नमस्कार दोस्तों Badrinath Temple In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम बद्रीनाथ मंदिर का इतिहास और बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन की पूरी जानकारी बताने वाले है। चार धाम और छोटा चार धाम तीर्थ यात्राओं में से एक बद्रीनाथ भगवान विष्णु को समर्पित पवित्र हिन्दू मंदिर है। यह उत्तराखंड के चमोली जिले अलकनंदा नदी के पास गढ़वाल पहाड़ी ट्रैक पर स्थित स्थित है। नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बद्रीनाथ मंदिर शक्तिशाली नीलकंठ पर्वत की पृष्ठभूमि में स्थित है। और आश्चर्यजनक प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर में भगवान विष्णु की एक काले पत्थर की 1 मीटर लंबी की मूर्ति है।
कहानी के मुताबिक 10,279 फीट की ऊंचाई पर स्थित बद्रीनाथ मंदिर को मूल रूप से संत आदि शंकराचार्य ने स्थापित किया था। वह भगवान विष्णु की 8 स्वयंभू क्षेत्रों या स्वयं प्रकट मूर्तियों में से एक है। उसका उल्लेख भारत में भगवान विष्णु को समर्पित 108 दिव्य अंशो में मिलता है। बद्रीनाथ मंदिर साल में नवंबर से अप्रैल तक छह महीने के लिए बंद रहता है। अक्टूबर में मंदिर पूजा के लिए बंद कर दिया जाता है। बंद होने के दिन छह महीने तक चलने के लिए अखंड ज्योति दीपक जलाया जाता है और बद्रीनाथ की छवि को ज्योतिर्मठ के नरसिंह मंदिर में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
Badrinath Temple History In Hindi
आदि शंकराचार्य ने नौवीं शताब्दी में बद्रीनाथ को तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित किया था। उन्होंने अलकनंदा नदी में बद्रीनारायण की छवि की खोज की और तप्त कुंड गर्म झरनों के पास एक गुफा में स्थापित किया था। सोलहवीं शताब्दी में गढ़वाल के राजा ने मूर्ति को वर्तमान मंदिर में स्थानांतरित कर दिया था। समय समय हिमस्खलन के कारण मंदिर में कई बड़े जीर्णोद्धार हुए हैं। सत्रहवीं शताब्दी में गढ़वाल के राजाओं ने मंदिर का विस्तार किया था। 1803 के हिमालयी भूकंप में महत्वपूर्ण क्षति के बाद जयपुर के राजा ने उसका पुनर्निर्माण करवाया था।

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Best Time To Visit Badrinath Temple
बद्रीनाथ मंदिर छह महीने शुरू एव छह महीने शुरू होता है। मई से जून महीने के बीच बद्रीनाथ की यात्रा पर जाना अच्छा है। उसके अलावा पर्यटक सितंबर से अक्टूबर के बीच भी यह मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। बद्रीनाथ घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर और अक्टूबर है। गर्मियों में बद्रीनाथ धाम का तापतान 18 डिग्री रहता है। और मानसून के समय मंदिर बंद रहता है क्योंकि भारी वर्षा के कारण भूस्खलन और सड़क अवरुद्ध होने की बहुत संभावना है।
Tips For Visiting Badrinath Temple
- बद्रीनाथ मंदिर की यात्रा के लिए जरुरी ऊनी कपड़े साथ ले जाएं।
- क्योंकि यहाँ रात के समय तापमान कम हो जाता है।
- बद्रीनाथ में शराब और मांसाहारी भोजन प्रतिबंधित है।
- पर्यटक मंदिर जाने में अपनी दवाएं साथ ले जाएं।
- मंदिर परिसर के अंदर फोटोग्राफी प्रतिबंधित है।
- बद्रीनाथ में हवा में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से चक्कर आना सामान्य बात है।
- तीर्थ यात्रा से पहले चिकित्सक से अपनी जांच जरूर करा लें।
- मंदिर अधिकारियों से बताए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें।
- बद्रीनाथ घूमने का सबसे अच्छा समय मई-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर है।
