया गया है। किले के धरती के हिस्से की तरफ खाई है। इस किले में महत्व विशेषताओमे एक सीढ़ीयोवाला टैंक, दक्षिण की दिशा में खुलती हुई सुरंग है।

इसके अलावा गोला बारूद रखने के लिए बारूदखाने और निगरानी मचान जाने के लिए एक बड़ा चौड़ा मार्ग भी मौजूद है। किले का मचान नजदीकी क्षेत्र को आकर्षक और सुन्दर दिखाई देता है। यह स्थान से नजदीकी सारे जगहें दिखाई देती है। इसके अलावा किले की सुरक्षा को बनाय रखने में सामाजिक महत्व भी है। इस किले की बची हुवी जगहों में इस्तेमाल तोपों को रखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता था।

Bekal Fort
Bekal Fort

Bekal Fort Timings | खुलने और बंध होने का समय

बेकल का किला पर्यटकों को देखने लिए सुबह सूर्यादय से शाम के सूर्यास्त तक सूर्यास्त तक खुला रहता है। 

बेकल किले का प्रवेश शुल्क –

केरल का बेकल किला  गुमने ने फिरने के लिए और प्रवेश के लिए पर्यटकों 100 रु प्रतिव्यक्ति से शुल्क लिया जाता है। लेकिन भारतीय नागरिको के लिए कम शुल्क अदा करना पड़ता है। 

Places to visit near bekal fort –

बेकल किले के नजदीकी पर्यटन स्थल-

  • वैलीपरम्ब बॅकवाटर 
  • बेकल फोर्ट बीच
  • होसदुर्ग बिच

इसके बारेमे भी पढ़िए – Padmanabhaswamy Temple History In Hindi Kerala

Bekal Fort Kerala History
Bekal Fort Kerala History

 पद्मनाभ :

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल की राजधानी में तिरुवनंतपुरम में मौजूद एक प्रमुख धार्मिक मंदिर है। यह मंदिर पर सोने की परत चढ़ाई गई है। आपको बता दे की पद्मनाभ मंदिर 108 दिव्य स्थानों में से एक माना जाता है। पद्मनाभस्वामी मंदिर वैष्णववाद धर्म के पूजा करने का मुख्य स्थान है। पद्मनाभ मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार पद्मनाभ स्वामी की पूजा की जाती है। पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के उन मंदिरो में से एक है जहा पर फ़क्त हिन्दू धर्म लोगो को ही प्रवेश कर सकते है।

पद्मनाभ मंदिर का रहस्य और मंदिर की भव्यता सब लोगो को अपनी और आकर्षित करता है। अगर आप शांति का अनुभव करना चाहते है तो आपको इस पद्मनाभ मंदिर का प्रवास करना चाहिए।  पद्मनाभ मंदिर उसके सख्त नियमो के लिए पहचाना जाता है।पद्मनाभ मंदिर में आनेवाले पर्यटक और भक्तो के लिए एक विशिस्ट प्रकार का ड्रेस पहनना पड़ता है। पद्मनाभ मंदिर के ऐसे नियमो के होते हुवे भी बड़ी भारी संख्या में भक्तो की संख्या दर्शन करने के लिए आते है। 

Hotels Near Bekal Fort – 

  • Bekal Fort Taj Bekal Resort and Spa, Kerala  
  • The Lalit Resort & Spa Bekal
  • Bekal fort resorts
  • ShriGo Bekal Fort Resort & Spa
  • Hotel Bekal Palace
  • Oaks Residency
  • Malabar Ocean Front Resort and Spa
  • Palette – Raj Residency
  • Iman Beach Resort
  • Avisa Beach House
  • The Story Tellers Grove  

इसके बारेमे भी पढ़िए – Bibi Ka Maqbara History In Hindi Maharashtra

बेकल किले तक कैसे पहुंचे –

"<yoastmark

बेकल किला हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे :

How to reach Bekal Fort ? तो आपको बतादे की बेकल को अपना खुद का हवाई अड्डा नहीं है। इसलिए आपको हवाई मार्ग से जाना चाहते है तो आपको मैंगलोर हवाई अड्डे से उड़ान भर सकते है। Mangalore to bekal fort distance काकरागोड़ से करीबन 50 कि.मी की दुरी पर खुद का हवाई अड्डा मौजूद है। इसके निकटतम आंतरराट्रीय हवाई अड्डा कालीकट आंतरराट्रीय हवाई एयरपोर्ट कोझिकोड स्थित है यह कासारगोड से करीबन 200 कि.मी की दुरी पर स्थित है। 

बेकल किला ट्रेन मार्ग से कैसे पहुंचे :