Badrinath Temple Timings
बद्रीनाथ मंदिर के खुलने और बंद होने का समय – बद्रीनाथ मंदिर खुलने का समय सुबह 4:30 बजे और बंध होने का समय शाम 9:00 बजे तक है। मंदिर दोपहर 1:00 बजे से शाम 4:00 बजे के बीच का बंध रहता है। हम बतादे की नवंबर से अप्रैल तक मौसम की परिस्थितियों के कारन मंदिर बंद रहता है। भक्तों को बद्रीनाथ के दर्शन के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।

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Badrinath Temple Architecture
अलकनंदा नदी के तट पर स्थित बद्रीनाथ मंदिर रंग-बिरंगे मुख्य द्वार से बाहर से आकर्षक लगता है। वह 50 मीटर लंबा सिंहद्वार है। सिंहद्वार के ऊपर एक छोटा गुंबद है। यह मंदिर तीन संरचनाओं में विभाजित है, उसमे गर्भगृह, अनुष्ठान के लिए दर्शन मंडप और भक्तों के लिए सभा मंडप बना हुआ है। गर्भगृह में एक शंक्वाकार आकार की छत है। जो 15 मीटर लंबी सोने की चादरों से ढकी है।
चौड़ी सीढ़िया भक्तों को मुख्य द्वार ले जाती है। मंडप में एक बड़ा खंभों वाला हॉल जिसमें जटिल डिजाइन की दीवारें हैं। मंदिर में 1 मीटर लंबी काले पत्थर की बद्रीनारायण की एक मूर्ति है। उसमें एक शंख और एक चक्र बने है। गर्भगृह में नर नारायण एव लक्ष्मी जी के साथ दूसरे देवताओं के साथ आदि शंकर, वेदांत देसिका और रामानुजाचार्य की मुर्तिया हैं।

Badrinath Temple Pooja Rates
बद्रीनाथ मंदिर पूजा दरें की बात करे तो भक्तों के लिए नियमित दर्शन निःशुल्क है। लेकिन यहाँ विशेष पूजा या अभिषेकम करने के लिए भक्तो को अलग-अलग शुल्क देना होता है।
4:30 अपराह्न से 6:30 पूर्वाह्न
महा अभिषेक एक व्यक्ति का 4300 रुपए
अभिषेक पूजा एक व्यक्ति का 4101 रुपए
6:30 पूर्वाह्न से 12:00 अपराह्न और 3:00 अपराह्न
वेद पथ एक व्यक्ति 2100 रुपए
गीता पथ एक व्यक्ति 2500 रुपए
बद्रीनाथ विशेष पूजा
श्रीमद् भागवत सप्ताह पथ के लीए 35101 रुपए
एक दिन की संपूर्ण पूजा एक व्यक्ति 11700 रुपए
शाम की आरती / अर्चना और पथ (शाम 6:00 से 9 बजे)
स्वर्ण आरती एक व्यक्ति 376 रुपए
विष्णुसहस्रनाम पथ एक व्यक्ति 456 रुपए
कपूर आरती एक व्यक्ति 151 रुपए
शयन आरती एक व्यक्ति 3100 रुपए
दैनिक या आवधिक पूजा / भोग और अखंड ज्योति
अखंड ज्योति वार्षिक 4951 रुपए
समापन दिवस पर घृत कंबल घी 4951 रुपए
समापन दिवस पर दीपक के लिए घी 3511 रुपए
अखंड ज्योति एक दिन 1451 रुपए
विशेष अवसरों पर पूजा
भगवान नर-नारायण जन्मोत्सव 4951 रुपए
श्रावणी अभिषेक 11701 रुपए
श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव 10551 रुपए

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Badrinath Story
बद्रीनाथ की कथा बताये तो मंदिर 8 वीं शताब्दी तक एक बौद्ध मंदिर था। उसके बाद आदि शंकराचार्य ने हिंदू मंदिर में बदल दिया था। एक मान्यता के मुताबिक यह मंदिर की स्थापना 9 वीं शताब्दी में मूल रूप से आदि शंकराचार्य ने की थी। बद्रीनाथ मंदिर से जुड़े कई किस्से हैं। एक कथा के मुताबिक यह जगह पर पहले बद्री यानि बेर के पेड़ हुआ करते थे। उसके कारन यह जगह का नाम बद्रीनाथ पड़ा है। दूसरी कथा के मुताबिक नारद मुनि ने माता लक्ष्मी को भगवान विष्णु के पैर दबाते देखा था।
उस समय नारद मुनि ने भगवान से अपराधबोध महसूस हुआ और वह जगह को छोड़कर हिमालय पर्वत पर तपस्या करने चले गए। वहां हिमवर्षा से विष्णु जी ढंक गए थे। माता लक्ष्मी ने विष्णु को बचाने के लिए बद्री के पेड़ का रूप धारण किया था। तब विष्णु जी ने देखा तो माता ने उसकी रक्षा की थी। और उन्होंने कहा की बद्री के वृक्ष के रूप में मेरी रक्षा की है। उस कारन आज भी यह जगह बद्री के नाथ यानि बद्रीनाथ के नाम से पहचाना जाता है।
Badrinath Dham Yatra
बद्रीनाथ का प्रसिद्ध शहर भारत के चार प्रमुख चार धाम तीर्थ स्थलों के साथ-साथ छोटा चार धाम में से एक है। यह अलकनंदा नदी के तट पर समुद्र तल से तक़रीबन 3,300 मीटर (10827 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह पवित्र शहर का नाम भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ मंदिर के नाम पर रखा गया है। कई हिंदू भक्त यह पवित्र मंदिर के आकर्षण से प्रभावित हैं। क्योंकि यह पारंपरिक गढ़वाली लकड़ी की वास्तुकला को प्रदर्शित करता है। यहाँ हिन्दू धर्म के लोग अपने पापो की मुक्ति के लिए आते है।
तप्त कुंड गर्म चश्मा
आपको बतादे की बद्रीनाथ मंदिर के नीचे तप्त कुंड नाम का गर्म चश्मा से प्रसिद्ध कुंड है। उनके पानी का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। क्योकि उसका पानी सल्फरयुक्त है। मान्यता मुताबिक बद्रीनाथ में दर्शन करने से पहले भक्त चश्मे में स्नान करते है। उसके पानी में स्नान करने से रोग दूर और पापों से मुक्ति मिलती है। उसके पानी का तापमान 55 डिग्री और बाहर का 17 डिग्री रहता है।

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Places Visit Near Badrinath Temple
- नीलकंठ चोटी
- सतोपंथ सरोवर
- तप्त कुंड
- गणेश गुफा
- व्यास गुफा
- भीम पुल
- माढ़ा गांव
- जोशीमठ
- चरणपादुका
- माता मूर्ति मंदिर
- घंटाकर्ण मंदिर
- वासुकी ताल
- वसुंधरा फॉल्स
- लीला ढोंगी
- उर्वशी मंदिर
- पंच शिला
- सरस्वती नदी
Local Food In Badrinath
बद्रीनाथ का स्थानीय भोजन की बात बताए तो व्यंजनों में कोई खास नहीं है। मगर यहां बाहर खाने के विकल्प भी बिल्कुल विस्तृत नहीं हैं। यहाँ स्थानीय खाने के जोड़ और स्टॉल पा सकता है। जो भारतीय भोजन और लोकप्रिय चीनी सामान परोसते हैं। क्योकि यह स्थान हिंदुओं के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखता है। उस कारन यहाँ मांसाहारी भोजन और शराब प्रतिबंधित है।
Stay Near Badrinath Temple
- Uday Palace Joshimath
- NotOnMap — Mountain Studio
- NotOnMap Mountain View Abode
- Ishwari Narayani Hotel
- Magical Mountain Camping and Trekking
- Himalayan High, Auli, By Himalayan Eco Lodges
बद्रीनाथ मंदिर इमेज
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How To Reach Badrinath Temple
ट्रेन से बद्रीनाथ मंदिर कैसे पहुंचे
How To Reach Badrinath Temple By Train – बद्रीनाथ मंदिर कैसे पहुंचे आपको बतादे की बद्रीनाथ का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। वह NH58 में बद्रीनाथ से 295 किमी दूर है। वह नियमित ट्रेनों के माध्यम से भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। ऋषिकेश से बद्रीनाथ मंदिर पहुंचने के लिए पर्यटक बस या टैक्सी को पसंद कर सकते हैं।
सड़क मार्ग से बद्रीनाथ मंदिर कैसे पहुंचे
How To Reach Badrinath Temple By Road – बद्रीनाथ उत्तराखंड के बड़े शहरों से सड़क से जुड़ा हुआ है। कश्मीरी गेट, दिल्ली, हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून के लिए बसें उपलब्ध हैं। बद्रीनाथ एनएच 58 के माध्यम से गाजियाबाद से जुड़ा हुआ है। मंदिर में एंट्री के लिए पर्यटक के पास अपना पहचान पत्र होना जरूरी है। आप अपने वाहन से या बस की सहायता से बद्रीनाथ जा सकते हैं।