Bekal fort railway station अपना देश के मुख्य शहरो से जुड़ा हुवा है। बेकल के नजदीकी कासरगोड रेल्वे स्टेशन और कान्हांगड रेल्वे स्टेशन मुख्य है। यह रेल्वे स्टेशन करीबन 12 कि.मी दुरी पर स्थित है। इसके अलावा बेकल के नजदीकी कोट्टीकुलम और पल्लीकेरे में मौजूद  रेल्वे स्टेशन स्थित है पर्यटक इस का भी इस्तेमाल कर सकते है। 

बेकल किला सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे :

बेकल के नजदीकी अन्य मुख्य शहरों कोई भी बस मार्ग मौजूद नहीं है। बेकल के निकटतम बस स्टेशन कार्सगॉड  मौजूद है वह करीबन 12 कि.मि की दुरी पर स्थित है।

Bekal Fort Kerala Map –


इसके बारेमे भी पढ़िए – Nagaur Fort History In Hindi Rajasthan

Bekal Fort Video – 

बेकल किले के बारे में Interesting facts –

  • 40 एकड़ जमीन के घेरे में फैला यह केरल का सबसे बड़ा किला है।
  • 2001 में उइरे नाम की एक तेलगु फिल्म के तमिल गीत को बेकल दुर्ग में ही फिल्माया गया था।
  • kerala bekal fort के अंदर एक वॉच टावर है, जिससे सामुंद्र का नजारा बेहद खूबसूरत दिखता है। 
  • वर्ष 1995 ई॰ में बेकल पर्यटन विकास निगम ने किले के कार्यो को बढ़ावा दिया था। 
  • 1992 ई॰ में भारत की पुरातात्विक सर्वेक्षण ने किले को संरक्षित रखने के लिए विशेष पर्यटन क्षेत्र बनाया था। 
  • Bekal fort in hindi में आपको बतादे की किले की छत पर एक विशाल तोप लगी हुई है। 

FAQ –

1. बेकल किला कहा स्थित है ?

बेकल किला केरल के पल्लीक्करे गांव के अरब सागर के Bekal fort beach के तट पर

जमीन पर मौजूद कासगोड़ा के दक्षिण-पूर्व में करीबन 16 कि.मी की दुरी पर मौजूद है। 

2. बेकल किले का निर्माण किसने करवाया था ?

बेकल किले का निर्माणकर्ता शिवप्पा नाम के राजाने बनवाया था।

कई इतिहासकारो के मतानुसार कहा जाता है की यह किला चंद्रगिरि चिराक्कल राजाओंके थे।

परन्तु शिवप्पा नायक ने इस पर कब्ज़ा करके इस किले का पुनः निर्माण करवाया था। 

3. बेकल किले का निर्माण कब करवाया था ?

कई इतिहासकारो के मतानुसार कहा जाता है की यह किला चंद्रगिरि चिराक्कल राजाओंके थे।

परन्तु शिवप्पा नायक ने इस पर कब्ज़ा करके इस किले का ई.स 1650 से

1660 के बिच इस किले का पुनः निर्माण करवाया था। 

4 . बेकल किले से हवाई अड्डा कितनी दुरी पर स्थित है ?

बेकल किले से हवाई मथक काकरागोड़ से करीबन 50 कि.मी की दुरी पर खुद का हवाई अड्डा मौजूद है।

5 . बेकल किले के नजदीकी कौनसा आंतरराट्रीय हवाई अड्डा स्थित है ?

इसके निकटतम आंतरराट्रीय हवाई अड्डा कालीकट आंतरराट्रीय हवाई एयरपोर्ट कोझिकोड स्थित है।

यह कासारगोड से करीबन 200 कि.मी की दुरी पर स्थित है। 

6. बेकल किले के नजदीकी कौनसा रेल्वे जंक्शन है ?

बेकल किले के नजदीकी कासरगोड रेल्वे स्टेशन और कान्हांगड रेल्वे स्टेशन मुख्य है।

यह रेल्वे स्टेशन करीबन 12 कि.मी दुरी पर स्थित है। 

इसके बारेमे भी पढ़िए – Asirgarh Fort History In Hindi Pradesh

Conclusion –

दोस्तों उम्मीद करता हु आपको मेरा ये लेख Bekal fort kerala के बारे में पूरी तरह से समज आ गया होगा। इस लेख के द्वारा हमने History of bekal fort के बारे में और Information about bekal fort की जानकारी दी है। अगर आपको इस तरह के अन्य ऐतिहासिक स्थल और प्राचीन स्मारकों की जानकरी पाना चाहते है तो आप हमें कमेंट करे। आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा बताइयेगा और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे। धन्यवाद।