फ्लाइट से बद्रीनाथ मंदिर कैसे पहुंचे
How To Reach Badrinath Temple By Flight – देहरादून में जॉली ग्रांट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बद्रीनाथ का निकटतम हवाई अड्डा है। वह लगभग 314 किमी की दूरी पर स्थित है। वह उत्तराखंड के लिए एक प्रमुख घरेलू हवाई अड्डा है। और नई दिल्ली के माध्यम से प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से पर्यटक Badrinath mandir के लिए टैक्सी से बहुत आसानी से जा सकते हैं।

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Badrinath Temple Map बद्रीनाथ मंदिर का लोकेशन
Badrinath Temple Information In Hindi Video
Interesting Facts About Badrinath Temple
- बद्रीनाथ हर साल अप्रैल में एक शुभ दिन अक्षय तृतीया पर खुलता है।
- यहाँ यात्री भीम पुल, व्यास गुफा, गणेश गुफा, शेशनेत्र, पंच धर्म और पंच शिलाओं को देख सकते हैं।
- भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में बद्रीनाथ मंदिर एक है।
- बद्रीनाथ उत्तराखंड के चमोली में नर और नारायण दो पहाड़ों के बीच स्थित है।
- बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
- यह पवित्र मंदिर Char dham तीर्थयात्रा के लिए चार तीर्थ स्थलों में से एक है।
- यहाँ ट्रेकिंग प्रेमी नीलकांत चोटी पर ट्रेक कर सकते हैं।
- पर्यटक माता मूर्ति मंदिर में अगस्त के महीने में मेले में जा सकते हैं।
FAQ
Q .बद्रीनाथ मंदिर कहां है?
Badri to Mata Murti road, Badrinath, Uttarakhand 246422
Q .बद्रीनाथ किस नदी के किनारे है?
बद्रीनारायण मन्दिर उत्तराखण्ड के चमोली में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित है।
Q .बद्रीनाथ मंदिर के निर्माण के लिए किस कत्यूरी शासक ने भूमि दान दी थी?
कत्यूरी राजा राजा शालिवाहन
Q .बद्रीनाथ से केदारनाथ की दूरी कितनी है?
केदारनाथ से बद्रीनाथ की दूरी 41 कि.मी है।
Q .बद्रीनाथ मंदिर को कितने भागों में बांटा गया है?
बद्रीनाथ मंदिर को गर्भगृह, दर्शनमंडप और सभामंडप नाम के तीन भागो में बाटा गया है।
Q .बद्रीनाथ की यात्रा कैसे करें?
ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, चमोली और जोशीमठ से बद्रीनाथ के लिए टैक्सी और बसें उपलब्ध हैं।
Q .बद्रीनाथ मंदिर कौन से राज्य में है?
उत्तराखण्ड
Conclusion
आपको मेरा लेख Badrinath Temple History बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये Badrinath temple inside, Badrinath temple trek
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अगर आपको किसी जगह के बारे में जानना है। तो हमें कमेंट करके जरूर बता सकते है।
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Note
आपके पास Badrinath Temple Opening Date and Closing Date 2022 की जानकारी हैं। या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिख हमे बताए हम अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद।
! साइट पर आने के लिए आपका धन्यवाद !
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There is a temple of shree Narsing Bhagwan in the premises of Badrinath temple.
The Narsing temple was built by Agarwal family living in jodhpur Rajasthan the person was my Nana Maternal Grandfather
Kindly inform me who is looking this temple and his mobile number
Lakhpat Raj Pitti
PubMed 3731127 stromectol for pinworms
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